तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने केंद्र सरकार से अपने राज्य के किसानों को आवंटन के अनुसार यूरिया की सप्लाई करने का आग्रह किया. रेवंत रेड्डी ने कहा कि तेलंगाना के कुछ सांसद पहले ही केंद्रीय मंत्रियों के समक्ष यह मुद्दा उठा चुके हैं और स्वीकृत आवंटन के बावजूद राज्य को यूरिया की अपर्याप्त आपूर्ति से उत्पन्न समस्याओं पर प्रकाश डाल चुके हैं. रेड्डी ने अपने राज्य के किसानों के हितों की रक्षा के लिए केंद्र सरकार से यूरिया की तुरंत सप्लाई भेजने की मांग उठाई है.
तेलंगाना के मुख्यमंत्री कार्यालय ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में यह कहा कि चालू खरीफ सीजन के लिए तेलंगाना को 8.30 लाख मीट्रिक टन यूरिया आवंटित किया गया था, लेकिन अब तक केवल 5.32 लाख मीट्रिक टन की आपूर्ति की गई है. यानी लगभग 3 लाख मीट्रिक टन की कमी, इससे राज्य भर के किसानों को काफी कठिनाई हो रही है.
सीएम रेड्डी ने राज्य के सांसदों द्वारा केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री जेपी नड्डा को सौंपे गए ज्ञापन का भी उल्लेख किया. मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि उन्होंने व्यक्तिगत रूप से केंद्रीय मंत्री के समक्ष यह मामला उठाया है और राज्य के कृषि मंत्री तुम्मला नागेश्वर राव ने भी इस मुद्दे पर केंद्र को कई बार पत्र लिखा है. उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र राज्य की वास्तविक जरूरतों के अनुसार यूरिया की आपूर्ति करने में "विफल" होकर तेलंगाना के साथ भेदभाव कर रहा है.
तेलंगाना के मुख्यमंत्री ने केंद्र की निरंतर "लापरवाही" की भी आलोचना की और कहा कि तेलंगाना के सांसदों द्वारा बार-बार किए गए प्रयासों - जिसमें संसद में मामला उठाना और किसानों की ओर से विरोध प्रदर्शन करना शामिल है. इसके बावजूद आपूर्ति अभी भी स्वीकृत कोटे के अनुरूप नहीं है. रेड्डी ने तेलंगाना के किसानों के हितों की रक्षा के लिए स्वीकृत आवंटन के मुताबिक यूरिया की तत्काल आपूर्ति की अपनी मांग दोहराई.
गौरतलब है कि कुछ समय पहले ही तेलंगाना के गन्नेरुवरम मंडल स्थित ग्रोमोर उर्वरक की एक दुकान पर यूरिया को लेकर किसानों ने विरोध प्रदर्शन किया था. उनका आरोप था कि पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध होने के बावजूद उन्हें यूरिया नहीं दिया जा रहा है. परेशान किसानों ने दावा किया था कि एक हफ्ते पहले दुकान पर 650 बैग यूरिया आया था लेकिन किसानों को एक भी बैग नहीं बांटा गया. किसानों ने बताया कि वितरण सेंटर पर बार-बार आने के बावजूद उन्हें खाद नहीं मिल पा रहा है. उनका आरोप है कि यूरिया सरकारी माध्यमों से वितरित करने के बजाय ब्लैक में बेचा जा रहा है.
(सोर्स- PTI)
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