नेफेड खरीदेगी 'महंगा' प्याज... फ‍िर भी इन 5 वजहाें से नाराज हैं क‍िसान

नेफेड खरीदेगी 'महंगा' प्याज... फ‍िर भी इन 5 वजहाें से नाराज हैं क‍िसान

नेफेड के माध्यम से ऊंचे दामों में प्याज खरीदारी की घोषणा के बाद भी क‍िसानों की नाखुशी का कई कारण हैं. आइए जानते हैं क‍ि आख‍िर सरकारी राहत की घोषणा के बाद भी क‍िसान नाखुश क्यों हैं.

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नेफेड खरीदेगी 'महंगा' प्याज... फ‍िर भी इन 5 वजहाें से नाराज हैं क‍िसान  प्याज पर एक्सपोर्ट ड्यूटी लगाने का क‍िसान व‍िरोध कर रहे हैं-GFX Sandeep Bhardwaj

प्याज पर फ‍िर चर्चाओं में हैं. लंबे समय बाद बाजार में प्याज के दाम चढ़े हैं तो वहीं सरकार ने दामों पर न‍ियंत्रण की एक्साइज शुरू कर दी है. ज‍िसके तहत बीते दिनों केंद्र सरकार ने प्याज पर एक्सपोर्ट ड्यूटी लगा दी थी, लेक‍िन देश के प्याज क‍िसानों को केंद्र सरकार का ये फरमान पसंद नहीं आ रहा है. असल में महाराष्ट्र देश का प्रमुख प्याज उत्पादक राज्य है. यहां के क‍िसान प‍िछले दो सालों से एक रुपये से लेकर 10 रुपये क‍िलो तक प्याज बेच रहे थे, लेकि‍न बीते द‍िनों प्याज के दामों में तेजी आई थी. नास‍िक की मंडी में ही प्याज का थोक भाव 25 रुपये क‍िलो तक पार कर गया था, ज‍िसे देखते हुए केंद्र सरकार ने प्याज पर एक्सपोर्ट ड्यूटी लगा दी थी. ज‍िसके व‍िरोध में क‍िसान सड़कों पर उतरे हुए हैं तो वहीं कई मंडि‍यों में कारोबार ठप रहा है.

इस बीच प्याज क‍िसानों के इस मूवमेंट का असर राजनीत‍िक भी हुआ. ज‍िसके बाद महाराष्ट्र के कृष‍ि मंत्री ने केंद्रीय वाण‍िज्य मंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात की. ज‍िन्होंने घोषणा करते हुए बताया क‍ि सरकार ने तय क‍िया है क‍ि वह नेफेड व अन्य सहकारी एजेंसी के माध्यम से क‍िसानों से प्याज की खरीदारी करेगी. साथ ही उन्होंने बताया क‍ि पहली बार नेफेड के माध्यम से 24.10 रुपये क‍िलाे के माध्यम से प्याज क‍िसानों से खरीदी जाएगी, लेक‍िन इसके बाद भी क‍िसान नाराज हैं. आइए 5 पॉइंट में समझते हैं क‍ि क‍िसानों की नाराजगी की वजह क्या है.               

