महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने किसानों से कोई भी अतिवादी कदम न उठाने की अपील की और कहा कि राज्य सरकार उनकी मदद के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रही है. बता दें कि डिप्टी सीएम उस घटना का जिक्र कर रहे थे जिसमें अहिल्यानगर के नेवासा तहसील के एक कर्ज में डूबे किसान ने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी. पवार ने कहा कि अच्छी बारिश के कारण पश्चिमी महाराष्ट्र के सभी बांध भर गए हैं. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार उनकी स्थिति पर कड़ी नजर रख रही है.
उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने पुणे में मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि हम शून्य प्रतिशत ब्याज पर कृषि ऋण उपलब्ध करा रहे हैं. केंद्र और राज्य सरकारें किसानों को सालाना 12,500 रुपये दे रही हैं. हमने किसानों के बिजली बिल भी माफ कर दिए हैं. इसके अलावा, लाड़की बहिण योजना के तहत महिलाओं को वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है, जिसके अधिकांश लाभार्थी छोटे किसान परिवारों से हैं. उन्होंने कहा कि इन सभी उपायों के माध्यम से हम कृषक समुदाय को मजबूत समर्थन प्रदान कर रहे हैं. ऐसी स्थिति में किसी भी किसान को कोई अतिवादी कदम उठाने के लिए मजबूर नहीं होना चाहिए.
डिप्टी सीएम अजित पवार ने कहा कि बांधों में पानी की आवक के अनुपात में पानी छोड़ा जा रहा है. पवार ने कहा कि घाट क्षेत्रों को छोड़कर, अन्य क्षेत्रों में 'रेड अलर्ट' (भारी बारिश का) खत्म हो गया है और स्थिति नियंत्रण में है. उन्होंने कहा कि हमने फसल के नुकसान का आकलन करने के लिए पंचनामा (स्थल निरीक्षण) करना शुरू कर दिया है. हम उन किसानों के साथ खड़े हैं जिन्हें बारिश के कारण नुकसान हुआ है.
बता दें कि महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने पिछले हफ़्ते कहा था कि सरकार केवल ज़रूरतमंद किसानों का कर्ज़ माफ़ करेगी, न कि उन किसानों का जो फार्महाउस और बंगले बना रहे हैं. उन्होंने कहा कि पूरी तरह कर्ज़ माफ़ी के बजाय, सरकार उन गरीब किसानों को राहत देने की दिशा में काम कर रही है जिनके खेतों से कुछ नहीं होता, जिन्होंने कर्ज़ लिया है और आत्महत्या के कगार पर हैं.
राज्य विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान सरकार ने सदन को सूचित किया था कि कर्ज माफी दी जानी चाहिए या नहीं और इसे कैसे लागू किया जाना चाहिए, इस पर अध्ययन करने के लिए एक समिति गठित की गई है. सरकार ने कहा था कि समिति द्वारा अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के बाद निर्णय लिया जाएगा.
(सोर्स- PTI)
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