मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य के किसानों से गेहूं खरीद की मात्रा तय कर दी है. इसके साथ ही राज्य कोष से किसानों को उपज के बदले किए जाने वाले भुगतान की राशि भी निर्धारित की है. कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि राज्य में किसानों से उनकी उपज खरीद 15 मार्च से शुरू होगी. इसके लिए सरकारी मंडियों और क्रय केंद्रों पर सारी व्यवस्थाएं की गई हैं. वहीं, धान किसानों को प्रोस्ताहन राशि के रूप में देने के लिए 480 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है.
मध्य प्रदेश के कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने मंगलवार को प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि राज्य में गेहूं किसानों से खरीद 15 मार्च से शुरू होगी. किसानों को 2600 रुपये प्रति क्विंटल की न्यूनतम समर्थन मूल्य का भुगतान किया जाएगा. मंत्रिपरिषद ने रबी मार्केटिंग वर्ष 2025-26 में किसानों को गेहूं खरीद पर बोनस भुगतान और सरप्लस गेंहू के निस्तारण के संबंध में गेंहू उपार्जन पर बोनस राशि 125 रुपये से के स्थान पर राशि में बढ़ाते हुए 175 रुपये प्रति क्विंटल करने का निर्णय लिया है.
कैबिनेट डिसीजन के अनुसार किसानों से गेहूं की खरीद का टारगेट 80 लाख मीट्रिक टन रखा गया है. किसानों को गेंहू के भुगतान के लिए राज्य के कोष से 1400 करोड़ रुपये खर्च किया जाएगा. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेृतत्व में हुई बैठक में कृषि मंत्री एदल सिंह कंषाना और कृषि विभाग के अधिकारियों को मंडियों में सभी व्यवस्थाएं करने के निर्देश दिए गए हैं. बता दें कि केंद्र सरकार ने गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2425 रुपये प्रति क्विंटल रखा है और राज्य सरकार ने इस राशि में 175 रुपये की बढ़ोत्तरी बोनस के रूप में की है.
मध्य प्रदेश के कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि धान खरीद पर किसानों को 4000 रुपये प्रति हेक्टेयर की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी. उन्होंने कहा कि धान उपार्जन के तहत खरीफ मार्केटिंग सीजन 2024 में धान की बिक्री करने वाले किसानों को प्रति हेक्टेयर 4000 रुपये के हिसाब से 6.70 लाख लाख किसानों को 12.20 लाख हेक्टेयर हेक्टेयर में पैदा की गई धान पर राज्य सरकार 480 करोड़ रुपये खर्च करेगी.
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