मीडिया को दिए एक इंटरव्यू में अमूल के एमडी ने बड़ा खुलासा किया है. उन्होंनने एक सवाल के जबाव में बताया है कि कैसे एक 38 फीसद खास वर्ग उनके डेयरी प्रोडक्ट इस्तेमाल करता या खरीदता है. अमूल प्रोडक्ट के खरीदारों में ये एक बड़ा नंबर है. गौरतलब रहे इससे पहले अमूल के पूर्व एमडी डॉ. आरएस सोढ़ी भी किसान तक को दिए एक इंटरव्यू में इस 38 फीसद ग्राहक के बारे में कई खुलासे कर चुके हैं. उनका कहना है कि ये वो वर्ग है जो बाजार में मौजूद खाने-पीने की चीजों के कारोबारी पैटर्न को ही बदल दे रहा है.
यही वजह है कि आज फल-सब्जी से ज्यादा डेयरी-पोल्ट्री प्रोडक्ट और फिश का उत्पादन बढ़ रहा है. यही वो वर्ग है जो आज ई-कॉमर्स प्लेपटफार्म पर भी मौजूद और इसी के चलते आने वाले सात-आठ साल इन तीनों ही सेक्टर के हैं. करीब 1.60 लाख करोड़ का निवेश भी इन्हीं सेक्टर में होने की उम्मीद है.
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अमूल के एमडी जयेन मेहता का कहना है कि अमूल के प्रोडक्ट का 3 फीसद ग्राहक छोटे शहर और गांव-कस्बों का है. ये वो जगह हैं जहां आबादी 20 हजार या उससे भी कम है. जिससे पता चलता है कि हम सिर्फ शहरी ब्रांड नहीं हैं. वहीं डॉ. आरएस सोढी का कहना है कि बाजार में आज नेशनल से ज्यादा सिटी और रीजनल ब्रांड पसंद किए जा रहे हैं. ऐसे ब्रांड जिसके प्रोडक्ट की प्रोसेसिंग स्थानीय स्तर पर ही हुई है. ग्राहकों की इस सोच ने नेशनल ब्रांड बनी कंपनियों की परेशानी को बढ़ा दिया है.
बाजार की सालों-साल पुरानी एक रवायत आज भी कायम है और आने वाले वक्त में भी रहेगी, और वो है टेस्ट, न्यूट्रिशन और बजट में आने वाला प्रोडक्ट. आज दूध का उत्पादन 10 गुना, पोल्ट्री का 23 गुना, फिशरीज का 12 गुना और फल-सब्जी का 5.5 गुना उत्पादन बढ़ चुका है. इसलिए किसानों को उसका उत्पादन बढ़ाना चाहिए जिसकी बाजार में डिमांड हो. ब्रांड और पैकिंग ऐसे प्रोडक्ट के लिए सोने पर सुहागा साबित होते हैं. क्यों कि बाजार की स्टाडी बताती है कि आज देश के गांवों तक में पैक्ड फूड और ब्रांड पर बात हो रही है. हालांकि ये अच्छी बात भी है.
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आरएस सोढ़ी ने बताया कि आज फल-सब्जी से ज्यादा दूध और लाइव स्टॉक का उत्पादन बढ़ रहा है. अगर हम आंकड़ों पर गौर करें तो दूध का उत्पादन 10 गुना, पोल्ट्री का 23 गुना, फिशरीज का 12 गुना और फल-सब्जी का 5.5 गुना उत्पादन बढ़ चुका है. 50 साल पहले दूध् का उत्पादन 24 मिलियन टन था. जबकि आज 231 मिलियन टन पर पहुंच चुका है. अगर हम आंकड़े देखें तो हर 25 साल में दूध का उत्पादन तीन गुना हो जाता है.
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