
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने ग्रीष्मकालीन फसलों की बुवाई को लेकर आंकड़े जारी किए हैं, जिनसे पता चला है कि इस साल दलहनी और मोटे अनाजों की खेती का रकबा बढ़ा है, लेकिन धान और तिलहनी फसलों की खेती इस साल कुछ कम हुई है. दरअसल, कृषि और किसान कल्याण विभाग ने ग्रीष्मकालीन फसलों के तहत क्षेत्र कवरेज की प्रगति का 26 मई 2023 को ब्योरा जारी किया है. उसके मुताबिक, जहां 26 मई, 2022 तक ग्रीष्मकालीन फसलों का कुल रकबा 71.99 लाख हेक्टेयर था. वहां 26 मई, 2023 को घटकर 70.30 लाख हेक्टेयर रहा है. जिसमें दलहनी और मोटे अनाजों के रकबे में बढ़ोतरी हुई है, जबकि तिलहनी फसलों और धान की रकबे में मामूली गिरावट दर्ज की गई है.
ऐसे में आइए कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक विस्तार से जानते हैं ग्रीष्मकालीन फसलों में किस फसल का कितना रकबा बढ़ा है और किस फसल का कितना रकबा कम हुआ है-
ग्रीष्मकालीन फसलों के तहत कुल दलहनी फसलों का रकबा इस साल बढ़ा है. 26 मई, 2022 तक जहां दलहनी फसलों का रकबा 19.09 लाख हेक्टेयर था. वहीं 26 मई, 2023 तक रकबा बढ़कर 19.81 लाख हेक्टेयर रहा है. जिसमें हरे चना का रकबा पिछले साल 15.16 लाख हेक्टेयर के मुकाबले बढ़कर 16.33 लाख हेक्टेयर, काले चना का रकबा पिछले साल 3.24 लाख हेक्टेयर के मुकाबले 3.25 लाख हेक्टेयर रहा है. हालांकि, अन्य दलहनी फसलों का रकबा पिछले साल 0.28 लाख हेक्टेयर के मुकाबले घटकर 0.23 लाख हेक्टेयर रहा है.
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ग्रीष्मकालीन फसलों के तहत कुल श्री अन्न यानी मोटे अनाजों का भी रकबा इस साल बढ़ा है. दरअसल, 26 मई 2022 तक जहां मोटे अनाजों का रकबा 11.56 लाख हेक्टेयर था. वहीं 26 मई, 2023 तक बढ़कर 12.01 लाख हेक्टेयर रहा है. जिसमें ज्वार का रकबा पिछले साल 0.22 के मुकाबले 0.28 लाख हेक्टेयर और बाजरे का रकबा पिछले साल 3.99 के मुकाबले 4.74 लाख हेक्टेयर रहा है. हालांकि, रागी का रकबा पिछले साल 0.21 के मुकाबले 0.14 लाख हेक्टेयर रहा है और मक्के का रकबा पिछले साल 7.15 के मुकाबले 6.85 लाख हेक्टेयर रहा है.
कृषि और किसान कल्याण विभाग द्वारा ग्रीष्मकालीन फसलों के तहत क्षेत्र कवरेज की प्रगति ब्योरा के मुताबिक 26 मई, 2022 तक जहां धान की खेती का रकबा 30.33 लाख हेक्टेयर था. वह 26 मई, 2023 तक घटकर 28.30 रहा है. यानी धान की खेती में इस साल गिरावट दर्ज की गई है.
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ग्रीष्मकालीन फसलों के तहत तिलहनी फसलों के रकबे में साल 2023 में गिरावट दर्ज की गई है. दरअसल, 26 मई 2022 तक जहां कुल तिलहनी फसलों का रकबा 11.02 लाख हेक्टेयर था. वहीं 26 मई, 2023 तक घटकर 10.17 लाख हेक्टेयर रहा है. जिसमें मूंगफली का रकबा पिछले साल 5.46 लाख हेक्टेयर के मुकाबले 4.94 लाख हेक्टेयर रहा है. हालांकि, सूरजमुखी का रकबा पिछले साल 0.31 लाख हेक्टेयर के मुकाबले बढ़कर 0.32 लाख हेक्टेयर रहा और तिल का रकबा पिछले साल 4.51 के मुकाबले बढ़कर 4.61 लाख हेक्टेयर रहा है. वहीं अन्य तिलहनी फसलों के रकबे में गिरावट दर्ज की गई है. पिछले साल जहां उनका रकबा 0.74 था, इस साल 0.31 रहा है.
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