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  1. नेफेड की प‍िछली खरीदारी का खराब अनुभव: प्याज पर जारी संग्राम पर लगाम लगाने के ल‍िए केंद्र सरकार ने नेफेड के माध्यम से ऊंचे दामों में प्याज खरीदने का ऐलान क‍िया है, लेक‍िन क‍िसान फ‍िर भी नाखुश हैं. क‍िसानों का कहना है क‍ि नेफेड पहले भी सरकारी घोषणा के बाद प्याज खरीदारी का ऐलान कर चुकी है, लेक‍िन ये प्याज क‍ि‍न क‍िसानों से खरीदी जाती है, इसकी जानकारी उन्हें नहीं है. नास‍ि‍क के क‍िसान नेता भारत द‍िघोले कहते हैं क‍ि नेफेड ने प‍िछली बार क‍िन क‍िसानों से प्याज खरीदी की है. इसकी जानकारी सार्वजनि‍क करनी चाह‍िए. वह आरोप लगाते हैं क‍ि नेफेड ने पि‍छली खरीदारी कुछ चुन‍िंंदा लोगों से की है, जो अपने आपमें एक बड़ा घोटाला है.          
  2. स‍िर्फ 2 लाख टन प्याज की खरीदारी: नेफेड के माध्यम से ऊंचे दामों में प्याज खरीदारी की घोषणा के बाद भी क‍िसानों की नाखुशी का एक प्रमुख कारण ये भी है क‍ि अब स‍िर्फ 2 लाख टन प्याज की खरीदारी की जानी है. क‍िसानों का कहना है क‍ि महाराष्ट्र में प्याज का कुल उत्पादन 300 लाख टन से भी अध‍िक है. तो वहीं लंबे समय से प्याज को बेहतर दाम नहीं म‍िले हैं. क‍िसानों ने बेहतर दाम म‍िलने की चाह में प्याज को स्टाक करके रखा हुआ है. ऐसे में दो लाख टन प्याज खरीदारी की घोषणा ऊंट के मुंह में जीरे की तरह है. 
  3. स‍िर्फ अच्छे ग्रेड वाले प्याज की खरीदारी :क‍िसानों का कहना है क‍ि ये सच है क‍ि पहली बार नेफेड के माध्यम से दाम तय करके प्याज की खरीदारी की जा रही है और दाम भी 24.10 रुपये क‍िलो हैं, जो अभी तक सबसे बेहतर दाम है. लेक‍िन ये दाम क‍िसानों के ल‍िए एक बड़ी चुनौती है. ह‍िंगोली के प्याज क‍िसान दत्तात्रेय कहते हैं क‍ि बार‍िश की वजह से बड़ी संख्या में क‍िसानों का प्याज खराब हुआ है. वह कहते हैं क‍ि 40 फीसदी प्याज की सही है, जबकि‍ 60 फीसदी प्याज बेमौसम बार‍िश की वजह से खराब हुआ है. अब नेफेड 55 MM साइज वाले प्याज की कीमत ही 24.10 रुपये क‍िलो देगी. ऐसे में क‍िसानों का 60 फीसदी प्याज फ‍िर से 4 से 5 रुपये क‍िलो ब‍िकेगा, जो क‍िसानों का बड़ा नुकसान होगा.      
  4. नेफेड का स्टाक, क‍िसानों का नुकसान: नेफेड के डायेक्टर अशोक ठाकुर कहते हैं क‍ि 2014 से पहले देश में प्याज स्टोरेज की क्षमता 5 हजार टन थी, लेक‍िन मोदी सरकार के आने के बाद प्याज स्टोरेज की क्षमता 5 लाख टन होने जा रही है. क‍िसान नेफेड की तरफ से खरीदारी का इसी वजह से भी व‍िरोध कर रहे हैं. नास‍िक के क‍ि‍सान ग‍िरीश कहते हैं क‍ि अभी बाजार में दाम बढ़े हैं तो सरकार को नेफेड का स्टॉक से सस्ता प्याज बाजार में उपलब्ध कराना चाह‍िए, लेक‍िन सरकार ने एक्सपोर्ट ड्यूटी लगाई है और क‍िसानों से प्याज की खरीदारी कर रही है. क‍िसानों से प्याज खरीद कर फ‍िर नेफेड प्याज को स्टोर करेगी. इसके बाद जब बाद में बाजार में दाम व‍ाप‍िस बढ़ेंगे तो फ‍िर से नेफेड स्टाॅक क‍िया हुआ प्याज उतार देगी. इस तरह प्याज के दाम ग‍िर जाएंगे. ऐसे में क‍िसान का ये प्याज ही भव‍िष्य में प्याज के दामों को बढ़ने नहीं देगा और क‍िसानों की मुश्क‍िलें बढ़ेंगी.                 
  5. प्याज की बदहाली पर चुप्पी; नेफेड की माध्यम से प्याज खरीदारी पर नाखुशी का बड़ा कारण पूर्व में सरकारी चुप्पी भी रही है. असल में महाराष्ट्र के क‍िसान प‍िछले दो सालाें से बेहद कम दामों में प्याज बेचने को मजबूर हैं, लेक‍िन सरकार की तरफ से राहत के तौर पर क‍िसानों के ल‍िए स‍िर्फ 300 रुपये क्व‍िटल सब्‍स‍िडी का ही ऐलान क‍िया गया था. क‍िसानों का आरोप है क‍ि राज्य सरकार की तरफ से दी गई ये सब्स‍िडी में शर्ते ज्यादा थी, इस वजह से बेहद ही कम क‍िसान इसका लाभ ले पाएं हैं. वहीं इस पूरे मामले पर क‍िसान नेता व पूर्व सांसद राजू शेट्टी कहते हैं क‍ि प्याज क‍िसानों को जब बेहद कम दाम म‍िल रहा था, तब सरकार की तरफ से कोई र‍िएक्शन नहीं थी. हमने उस वक्त ही नेफेड के माध्यम से प्याज के ल‍िए बेहतर दाम मांगे थे, लेक‍िन क‍िसानों बेहतर दाम नहीं द‍िए गए. 

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