सोयाबीन के दाम में भारी गिरावट. (सांकेतिक तस्वीर)देशभर में इस वर्ष सोयाबीन किसानों ने मौसम की कठिन परीक्षाओं- भारी वर्षा, कीट प्रकोप और बीमारियों के बावजूद सोयाबीन का बड़ी मात्रा में उत्पादन किया. लेकिन, फसल कटाई के बाद उम्मीद के मुताबिक दाम न मिलने से किसान गहरी निराशा में हैं. मध्यप्रदेश में जहां भावांतर योजना लागू है, वहां भी कई क्षेत्रों में किसान असंतोष जता रहे हैं. किसानों का कहना है कि बाजार भाव और समर्थन मूल्य (MSP) के बीच की दूरी कम होने का नाम नहीं ले रही, जिससे लागत वसूलना मुश्किल हो गया है. दूसरी ओर महाराष्ट्र की मंडियों में स्थिति और चुनौतीपूर्ण दिखाई दे रही है, जहां प्रमुख खरीफ तिलहन फसल सोयाबीन के दाम कई स्थानों पर MSP से नीचे फिसल गए हैं. वर्तमान में सोयाबीन का एमएसपी 5328 रुपये है, लेकिन किसानों को इतना भाव मिलना बड़ा दुर्लभ हो गया है.
महाराष्ट्र राज्य कृषि मार्केटिंग बोर्ड की ओर से जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार, महाराष्ट्र की कई मंडियों में दामों में भारी उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है. 25 नवंबर 2025 को लातूर, अकोला और जलगांव जैसी बड़ी मंडियों में औसत कीमतें 4300 से 4550 रुपये प्रति क्विंटल के बीच रहीं. वहीं, लातूर में सर्वाधिक दाम 4831 रुपये तक पहुंचे, लेकिन नागपुर और सिंधखेड राजा जैसे स्थानों पर औसत भाव क्रमशः 4264 और 4300 रुपये दर्ज हुए.
वहीं, 24 नवंबर के आंकड़े और भी चिंताजनक रहे. चंद्रपुर मंडी में न्यूनतम भाव मात्र 1800 रुपये प्रति क्विंटल तक गिर गया, जो घोषित MSP से काफी नीचे है. यही नहीं, येवला-आंदरसूल में भी न्यूनतम दाम 3100 रुपये तक पहुंच गए. नांदेड़, मजलगांव और शहादा जैसी मंडियों में औसत कीमतें 4300 से 4460 रुपये के दायरे में रहीं, लेकिन यह उतार-चढ़ाव किसानों में असुरक्षा की भावना पैदा कर रहा है. लासलगांव और विंचूर में औसत दाम 4490 से 4550 रुपये के बीच रहे, जिससे थोड़ी राहत रही, लेकिन ये मुनाफे के लिहाज से अपर्याप्त हैं.
| मंडी | आवक (क्विंटल में) | न्यूनतम कीमत (रु./क्विंटल) | अधिकतम कीमत (रु./क्विंटल) | औसत कीमत (रु./क्विंटल) |
| जलगांव | 117 | 3900 | 4575 | 4550 |
| नागपुर | 1408 | 3700 | 4452 | 4264 |
| लातूर | 23548 | 3750 | 4831 | 4550 |
| अकोला | 4004 | 4050 | 5085 | 4455 |
| सिंदखेड़ राजा | 587 | 3900 | 4500 | 4300 |
नोट- ऊपर टेबल में 25 नवंबर 2025 के भाव हैं.
| मंडी | आवक (क्विंटल) | न्यूनतम कीमत (रु./क्विंटल) | अधिकतम कीमत (रु./क्विंटल) | औसत कीमत (रु./क्विंटल) |
| येवला | 75 | 3700 | 4600 | 4522 |
| येवला-आंदरसूल | 7 | 3100 | 4651 | 4000 |
| लासलगांव | 1142 | 3000 | 4570 | 4491 |
| लासलगांव-विंचूर | 960 | 3000 | 4640 | 4550 |
| शहादा | 28 | 3661 | 4476 | 4463 |
| नांदेड़ | 954 | 3645 | 4525 | 4300 |
| माजलगांव | 1588 | 3400 | 4561 | 4400 |
| चंद्रपुर | 75 | 1800 | 4380 | 4020 |
नोट- ऊपर टेबल में 24 नवंबर 2025 के भाव हैं.
किसानों के आर्थिक दबाव की एक प्रमुख वजह यह है कि उत्पादन लागत लगातार बढ़ रही है. इस साल बारिश और बीमारियों के चलते दवाइयों, कीटनाशकों और श्रम लागत में बढ़ोतरी हुई है. वहीं, कई जगहों पर किसानों को नकली और पुराने बीजों के कारण दोबारा बुवाई करनी पड़ी, जिससे उनकी लागत पर असर पड़ा, साथ ही देरी के कारण उत्पादन पर भी इसका असर हुआ.
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