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Haryana News: सरकारी आदेश ठेंगे पर! अंबाला की बुआना मंडी में शुरू नहीं हुई सरसों की खरीद

Haryana News: सरकारी आदेश ठेंगे पर! अंबाला की बुआना मंडी में शुरू नहीं हुई सरसों की खरीद

हरियाणा सरकार के आदेश अनुसार प्रदेश की अनाज मंडियों में 26 मार्च से सरसों और सूरजमुखी की खरीद का काम शुरू हो जाना चाहिए था. लेकिन 2 दिन बीत जाने के बावजूद अभी तक अंबाला की बुआना अनाज और फल मंडी में इक्का दुक्का ट्रालियां ही सरसों लेकर खड़ी नजर आईं. मंडी के सारे सेट खाली पड़े हैं और किसान अपनी ट्रालियों से सरसों निकालकर सुखाते नजर आए.

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अंबाला की मंडी में शुरू नहीं हुई सरसों की खरीद अंबाला की मंडी में शुरू नहीं हुई सरसों की खरीद

सरकारी आदेश के बावजूद अंबाला की बुआना अनाज मंडी में सरसों की खरीद शुरू नहीं की गई है. इक्का दुक्का किसान ही ट्रालियों में सरसों लेकर यहां आते नजर आए. किसान सरकार की खरीद पॉलिसी से नाराज नजर आ रहे हैं. आढ़तियों का मानना है कि सरकार को उनकी मार्फत खरीदारी करनी चाहिए. मार्केट कमेटी में खरीद करने वाले अधिकारी ने बताया कि अंबाला की जगह नारायणगढ़ और शहजादपुर मंडियों में सरसों की खरीद होगी. हालांकि बुआना मंडी में अभी खरीद शुरू नहीं हुई है.

हरियाणा सरकार के आदेश अनुसार प्रदेश की अनाज मंडियों में 26 मार्च से सरसों और सूरजमुखी की खरीद का काम शुरू हो जाना चाहिए था. लेकिन 2 दिन बीत जाने के बावजूद अभी तक अंबाला की बुआना अनाज और फल मंडी में इक्का दुक्का ट्रालियां ही सरसों लेकर खड़ी नजर आईं. मंडी के सारे सेट खाली पड़े हैं और किसान अपनी ट्रालियों से सरसों निकालकर सुखाते नजर आए. वही सरसों लेकर आए किसान यहां सरसों की खरीद का ब्योरा ना मिलने पर काफी परेशान नजर आए. किसानों ने बताया कि वे अपनी सरसों लेकर यहां मंडी में आए हैं, लेकिन ना ही इनका पोर्टल चल रहा है और ना ही खरीद हो रही है. कब और कहां खरीद होगी इसका कारण नहीं बताया जा रहा है. उनका कहना है कि यदि सरकार आढ़तियों की मार्फत खरीद करे तो उन्हें भी फायदा होगा.

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क्या कहते हैं आढ़ती?

वहीं अनाज मंडी में बैठे आढ़ती निर्मल सिंह की मानें तो उनका कहना है कि सरकार ने जब से आढ़तियों की मार्फत फसलों की खरीद बंद करके डायरेक्ट खरीद शुरू की है, तब से आढ़ती और किसान दोनों परेशान हैं. किसान मुसीबत के समय आढ़ती से पैसा लेकर अपना काम चला लेता है. वहीं बैंकों में जाने से उन्हें पैसे छीने जाने का  डर भी सताता है. निर्मल सिंह का कहना है कि वह किसानों से फसल खरीद कर सफाई करके सरकार को बेचते थे.

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वही मार्केट कमेटी के पूर्व अध्यक्ष बलविंदर सिंह का कहना है कि सरकार द्वारा किसानों को उनकी फसल सीधे बेचने पर काफी लाभ दिए जा रहे हैं. एक तो उनकी फसल का सीधा पैसा बैंकों में जाता है, वहीं आढ़तियों को दी जाने वाली कमिशन से भी छुटकारा मिलता है.

क्या कहते हैं किसान?

मौजूदा समय में सरसों और सूरजमुखी की खरीद करने वाले मार्केट कमेटी के अधिकारी का कहना है कि  सरकार ने अंबाला जिला के मुलाना और शहजादपुर मंडी में सरसों और सूरजमुखी के रजिस्ट्रेशन और खरीद का काम शुरू किया है. किसानों से सरकार 5650 रुपये MSP पर खरीद कर रही है. लिहाजा किसानों को किसी की बातों में आकर भ्रमित नहीं होना चाहिए और सीधे सरकारी खरीद केंद्रों पर जाकर अपनी सरसों और सूरजमुखी की फसल को बेचना चाहिए.