Buffalo Pregnancy: गाय-भैंस के बच्चा देने के बाद तीन से चार घंटे हैं बेहद खास, पशुपालक ऐसे करें तैयारी

Buffalo Pregnancy: गाय-भैंस के बच्चा देने के बाद तीन से चार घंटे हैं बेहद खास, पशुपालक ऐसे करें तैयारी

केन्द्रीय भैंस अनुसंधान संस्थान, हिसार के एक्सपर्ट की मानें तो भैंस के प्रसव के बाद उसके खानपान, उसके शेड का इंतजाम और दूसरे सामान्य प्रबंध में फौरन बदलाव कर देना चाहिए. खानपान भी प्रसवकाल के बाद वाला शुरू करना चाहिए. प्रसव के 20 दिन बाद तक खासतौर पर भैंस और उसके बच्चे की अच्छे  से देखभाल बहुत जरूरी है. 

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Buffalo Pregnancy: गाय-भैंस के बच्चा देने के बाद तीन से चार घंटे हैं बेहद खास, पशुपालक ऐसे करें तैयारीक्या है इस नस्ल के भैंस की खासियत

अगर गाय-भैंस सामान्य तरीके से बच्चा दे रही है तो प्रसव में तीन से चार घंटे लगते हैं. एनिमल एक्सपर्ट की मानें तो भैंस का गर्भकाल 310 से 315 दिन का होता है और उसमे ये तीन से चार घंटे बहुत अहमियत रखते हैं. लेकिन इसके लिए ये भी जरूरी है कि पूरे गर्भकाल के दौरान भैंस की अच्छी तरह से देखभाल की जाए. तभी पशुपालक को बच्चा तो हेल्दी मिलेगा ही साथ में भैंस भी तंदुरुस्त रहेगी. लेकिन प्रसव के तीन से चार घंटे की तैयारी भी हमे ऐसे करनी होगी जैसे हम 310 दिन तक करते हैं. 

इसमे उस जगह की भी तैयारी करनी होती है जहां गाय-भैंस बच्चा देगी. इसके साथ ही बच्चाे बाहर आने के बाद क्या-क्या काम करने हैं ये तैयारी भी पहले से कर लेनी चाहिए. इसके लिए अपने नजदीकी पशु चिकित्सक की भी मदद ली जा सकती है. वहीं केन्द्रीय भैंस अनुसंधान संस्थान, हिसार की बेवसाइट पर जाकर भी इसके बारे में जानकारी ली जा सकती है. 

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गाय-भैंस के लिए ऐसे तैयार करें प्रसव कक्ष 

  • प्रसव कक्ष में किसी भी तरह की गदंगी नहीं होनी चाहिए.
  • प्रसव कक्ष की निचली सतह को समतल और साफ रखें.
  • पशु और नवजात को बीमारियों से बचाने के उपाय जरूर अपनाएं. 
  • कक्ष में 10 फीसद फिनायल के घोल या फिर बुझे हुए चूने का इस्तेसमाल करें. 
  • गाय-भैंस अगर खड़ी अवस्था में बच्चा दे रही है तो जमीन पर साफ बिछावन बिछा लें. 
  • बिछावन के लिए सूखी घास या फिर गेंहू का भूसा, धान की पुआल ले सकते हैं. 

भैंस जेर ना डालें अपनाएं ये उपाय 

  1. प्रसव के बाद पांच-छह घंटे के अन्दर पशु को जेर डाल देनी चाहिए. 
  2. पशु की सामान्य प्रसव क्र‍िया और दशा पर निर्भर है, वर्ना आठ घंटे में भी पशु जेर नहीं डालता है. 
  3. जेर रुकने पर गुड़ 750 ग्राम, अजवाइन 60, सोंठ 15 और मेथी 15, सभी ग्राम में को एक लीटर पानी में मिलाकर दें. ये घोल दो बार तक दिया जा सकता है. 
  4. जेर ना डालने पर बांस की हरी पत्ती को उबाल कर उसका काढ़ा भी दिया जा सकता है. 
  5. अगर घरेलू उपाय काम ना करें तो पशु चिकित्सढक की मदद लें. 
  6. पशु चिकित्सक की सहायता से हाथ द्वारा जेर को गर्भाशय से बाहर निकाल दें. 
  7. जेर को पशु चाटने या खाने न पाये, उसे दूर गड्ढे में दबा देना चाहिए.

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