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बांग्लादेश में महंगाई से जनता त्रस्त, 60 रुपये किलो हुआ आलू तो 70 रुपये में 1 kg मिल रहा है प्याज

बांग्लादेश में महंगाई से जनता त्रस्त, 60 रुपये किलो हुआ आलू तो 70 रुपये में 1 kg मिल रहा है प्याज

कल्याणपुर रसोई बाजार के एक खरीदार, साह आलम ने कहा कि किसानों ने एक महीने पहले आलू की कटाई की थी. लेकिन कीमतें पहले से ही इतनी ऊंची हैं और भविष्य में और भी बढ़ेंगी. आलू की कीमतें अन्य सब्जियों की तुलना में कम होती थीं. अगर सभी वस्तुओं की कीमतें बढ़ती रहीं, तो यह हमारे जैसे कम आय वाले लोगों के लिए एक बड़ी चिंता होगी.

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आलू की कीमत में बंपर बढ़ोतरी. (सांकेतिक फोटो) आलू की कीमत में बंपर बढ़ोतरी. (सांकेतिक फोटो)

आलू की बढ़ती कीमत से सिर्फ भारत की ही जनता परेशान नहीं है, बल्कि बांग्लादेश में भी महंगाई ने लोगों का बजट खराब कर दिया है. राजधानी ढाका में आलू की खुदरा कीमतें बांग्लादेशी मुद्रा में 50 रुपये किलो से ज्यादा हो गई हैं. इसी तरह प्याज भी महंगा हो गया है. ढाका के कारवां बाजार, मोगबाजार और कल्याणपुर रसोई बाजार में आलू  55 से 60 रुपये किलो बिक रहा है. इसी तरह प्याज की खुदरा कीमत 65 से 70 रुपये किलो है. ट्रेडिंग कॉरपोरेशन ऑफ बांग्लादेश के बाजार भाव के अनुसार, शुक्रवार को राजधानी में नए आलू किस्म के आधार पर 48 से 50 रुपये किलो बिक रहे थे.

द बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, सरकारी एजेंसी के आंकड़ों की समीक्षा से पता चलता है कि पिछले साल बाजार में आलू की कीमतों में 68 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. वहीं, प्याज की कीमतें 78 फीसदी तक बढ़ गई हैं. पिछले साल इसी समय के आसपास प्याज 30 से 40 रुपये प्रति किलो बिका था. कारवां बाज़ार के खुदरा विक्रेता अब्दुस समद ने ईद से पहले थोक में 38 रुपये प्रति किलोग्राम पर आलू और 45 रुपये प्रति किलोग्राम पर प्याज खरीदा था.

10 रुपये किलो हुआ महंगा

उन्होंने शुक्रवार को टीबीएस को बताया कि आलू और प्याज की कीमत लगभग 10 रुपये प्रति किलोग्राम बढ़ गई है. ईद के बाद, मैंने थोक में 45 रुपये में आलू और 55 रुपये प्रति किलोग्राम में प्याज खरीदा. जानकारी के लिए बता दें कि बांग्लादेश में टका चलता है. भारत का 1.50 रुपये बांग्लादेश के 2 टका के बराबर होता है.

होलसेल रेट में महंगा हुआ प्याज

कल्याणपुर रसोई बाजार के एक खरीदार, साह आलम ने कहा कि किसानों ने एक महीने पहले आलू की कटाई की थी. लेकिन कीमतें पहले से ही इतनी ऊंची हैं और भविष्य में और भी बढ़ेंगी. आलू की कीमतें अन्य सब्जियों की तुलना में कम होती थीं. अगर सभी वस्तुओं की कीमतें बढ़ती रहीं, तो यह हमारे जैसे कम आय वाले लोगों के लिए एक बड़ी चिंता होगी. सरकार को इस पर निगरानी बढ़ाने की जरूरत है. मोगबाजार के एक खुदरा विक्रेता हृदोय ने कहा कि मैंने कीमत और परिवहन लागत सहित प्याज पर प्रति किलोग्राम 60 रुपये खर्च किए. हमें दुकान के उच्च किराए पर भी विचार करना होगा. अगर मैं इसे 70 रुपये प्रति किलो बेचता हूं तो लाभ नहीं कमा पाऊंगा.

अभी कीमतों में और होगी बढ़ोतरी

आलू की कीमतों को लेकर बांग्लादेश कोल्ड स्टोरेज एसोसिएशन के अध्यक्ष मुस्तफा आजाद चौधरी ने पिछले महीने कहा था कि पिछले साल कोल्ड स्टोरेज में भंडारित आलू की कीमत 8 से 12 रुपये प्रति किलोग्राम थी. इस साल भंडारित किए जा रहे आलू की कीमत 25 से 30 रुपये किलो है. जब ये आलू बाज़ार में आएगा, तो खुदरा कीमतें भी पिछले साल की तुलना में कई गुना अधिक होंगी. आज़ाद ने कहा कि जलवायु परिवर्तन, प्राकृतिक आपदाओं और बीमारियों के कारण इस वर्ष आलू के उत्पादन में कम से कम 20 फीसदी की कमी आई है.