बफैलो (भैंस) का मीट उत्पादन और एक्सपोर्ट करने वालों के लिए बड़ी खबर है. अमेरिकी कृषि विभाग की विदेशी कृषि सेवा द्वारा जारी एक रिपोर्ट पर जाएं तो साल 2024 भैंस का मीट उत्पादन और एक्सपोर्ट करने वालों के लिए बढ़िया रहने वाला है. उत्पादन और एक्सपोर्ट दोनों में ही उछाल आएगा. इसके पीछे रिपोर्ट में तीन खास वजह बताई गई हैं. रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि इस दौरान भारत में पशुओं की संख्या भी बढ़ेगी. गौरतलब रहे मीट के लिए काटी जाने वाली भैंसों की संख्या में भी हर साल इजाफा हो रहा है.
बीते साल दिसम्बर में आई पशुपालन और डेयरी मंत्रालय की रिपोर्ट में भैंसों की बढ़ी हुई संख्या के बारे में बताया गया था. इसमे बकरे और मुर्गों की संख्या का भी जिक्र किया गया था. संस्था की रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय भैंस के मीट की डिमांड सिर्फ इंटरनेशनल मार्केट में ही नहीं देश में भी बढ़ेगी.
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विदेशी कृषि सेवा की रिपोर्ट में बताया गया है कि भैंस के मीट की डिमांड बढ़ने के पीछे सबसे बड़ी वजह तो युवा हैं. युवाओं के बीच भैंस के मांस की डिमांड खूब बढ़ रही है. खासतौर पर पोषक तत्वों की तलाश में युवा अपने खानपान पर खास ध्यान देते हुए खाने पीने की आदतों को बदल रहे हैं. यही वजह है कि देश में नॉनवेज खाने वालों की संख्या बढ़ रही है. खासतौर पर प्रोसेस मीट की डिमांड बढ़ी है. दूसरी वजह है भैंस का मीट रेड मीट की सीरिज में सबसे सस्ता है. आराम से घर और कार्य स्थाल के आसपास कच्चा या फिर बना हुआ मिल जाता है. देश में मवेशियों की बीमारी कंट्रोल होने से भी भैंस का मीट खाने वालों का भरोसा कायम हुआ है.
रिपोर्ट में बताया गया है कि साल 2023 में जनवरी से दिसम्बर तक 10.55 लाख टन भैंस के मीट का एक्सपोर्ट हुआ था. जबकि साल 2024 के लिए उम्मीद है कि मीट का एक्सपोर्ट 10.64 लाख टन पहुंचने की उम्मीद है. रिपोर्ट में भारतीय आंकड़ों का जिक्र करते हुए कहा गया है कि मीट के प्रोडक्ट का एक्सपोर्ट साल 2022-23 (अप्रैल-मार्च) में भारत से कुल पशु उत्पादों के एक्सपोर्ट का लगभग 79 फीसद था.
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रिपोर्ट बताती है कि साल 2023 में भारत से वियतनाम, सऊदी अरब, इराक, संयुक्त अरब अमीरात, जॉर्डन, ओमान, फिलीपींस, हांगकांग में भैंस का मीट और उससे बने प्रोडक्टस का सबसे ज्यादा एक्सपोर्ट हुआ है. कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीईडीए) के आंकड़ों पर जाएं तो इस वित्त वर्ष के अप्रैल-जनवरी में भैंस के मांस का एक्सपोर्ट 10.08 लाख टन था, जिसकी कीमत 300.07 करोड़ डॉलर था, जबकि 0.97 लाख टन की कीमत 200.63 करोड़ डॉलर थी.
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