प्याज किसानों की बीते कुछ सालों से मुश्किलें बढ़ी हुई हैं. प्याज के गिरते दामों ने साल 2022 से किसानों की परेशानियां बढ़ाई हुई हैं. कई बार महाराष्ट्र के किसानों की तरफ से एक रुपये किलो प्याज बेचने की खबरें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मीडिया की सुर्खियां बनी थीं. इस बीच अगस्त 2023 में प्याज के दामों ने थोड़ी स्पीड़ पकड़ी थी तो सरकार की तरफ से पहले प्याज एक्सपोर्ट पर 40 फीसदी ड्यूटी लगा दी थी, जिसके बाद प्याज के दामों में नियंत्रण के लिए 8 दिसंबर 2023 को प्याज एक्सपोर्ट पर बैन लगा दिया था. प्याज एक्सपोर्ट बैन के बाद महाराष्ट्र की मंंडियों में प्याज के थाेक दाम 4000 रुपये प्रति क्विंटल से गिरकर 800 से 1000 रुपये क्विंटल तक पहुंच गए थे.
इस वजह से किसानों की परेशानियां बढ़ गई थीं, मसलन प्याज को खराब होने से बचाने के लिए किसानों को लागत से कम प्याज बेचने पर मजबूर होना पड़ा, लेकिन लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार ने एक बार फिर प्याज एक्सपोर्ट को हरी झंडी दिखा दी गई है.आइए जानते हैं कि प्याज एक्सपोर्ट का ये फैसला क्या है और इससे किसानों को कितना फायदा मिलेगा.
प्याज एक्सपोर्ट बैन के तकरीबन 85 दिन बाद केंद्र सरकार की तरफ से प्याज एक्सपोर्ट को हरी झंडी दिखाई दी गई है, जिसके तहत केंद्र सरकार ने सशर्त प्याज एक्सपोर्ट को मंंजूरी दी है. बीते दिनों वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय की तरफ से इस संबंध की अधिसूचना यानी नोटिफिकेशन जारी किया गया है. नोटिफिकेशन के अनुसार भारत से संयुक्त अरब अमीरात और बांग्लादेश को प्याज एक्सपोर्ट किया जाएगा. दोनों ही देशों को कुल 64,400 टन प्याज एक्सपोर्ट किया जाएगा.
वहीं ये भी जानकारी है कि भूटान, मारिशस और बहरीन को तकरीबन 4700 टन भारत से एक्सपोर्ट किया जाना है. प्याज एक्सपोर्ट को मिली इस मंंजूरी में विशेष ये है कि प्याज एक्सपोर्ट नेशनल कोऑपरेटिव एक्सपोर्ट्स लिमिटेड (NCEL) की तरफ से किया जाएगा. NCEL सहकारिता मंत्रालय के अधीन काम करता है, जिससे स्पष्ट है कि प्याज एक्सपोर्ट भारत सरकार की तरफ से किया जाएगा.
NCEL की तरफ से प्याज एक्सपोर्ट किया जाना है. वहीं दूसरी तरफ सरकार के बफर जोन में प्याज का स्टॉक है. ऐसे में प्याज एक्सपोर्ट के इस फैसले से किसानों को कितना फायदा होगा. इसकी पड़ताल किसान तक ने की. इस संबंध में हमने नेफेड के निदेशक अशोक ठाकुर से बात की. प्याज एक्सपोर्ट के फैसले से किसानों को कितना फायदा होगा इस संबंध में पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि ऐसे फैसले का लाभ प्राकृतिक तौर पर किसानों को होता है. अगर सरकार एक्सपोर्ट के लिए व्यापारियों से भी प्याज खरीदती है तो इसका सीधा फायदा किसानों को होगा. उन्होंने कहा कि अभी कई किसानों के एफपीओ ने प्याज भंडारण किया है. उनके पास प्याज का स्टॉक होगा.अगर अगर इतनी बड़ी मात्रा में प्याज एक्सपोर्ट की जानकारी बाजार में पहुंचती है तो भाव में बढ़ोतरी होगी. जिन्होंने किसानों के स्टॉक में प्याज होगा, तो उन्हें बेहतर दाम मिलेगा.
वहीं इस संबंध में नासिक मंडी के व्यापारी, प्याज एक्सपोर्टर और हार्टिकल्चर प्रोड्यूसर एक्सपोर्ट एसोसिएशन के सदस्य मनोज जैन ने बताया कि बीते रोज प्याज एक्सपोर्ट को लेकर विभाग और एसोसिएशन की बैठक हुई थी. इस बैठक में सरकार ने स्पष्ट किया है कि मांग को लेकर जिसकी भी बोली सबसे अधिक होगी, वह स्वीकारी जाएगी. तो वहीं आपूर्ति में सबसे दाम वाली बोली को स्वीकारा जाएगा. जिसका मतलब ये है कि विभाग एक व्यापारी की तरफ प्याज एक्सपोर्ट करेगी. उन्होंने कहा कि प्याज के दामों में बीते कुछ दिनों में तेजी दर्ज की गई है. मसलन, मंडी में प्याज का थोक भाव 18 से 20 रुपये प्रतिकिलो तक पहुंच गया है.
इसका कारण वह बताते हुए कहते हैं कि मंडियों में प्याज की आवक कम है. एमपी में ओले गिरे और गुजरात में भी बारिश हुई है. इस वजह से मंंडी में आवक कम है और होली तक मांग अधिक रहेगी. इस वजह से 4 रुपये प्रतिकिलो तक दाम बढ़े हैं. जिसमें अभी और तेजी हो आ सकती है.
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