Animal Vaccination: देश के 150 शहरों में पशुओं पर अटैक कर सकती है पीपीआर-खुरपका-मुंहपका बीमारी

Animal Vaccination: देश के 150 शहरों में पशुओं पर अटैक कर सकती है पीपीआर-खुरपका-मुंहपका बीमारी

एनिमल एक्सपर्ट का कहना है कि जहां भी पीपीआर, एफएमडी, लंपी, एंथ्रेंक्स , ब्लैक क्वार्टर बीमारी का अटैक होने का अलर्ट जारी किया गया है वहां पशुपालकों को चाहिए कि पशुओं को सभी जरूरी टीके लगवा लें. साथ ही पशुओं को गर्मी से बचाने समेत उनके आसपास साफ-सफाई के सभी इंतजाम पूरे कर लें. 

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Animal Vaccination: देश के 150 शहरों में पशुओं पर अटैक कर सकती है पीपीआर-खुरपका-मुंहपका बीमारीपशुपालन

वैसे तो कई तरह की मौसमी बीमारियां ही पशुओं को परेशान करती रहती हैं. लेकिन कुछ घातक और जानलेवा बीमारियों का खतरा भी पशुओं पर लगातार बना रहता है. एनिमल एक्सपर्ट की मानें तो इसमे से कई ऐसी भी बीमारियां हैं जिनका अभी तक कोई इलाज तो नहीं है, लेकिन वक्तं से वैक्सीनेशन कराने पर ऐसी बीमारियों से अपने पशुओं को बचाया जा सकता है. हाल ही में निवेदी संस्थान ने पशुओं की ऐसी ही दो घातक बीमारियों के बारे में अलर्ट जारी किया है. संस्थान के मुताबिक आने वाले जून में देश के 150 शहरों में दो घातक बीमारी पशुओं पर अटैक कर सकती हैं. 

संस्थान का कहना है कि दो दो बीमारियों का सबसे ज्यादा असर झारखंड, केरल और कर्नाटक में देखने को मिल सकता है. गौरतलब रहे निवेदी संस्थान हर महीने पशुओं की बीमारियों से संबंधित अलर्ट जारी करता है. संस्थान का दावा है कि उसके अलर्ट 90 फीसद से ज्यादा मामलों में सच साबित होते हैं. 

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पीपीआर और एफएमडी का हो सकता है अटैक 

निवेदी संस्थान की ओर से जारी किए गए अलर्ट के आंकड़ों पर जाएं तो जून में वैसे तो 15 तरह की बीमारियों के लिए अलर्ट जारी किया गया है. अलर्ट के मुताबिक देश के 742 शहरों में ये बीमारियां अपना असर दिखा सकती हैं. लेकिन इसमे से पीपीआर (Peste des petits ruminants) और खुरपका-मुंहपका (एफएमडी) का असर ज्यादा देखने को मिल सकता है. पीपीआर खासतौर से भेड़ और बकरियों को होने वाली बीमारी है. जबकि एफएमडी गाय-भैंस, भेड़-बकर आदि को होने वाली बीमारी है. 

झारखंड में पीपीआर-एफएमडी का यहां हो सकता है असर 

संस्थान की रिपोर्ट पर जाएं तो झारखंड में पीपीआर का 20 और एफएमडी का 17 शहरों पर असर देखने को मिल सकता है. एफएमडी की बात करें तो बोकारो, दुमका, गुमला, हाजारीबाग, कोडरमा, पाकुड़, कुंती, रामगढ़ और रांची आदि वैरी हाई रिस्क पर हैं. जबकि पीपीआर के मामले में जामताड़ा, पलामू, बोकारो, दुमका, गुमला, हाजारीबाग, कोडरमा, पाकुड़, कुंती, रामगढ़ और रांची आदि वैरी हाई रिस्क पर हैं. 

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कर्नाटक-केरल के शहर भी हैं वैरी हाई रिस्क पर

संस्थान की रिपोर्ट के मुताबिक कर्नाटक के 12 शहरों में एफएमडी और नौ शहरों में पीपीआर का असर देखने को मिल सकता है. वहीं केरल के 14 शहरों में एफएमडी और दो शहरों में पीपीआर के मामले देखने को मिल सकते हैं. दोनों राज्योंो के ज्याएदा शहर वैरी हाई रिस्कर पर हैं. कर्नाटक के बेग्लूपर, चिकमंग्लूहर, हासन, मैसूर आदि में बीमारी असर दिखा सकती है. वहीं केरल की बात करें तो कन्नूर, कोल्लम, एरनाकुलम, कोटायम, वायनाड और कोटय्यम आदि शहर भी वैरी हाई रिस्क पर हैं.  

 

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