
Nimari Cow Dairy Farming: निमाड़ी गाय एक देसी नस्ल की गाय है जो मध्य प्रदेश राज्य के बड़वानी, खरगोन, खंडवा और हरदा के कुछ हिस्सों सहित नर्मदा घाटी के निमाड़ी में पाई जाती है. महाराष्ट्र के जलगांव जिले में भी कुछ मवेशी पाए जाते हैं. निमाड़ी एक दोहरे उद्देश्य वाली नस्ल है. निमाड़ी गाय के बैल बहुत ताकतवर होते हैं, जिनका उपयोग मुख्य रूप से बोझा ढोने और कृषि कार्यों में किया जाता है. इनका उपयोग कभी-कभी परिवहन के उद्देश्य से भी किया जाता है. इस नस्ल की गायें औसत दूध देने वाली मानी जाती हैं.
एनडीडीबी के अनुसार निमाड़ी नस्ल की गाय एक ब्यान्त में औसतन 600-954 लीटर तक दूध देती है. इसके दूध में अधिकतम औसतन 4.9 प्रतिशत फैट पाया जाता है. यह नस्ल गर्मी में भी दूध देने की क्षमता बरकरार रखती है. ऐसे में आइए विस्तार से जानते हैं निमाड़ी गाय की पहचान और विशेषताएं-
• निमाड़ी नस्ल की मवेशियों शरीर के विभिन्न हिस्सों पर सफेद रंग के छींटों के साथ लाल रंग के होते हैं.
• मवेशी सुडौल, सुगठित और ताकतवर होते हैं.
• सिर मध्यम लम्बा और माथा थोड़ा उभरा हुआ होता है.
• शरीर लंबा, सीधी पीठ और आमतौर पर उभरे हुए कूल्हे होते हैं.
• मवेशी स्वभाव से आक्रामक होते हैं.
• सींग आमतौर पर पोल के बाहरी कोणों से पीछे की दिशा में निकलते हैं, ऊपर की ओर, बाहर की ओर और अंत में अंदर की ओर मुड़ते हैं.
• कभी-कभी सींग कॉपर के रंग के और नुकीले होते हैं.
• कान मध्यम लंबे और चौड़े होते हैं.
• बैल के शरीर की औसत लंबाई 127 सेमी और गाय की 113 सेमी होती है.
• बैल के शरीर की औसत ऊंचाई 132 सेमी और गाय की 114 सेमी होती है.
• बैल के शरीर का औसत वजन 390 किलोग्राम और गाय का 339 किलोग्राम होता है.
• त्वचा ठीक और थोड़ी ढीली होती है.
• पूंछ लंबी और पतली होती है और काला स्विच जमीन तक पहुंचता है.
• खुर मजबूत होते हैं और पथरीली जमीन पर खुरदुरे घर्षण को सहन करने में सक्षम होते हैं.
• बैलों में कूबड़ अच्छी तरह से विकसित होता है और कभी-कभी लटक जाता है.
• इस नस्ल की गायों के थन आमतौर पर अच्छी तरह से विकसित होते हैं.
• गाय एक ब्यान्त में औसतन 600-954 लीटर तक दूध देती है.
• इसके दूध में अधिकतम औसतन 4.9 प्रतिशत फैट पाया जाता है.
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