देशभर में कॉटन की अच्छी डिमांड बनी हुई है. इस वजह से कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया (CAI) ने कपास के उत्पादन और खपत को लेकर चालू मार्केटिंग सीजन 2024-25 के दौरान अपने पिछले अनुमान में संशोधन किया है. यह सीजन सिंतबर 2025 में खत्म होगा. CAI ने मार्केट ट्रेंड को देखते हुए कपास की खपत में दो लाख गांठ की बढ़ोतरी का अनुमान लगाया है. कपास की एक गांठ का वजन 170 किलोग्राम होता है. CAI के नए अनुमान के मुताबिक, चालू सीजन में कपास का उत्पादन 304.25 लाख गांठ के आसपास रह सकता है. इससे पहले CAI ने 302.25 लाख गांठ उत्पदन का अनुमान लगाया था, जो 2 लाख गांठ की बढ़ोतरी दर्शाता है.
CAI की ओर से कपास के उत्पादन के अनुमान में बदलाव की पीछे की वजह तेलंगाना में उत्पादन में बढ़ोतरी है. तेंलगाना में अब 42 लाख गांठ कपास का उत्पादन होने की संभावना है. इससे पहले CAI ने 36 लाख गांठ के उत्पादन का अनुमान लगाया था, जिसमें अब 6 लाख गांठ की बढ़ोतरी होने के आसार हैं. वहीं, उत्तर भारत में उत्पादन 3.5 लाख घट सकता है.
दिसंबर महीने के अंत तक कपास की कुल सप्लाई 176.04 लाख गांठ थी. इसमें 12 लाख गांठ इंपोर्ट की गईं, जबकि 30.19 लाख गांठ शुरुआती स्टॉक भी जुड़ा है. वहीं, खपत की बात करें तो दिसंबर में 84 लाख गांठ की खपत हुई और करीब 7 लाख गांठ एक्सपोर्ट की गईं, जबकि महीने के अंत तक 85.04 लाख गांठ स्टॉक में रहने का अनुमान है.
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'बिजनेसलाइन' की रिपेार्ट के मुताबिक, सीएआई के चेयरमैन अतुल गनात्रा ने उत्पादन और खपत के अनुमान में संसोधन को लेकर कहा कि बाजार में कपास की मांग तेज हुई है, इस वजह से यह बदलाव हुआ है. रिपोर्ट के मुताबिक, देशभर की मंडियों में कपास की डेढ़ लाख से ज्यादा गांठ की आवक हो रही है. सबसे ज्यादा आवक महाराष्ट्र और गुजरात में हो रही है, जबकि
तेलंगाना, कर्नाटक समेत अन्य राज्यों में आवक में गिरावट देखी जा रही है.
बता दें कि सबसे बड़े कपास उत्पादक राज्य महाराष्ट्र की ज्यादातर मंडियों में कपास की कीमतें न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से ऊपर चल रही हैं, जिससे किसानों के चेहरे पर खुशी है. सरकार की ओर से मीडियम स्टेपल कपास की कीमत 7121 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित है. वहीं, लॉन्ग स्टेपल कॉटन की एमएसपी 7521 रुपये निर्धारित है.
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