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खरीफ प्याज खेती से किसान बढ़ा सकते हैं कमाई, जानिए कौन-कौन सी हैं अच्छी किस्में

खरीफ प्याज खेती से किसान बढ़ा सकते हैं कमाई, जानिए कौन-कौन सी हैं अच्छी किस्में

खरीफ मौसम में प्याज की फसल अक्तूबर-नवम्बर में तैयार होती है. इससे अक्तूबर माह में प्याज की आसमान छूती कीमतों को सामान्य बनाए रखने में सहायता मिलती है. बीज बुवाई का समय मई और जून के महीनों में होता है. इसलिए इस समय किसान इसकी खेती को लेकर तैयारी कर सकते हैं.

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जानिए प्याज़ की अच्छी किस्मों के बारे में जानिए प्याज़ की अच्छी किस्मों के बारे में

प्याज की खेती किसानों के लिए आय का अच्छा विकल्प है. खरीफ मौसम में प्याज का उत्पादन एक खमहत्वपूर्ण कृषि गतिविधि है. यह कृषि में महत्वपूर्ण स्थान रखती है. प्याज एक प्रमुख नकदी फसल है और इसकी खेती व्यापक रूप से देश के विभिन्न भागों में की जाती है. भारत में प्याज का व्यापक उत्पादन होता है, जिसे चीन के बाद दूसरे स्थान पर रखा जाता है. यह फसल मुख्य रूप से महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, तमिलनाडु, ओडिशा, मध्य प्रदेश और अन्य राज्यों में उगाई जाती है. महाराष्ट्र में प्याज की तीन फसलें हर साल उगाई जाती हैं. जबकि उत्तर भारत में इसकी खेती केवल रबी मौसम में होती है. फिलहाल, अगर बीज की किस्म अच्छी है तो किसानों को अच्छा उत्पादन और लाभ मिल सकता है.

खरीफ मौसम में प्याज की फसल अक्तूबर-नवम्बर में तैयार होती है. इससे अक्तूबर माह में प्याज की आसमान छूती कीमतों को सामान्य बनाए रखने में सहायता मिलती है. रबी फसल अप्रैल-मई में पक जाती है और इसका भंडारण अगस्त-सितंबर तक ही संभव होता है. उत्पादकों और विक्रेताओं को इसे जल्दी से उपयोग में लाने के लिए, यह अवधि महत्वपूर्ण होती है क्योंकि पौधों में अंकुरण शुरू हो जाता है. इसके कारण उत्तरी भारत में अक्तूबर महीने से प्याज की कमी का अनुभव होता है. इन दिनों यहां प्याज की कीमतें बहुत ज्यादा बढ़ जाती हैं. ऐसे में खरीफ मौसम में उत्पादन वर्षभर प्याज की उपलब्धता और किसानों की आय को बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण विकल्प है. 

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खरीफ प्याज की प्रमुख किस्में

बसवंत-780: यह भारतीय खरीफ प्याज की प्रमुख किस्म है. इसके प्याज का आकार बड़ा होता है और रंग गहरा लाल होता है. इसकी पैदावार उच्च होती है और इसे विभिन्न क्षेत्रों में उगाना संभव होता है.

भीमा डार्क रेडः यह एक रंगीन खरीफ प्याज की किस्म है जिसका रंग गहरा लाल होता है. इस प्याज का आकार मध्यम से बड़ा होता है और पैदावार उच्च होती है. यह किस्म उच्च तापमान और उच्च वर्षा वाले क्षेत्रों के लिए उपयुक्त होती है.

अर्का कल्याणः यह एक औद्योगिक खरीफ प्याज की किस्म है. इस प्याज का आकार बड़ा और रंग गहरा लाल होता है. इसकी पैदावार उच्च होती है. यह उच्च तापमान और अधिक वर्षा वाले क्षेत्रों में अच्छी तरह से उगाने के लिए उपयुक्त होती है.

एग्रीफाउण्ड डार्क रेडः प्याज गहरे लाल रंग के होते है और इनका व्यास 5.43 सें.मी. होता है. यह किस्म 100 दिनों में पूरी तरह से पकने के लिए तैयार हो जाती है. इसकी प्रति हेक्टेयर औसतन उपज 165 से 225 क्विंटल तक होती है.

खेती के लिए इन बातों का रखें ध्यान

उपयुक्त जलवायुः खरीफ प्याज की खेती के लिए मानवीय धारणा करते हुए सही जलवायु का चयन अत्यंत महत्वपूर्ण है.

उचित बीज चयनः अच्छी गुणवत्ता वाले प्याज के बीजों का उचित चयन करना आवश्यक है.

खेती की जमीनः खरीफ प्याज के लिए अच्छी जल निकासी प्रणाली और पोषक तत्वों से भरपूर मृदा उपयुक्त है.

बुआईः बीज बुवाई का समय मई और जून के महीनों में होता है.

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