एग्री वैल्यू चेन को बढ़ावा देने वाली कंपनी समुन्नति समूह ने अपने कॉर्पोरेट ढांचे को री-स्ट्रक्चर कर दिया है. दरअसल, समुन्नति ने एग्रीकल्चर लोन समेत सभी तरह के एनएबीएफसी कार्यों के लिए जिम्मेदारी समुन्नति फाइनेंस प्राइवेट लिमिटेड (SFPL) को सौंपी है. जबकि, एफपीओ समेत दूसरे कार्यों के लिए समुन्नति के पास पहले की तरह स्वामित्व रहेगा. कंपनी की ओर से कहा गया है कि यह नया कॉर्पोरेट इंफ्रास्ट्रक्चर हमारे एग्रीकल्चर इकोसिस्टम को मजबूत बनाने के नजरिए के साथ ही सामंजस्य बेहतर करने के लिए रणनीतिक पहल का हिस्सा है. इससे कारोबार और कृषि के विकास में तेज गति से काम किए जा सकेंगे.
एग्री वैल्यू चेन का सबसे विश्वसनीय नाम समुन्नति की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि कंपनी ने अपने कॉर्पोरेट ढांचे में रणनीतिक पुनर्गठन किया है. इसका उद्देश्य फाइनेंस, मार्केट लिंकज और सलाहकार समाधान जैसे क्षेत्रों में तेजी से आसान तरीके से सहायता दी जा सके. इस नए पुनर्गठित ढांचे के तहत एनबीएफसी लोन बिजनेस अब इसकी पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी समुन्नति फाइनेंस प्राइवेट लिमिटेड के जरिए संचालित किया जाएगा.
समुन्नति का मानना है कि समूह स्तर के इस ढांचे में यह बदलाव 20 दिसंबर 2024 से प्रभावी होगा. एग्रीकल्चर इकोसिस्टम के विभिन्न भागीदारों के साथ सहयोग की उनकी क्षमता को और बेहतर बनाएगा और बड़े स्तर पर इंटीग्रेटेड सॉल्यूशन पेश करने में मददगार होगा. इससे प्रभावी ढांचा तैयार होगा जो क्षेत्र की बदलती जरूरतों को बेहतर ढंग से पूरा कर सकेगा.
नए कॉर्पोरेट स्ट्रक्चर पर समुन्नति के समूह सीईओ अनिल कुमार एसजी ने कहा कि यह नया कॉर्पोरेट ढांचा हमारे एग्रीकल्चर इकोसिस्टम को मजबूत बनाने के नजरिए के साथ ही सामंजस्य बेहतर करने की दिशा में रणनीतिक पहल है. हमें विश्वास है कि यह बदलाव हमें अपने पार्टनर्स के साथ अधिक प्रभावी ढंग से सहयोग करने और वैल्यू चेन में इनोवेशन, सॉल्यूशन देने में सक्षम बनाएगा. कहा गया कि यह कदम समुन्नति की यात्रा में मील का पत्थर है, जो भारत के कृषि क्षेत्र में स्थायी विकास को बढ़ावा देने में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका को और मजबूत करता है.
कुछ सप्ताह पहले समुन्नति समूह ने अपना पहला 50 करोड़ रुपये का ग्रीन बॉन्ड जारी किया है. सीईओ ने अनिल कुमार ने कहा कि ग्रीन बॉन्ड का महत्व ये है यह पहला ऐसा एक डेट इंस्ट्रूमेंट है जो NBFC ने इश्यू किया है और BSE पर लिस्ट हुआ है. उन्होंने कहा कि यह उदाहरण बनेगा और बहुत सारे ऐसे इंस्ट्रूमेंट आ सकते हैं, जिससे क्लाइमेंट स्मार्ट एग्रीकल्चर वाले प्रोजेक्ट को राशि मिलने में सुविधा हो सकेगी. ग्रीन बॉन्ड की यह 50 करोड़ की धनराशि देश में विभिन्न एग्री वैल्यू चेन में क्लाइमेंट स्मार्ट एग्रीकल्चर सॉल्यूशन को अपनाने में मदद करेगी. यह 50 करोड़ की राशि कृषि क्षेत्र के क्लाइमेट स्मार्ट एग्रीकल्चर सेगमेंट में ग्रीन प्रोजेक्ट में इस्तेमाल की जा रही है.
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