खरीफ फसलों की बुवाई में इस साल बंपर उछाल आया है. कृषि मंत्रालय के मुताबिक 30 अगस्त तक 1087.33 लाख हेक्टेयर में फसलों की बुवाई हो चुकी है, जबकि पिछले साल की इसी अवधि के दौरान सिर्फ 1066.89 लाख हेक्टेयर एरिया ही कवर हुआ था. यानी पिछले वर्ष के मुकाबले एरिया में 20.44 लाख हेक्टेयर का इजाफा हुआ है, जिसमें सबसे ज्यादा योगदान धान की खेती का है. धान की खेती ने इस साल सारे पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. इसकी रोपाई पूरी हो गई है. इस साल अब तक देश में 408.72 लाख हेक्टेयर में धान की बुवाई और रोपाई हो चुकी है जो पिछले वर्ष के मुकाबले 15.15 लाख हेक्टेयर अधिक है. पिछले साल इस अवधि तक सिर्फ 393.57 लाख हेक्टेयर में ही धान लगाया गया था. यह रकबा साल 2018-19 से 2022-23 तक के औसत 401.55 लाख हेक्टेयर से भी अधिक है.
दलहन फसलों का एरिया 125.13 लाख हेक्टेयर हो गया है जो पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले 8.47 लाख हेक्टेयर अधिक है. पिछले वर्ष 30 अगस्त तक 116.66 लाख हेक्टेयर एरिया था. दलहन फसलों में सबसे अधिक रकबा अरहर का बढ़ा है. अरहर की बुवाई 45.78 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है जो पिछले वर्ष से 5.04 लाख हेक्टेयर ज्यादा है. यह रकबा साल 2018-19 से 2022-23 तक के औसत 45.55 लाख हेक्टेयर से मामूली अधिक है. मूंग की बुवाई 34.76 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है जो पिछले वर्ष की इसी अवधि से 3.88 लाख हेक्टेयर ज्यादा है.
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श्री अन्न यानी मोटे अनाजों की बुवाई 187.74 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि के मुकाबले 6.68 लाख हेक्टेयर ज्यादा है. यह रकबा साल 2018-19 से 2022-23 तक के औसत 180.86 लाख हेक्टेयर से अधिक है. ज्वार की बुवाई 15.16 लाख हेक्टेयर में हुई है जो पिछले वर्ष यानी 2023 की इसी अवधि से 1.10 लाख हेक्टेयर अधिक है.
बाजरा की बुवाई में पिछले साल के मुकाबले 1.26 लाख हेक्टेयर की कमी दर्ज की गई है. इस साल 30 अगस्त तक 69.55 लाख हेक्टेयर में बाजरा की बुवाई हुई है. रागी की बुवाई 10.31 लाख हेक्टेयर में हुई है जो पिछले साल की इसी अवधि से 2.18 लाख हेक्टेयर ज्यादा है. जबकि मक्का की बुवाई 87.27 लाख हेक्टेयर में हुई है जो पिछले वर्ष के मुकाबले 4.41 लाख हेक्टेयर अधिक है.
खरीफ सीजन में पैदा होने वाली तिलहन फसलों का रकबा 190.63 लाख हेक्टेयर हो चुका है जो पिछले वर्ष की इसी अवधि के मुकाबले 1.80 लाख हेक्टेयर अधिक है. मूंगफली के एरिया में सबसे ज्यादा इजाफा 4.09 लाख हेक्टेयर का इजाफा हुआ है. इस साल 30 अगस्त तक 47.49 लाख हेक्टेयर में मूंगफली बोई जा चुकी है. सोयाबीन का एरिया 125.11 लाख हेक्टेयर हो गया है, जो पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले 1.25 लाख हेक्टेयर ज्यादा है.
हालांकि, कपास के रकबे में पिछले साल के मुकाबले 11.37 लाख हेक्टेयर की भारी गिरावट दर्ज की गई है. इस साल अब तक मात्र 111.74 लाख हेक्टेयर में कपास की बुवाई हो सकी है. देश में साल 2018-19 से 2022-23 तक के बीच कपास का औसत एरिया 129.34 लाख हेक्टेयर था. जूट की बुवाई 5.70 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है जो पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले 0.86 लाख हेक्टेयर कम है. जबकि गन्ने की बुवाई 57.68 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है जो पिछले साल से 0.57 लाख हेक्टेयर ज्यादा है.
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