गाय-भैंस को हार्डवेयर रोगों से बचाने के लिए पेट में रखी जाती है चुम्बक, पढ़ें डिटेल 

गाय-भैंस को हार्डवेयर रोगों से बचाने के लिए पेट में रखी जाती है चुम्बक, पढ़ें डिटेल 

गुरु अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंस यूनिवर्सिटी (गडवासु), लुधियाना में पशु चिकित्सा विभाग के प्रोफेसर और प्रमुख डॉ. अश्विनी कुमार का कहना है कि डेयरी पशुओं में हार्डवेयर रोग की घटनाएं समय के साथ बढ़ रही हैं. यूनिवर्सिटी में आने वाले केसों से भी इसका प्रमाण मिलता है. लेकिन यूनिवर्सिटी में इसके इलाज की पूरी सुविधा है. 

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गाय-भैंस को हार्डवेयर रोगों से बचाने के लिए पेट में रखी जाती है चुम्बक, पढ़ें डिटेल गर्भवती गाय-भैंस को क्या खिलाएं

गाय-भैंस को हार्डवेयर रोग भी होते हैं. सुनने में थोड़ा अटपटा लग रहा है, लेकिन ये सच है. क्यों कि हार्डवेयर का मतलब तो कील, नट-बोल्ट और तार आदि ही होता है. हार्डवेयर रोग भी ऐसा होता है कि गाय-भैंस की जान पर बन आती है. लेकिन इलाज के साथ-साथ इससे बचाव के उपाय भी हैं. वो भी एकदम साइंटीफिक. हार्डवेयर रोग से बचाव के लिए गाय-भैंस के पेट में चुम्बक रखना भी एक ऐसा ही उपाय है. हाल ही में गुरु अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंस यूनिवर्सिटी (गडवासु), लुधियाना में "डेयरी पशुओं में हार्डवेयर रोग" पर एक चर्चा का आयोजन किया गया था. 

चर्चा के दौरान तेजी से लगातार बढ़ती इस परेशानी के संबंध में सभी एक्सपर्ट और साइंटिस्ट  ने अपने अनुभव साझा किए. एक्सपर्ट का कहना है कि कृषि और डेयरी क्षेत्रों में खेती के बढ़ते मशीनीकरण के साथ-साथ निर्माण उद्योग के कारण डेयरी पशुओं में हार्डवेयर रोगों की घटनाएं बढ़ रही हैं. यूनिवर्सिटी में भी लगातार ऐसे केस सामने आ रहे हैं. इसके चलते पशुपालक को पशु हानि हो होती ही है, साथ में उत्पादन पर भी इसका असर पड़ता है. 

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जानें पशु में कैसे फैलता है हार्डवेयर रोग 

गडवासु के पशु चिकित्सा शरीर रचना विज्ञान विभाग के प्रिसिंपल साइंटिस्ट डॉ. देवेंद्र पाठक ने इस दौरान बताया कि अक्सर डेयरी पशु खाने वाली और ना खाने वाली चीजों में फर्क किए बिना मैटल की कील, तार, नुकीली वस्तुएं, टूटी हुई मशीन के पुर्जे आदि चीजों को खा जाते हैं. कई बार घर में कंस्ट्रक्शन का काम चल रहा होता है तो उस दौरान भी चारे में कुछ ऐसी चीजें शामिल हो जाती हैं. और पशु के खाने के बाद ये सभी चीजें पशुओं के पेट के दूसरे भाग रेटिकुलम में जाकर फंस जाती हैं. इनसे नुकसान तब होता है जब ये पशु के डायाफ्राम या हृदय की झिल्ली में छेद कर देती हैं. ऐसे में पशु को बचाने के लिए एक मात्र इलाज उसका ऑपरेशन करना ही होता है. 

गाय-भैंस को ऐसे बचा सकते हैं हार्डवेयर रोग से 

डॉ. देवेन्द्र पाठक ने फोन पर किसान तक को बताया हार्डवेयर रोग से गाय-भैंस को बचाने के लिए जरूरी है कि एक दो से ढाई सेंटीमीटर का गोल चुम्बक हम उसके पेट में उतार दें. पशु चिकित्स्क की सलाह पर पशुपालक ये काम अपने घर पर भी कर सकते हैं. ये चुम्बक पेट में जाने के बाद पशु को किसी भी तरह का कोई नुकसान नहीं पहुंचाता है. अब गाय-भैंस मैटल की जो भी चीज खाती है तो वो पेट के रास्ते में इस चुम्बक से चिपक जाती है.

चुम्बक से चिपकने के बाद मैटल भी कोई नुकसान नहीं पहुंचाता है. लेकिन फिर भी पशु की निगरानी करते रहना चाहिए कि चुम्बक रखने के बाद उसके व्यवहार और उत्पादन में कोई फर्क तो नहीं आ रहा है. जब भी कोई फर्क नजर आए तो फौरन गाय-भैंस का एक्सरे करा लें. अगर एक्सरे से ये मालूम हो जाए कि चुम्बक के साथ मैटल की बहुत सारी चीजें आकर चिपक गई हैं तो ऑपरेशन करा लें. ये एक बहुत छोटी सी सर्जरी होती है. पशु की स्टैंडिंग पोजिशन में ही सर्जरी कर दी जाती है. 

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इसलिए गाय-भैंस में बढ़ रही है हार्डवेयर बीमारी 

डॉ. देवेन्द्र पाठक ने बताया कि इस बीमारी के होने के वैसे तो बहुत सारे कारण ऊपर बताए जा चुके हैं. लेकिन जो सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण कारण है वो ये है कि पशु पहले ज्यादा बाहर जाकर चारा चरते थे. इस दौरान वो अपने दांतों का इस्तेमाल कर चारा खाते थे. लेकिन अब पशु बाहर खुले में कम जाते हैं और स्टॉल फीड ज्यादा करते हैं. और स्टॉल पर चारा खाने के दौरान पशु दांतों का कम जीभ का इस्तेमाल करते हैं तो उन्हें पता ही नहीं चल पाता है कि चारे के साथ वो मैटल का कोई आइटम भी खा रहे हैं. गौरतलब रहे स्टॉल पर चारा खाने के दौरान पशु चारे और मिनरल्स को पहले चबाने के बजाए निगल लेता है. और जब फुर्सत में होता है तो उस चारे की जुगाली करता है.  

 

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