आलू का बिजनेस बिना कोल्ड स्टोरेज के चल पाना असंभव है, क्योंकि आलू की फसल साल भर नहीं होती है. इसका उत्पादन मुख्य तौर पर अक्टूबर से फरवरी के बीच होता है और कभी-कभी मार्च तक उत्पादन होता है. लेकिन आलू व्यवसाय के लिए सालभर लगातार सप्लाई की जरूरत होती है. ऐसे में आलू के लिए कोल्ट स्टोरेज एक अनिवार्य शर्त है, ताकि आलू खराब न हों और नई फसल आने तक सप्लाई निरंतर रूप से बनी रहे. इसलिए अब आलू प्रोसेसर्स अत्याधुनिक कोल्ड स्टोरेज और मैन्युअल हैंडलिंग के माध्यम से आलू की शेल्फ लाइफ बढ़ाने में लगे हुए है.
बिजनेसलाइन की रिपोर्ट के मुताबिक, आलू उद्योग से जुड़ी कंपनी HyFarm के सीईओ एस सौंदरारादज़ाने ने बताया कि कोल्ड स्टोरेज तीन प्रकार के होते हैं. पहला- पारंपरिक बैग कोल्ड स्टोरेज, दूसरा- बल्क कोल्ड स्टोरेज और तीसरा- बॉक्स कोल्ड स्टोरेज. सौंदरारादज़ाने ने कहा कि आलू को सबसे ज्यादा शेल्फ लाइन बैग कोल्ड स्टोरेज में मिलती है, इसमें आलू को बैग में रखा जाता है और 68 महीनों तक सुरक्षित रहता है. हालांकि, आलू बेस्ट क्वालिटी का होना चाहिए.
HyFarm के सीईओ ने कहा कि बल्क और बॉक्स कोल्ड स्टोरेज में 10-11 महीनों तक आलू का भंडारण संभव है. प्रोसेसर्स को सालभर आलू की जरूरत पड़ती है. लेकिन फ़्रेंच फ़्राइज़ और क्रिस्प में इस्तेमाल होने वाले आलू 10 महीने पुराना होने पर इनमें चीनी की मात्रा बढ़ने की समस्या देखने को मिल सकती है. वहीं, आलू की बुवाई में देरी होने से भी कई बार आवक पर असर पड़ता है. ऐसा होने पर सप्लाई की कमी से प्रोसेसर की क्षमता पर बुरा असर पड़ता है.
उन्होंने विभिन्न कोल्ड स्टोरेज में आलू भंडारण के खर्च की जानकारी देते हुए कहा कि बैग कोल्ड स्टोरेज में आलू भंडारण के लिए 2.45 रुपये प्रति किलोग्राम का खर्च आता है और एक बैग में 50 किलो आलू स्टोर किए जाते हैं. वहीं, बल्क स्टोरेज में आलू भंडारण की लागत 5.40 रुपये प्रति किलोग्राम होती है, जबकि बॉक्स स्टोरेज में 5.60 रुपये प्रति किलोग्राम है का खर्च आता है.
सौंदरारादज़ाने ने कहा कि गुजरात में उनके पास 400 कोल्ड स्टोरेज हैं, इनमें से सिर्फ 14 बल्क कोल्ड स्टोरेज और तीन बॉक्स कोल्ड स्टोरेज है. बाकी के सभी बैग कोल्ड स्टोरेज हैं. उन्होंने कहा कि 5 बल्क कोल्ड स्टोरेज उनकी जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त है और इनमें लंबे समय तक आलू स्टोर करके रखे जा सकते हैं. उन्होंने बताया कि आलू भंडारण के लिए व्यवसायी लागत बचाने के लिए बैग कोल्ड स्टोरेज के इस्तेमाल पर जोर देते है, क्योंकि अन्य विकल्पों में खर्च ज्यादा आता है. उन्होंने कहा कि आलू के भंडारण में टेक्नोलॉजी का एक बड़ा रोल है और आधुनिक कोल्ड स्टोरेज सिस्टम अब काफी हद तक ऑटोमैटिक बना दिए गए हैं.
अब आलू खेत से सीधा जंबो बैग में भरा जाता है और हुक के इस्तेमाल से 25 टन के टिपर ट्रकों पर लोड कर दिया जाता है. बाद में इन्हें कोल्ड स्टोरेज में एक हॉपर में ट्रांसफर कर दिया जाता है, यहां इनकी छंटाई होती है और भंडारण पूरी तरह ऑटोमैटिक होता है. एस. सौंदरारादज़ाने ने कहा कि आधुनिक कोल्ड स्टोरेज का कॉन्सेप्ट प्रोसेसर्स को काफी पसंद आ रहा है. उनकी कंपनी हाइफार्म ने ऐसी चार बल्क यूनिट किराए पर ली हैं. वहीं मकेन इंडिया और पेप्सिको जैसे प्रोसेसर्स भी आधुनिक कोल्ड स्टोरेज को अपना रहे हैं. उन्होंने बताया कि मकेन इंडिया बीजों के लिए बॉक्स स्टोरेज का इस्तेमाल करता है, जबकि पेप्सिको कच्चे माल के लिए बॉक्स स्टोरेज को अपनाता है.
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