भारत प्राचीन काल से ही मसालों का बड़ा निर्यातक रहा है. यहां के मसालों को दुनियाभर में लोग पसंद करते हैं. यही वजह है कि भारत के मसाला कारोबार का दायरा बढ़ रहा है. अब भारत ने इस क्रम में अगले 5 सालों में यानी 2030 तक अपने मसाला निर्यात को डबल करते हुए 10 बिलियन डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य तय किया है. मसाला बोर्ड की सचिव पी हेमलता ने सोमवार यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि 2047 तक भारत का लक्ष्य मसाला निर्यात बढ़ाकर 25 बिलियन डॉलर करना है. वर्ष 2023-24 में भारत का मसाला निर्यात 4.4 बिलियन डॉलर था.
अखिल भारतीय मसाला निर्यातक मंच (AISEF) की ओर से 24-27 फरवरी तक बेंगलुरु में अंतरराष्ट्रीय मसाला सम्मेलन (ISC) 2025 चल रहा है. सम्मेलन के उद्घाटन कार्यक्रम में हेमलता ने बताया कि मसाला बोर्ड ने खाद्य सुरक्षा और अनुपालन को बढ़ाने के लिए यूरोपीय संघ, हांगकांग और सिंगापुर जैसे देशों को एक्सपोर्ट के लिए अनिवार्य एथिलीन ऑक्साइड (ETO) परीक्षण सहित कड़े क्वालिटी कंट्रोल मेज़र्स को लागू किया है. संबोधन के दौरान उन्होंने रेगुलेशन से जुड़ी चुनौतियों के समाधान, मसालों पर कोडेक्स समिति में सक्रिय भागीदारी के जरिए से ग्लोबल स्पाइस स्टेंडर्ड्स को अनुरूप बनाने, व्यापार को आसान बनाने और तकनीकी समस्याओं को कम करने के लिए बोर्ड की प्रतिबद्धता दोहराई.
मसाला बोर्ड अध्यक्ष पी हेमलता ने कहा कि भारत ऐतिहासिक रूप से वैश्विक मसाला व्यापार में एक बड़ा खिलाड़ी है और कुल वैश्विक बाजार का 25 फीसदी हिस्सेदारी रखता है. उन्होंने कहा कि आज जलवायु परिवर्तन इस उद्योग के लिए बड़ी चुनौती है. इसलिए भारतीय उद्योग जलवायु-स्मार्ट कृषि पद्धतियों को अपनाते हुए और लचीली फसल किस्में तैयार कर रहा है. साथ ही IoT, ब्लॉकचेन और रोबोटिक्स जैसी तकनीक को बढ़ावा देने पर भी जोर दे रहा है.
उन्होंने कहा कि यह तकनीकी प्रगति ग्लोबल कंज्यूमर डिमांड को तेजी से पूरा करने के अनुकूल बनाने में मदद करती है और साथ ही भारतीय मसालों में उनका विश्वास बनाए रखने में भी अहम भूमिका सुनिश्चित करती है. चार दिनों तक चलने वाले अंतरराष्ट्रीय मसाला सम्मेलन (ISC) 2025 में वैश्विक उद्योग के लीडर्स, पॉलिसी मेकर्स, रिसर्चर्स और हितधारक मसाला व्यापार में चुनौतियों और अवसरों पर चर्चा करने के लिए जुटान होता है. बीते दिन कार्यक्रम का उद्घाटन भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड के कार्यकारी अध्यक्ष कृष्ण एम एला ने किया. उन्होंने मसाला उद्योग के लिए एक मजबूत नियामक प्रणाली बनाने की जरूरत पर जोर दिया.
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