तीन साल बाद एक भी गांव ऐसा नहीं होगा जहां पैक्स न हो, कोऑपरेट‍िव कॉन्फ्रेंस में अम‍ित शाह का ऐलान

तीन साल बाद एक भी गांव ऐसा नहीं होगा जहां पैक्स न हो, कोऑपरेट‍िव कॉन्फ्रेंस में अम‍ित शाह का ऐलान

दुन‍िया में सहकारिता के सबसे बड़े संगठन आईसीए के 130 साल के इतिहास में ऐसे सम्मेलन का आयोजन भारत में पहली बार हो रहा है. संयुक्त राष्ट्र संघ ने 2025 को अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष के रूप में मनाने का फैसला ल‍िया है. यह फैसला दुन‍िया के करोड़ों क‍िसानों और मह‍िलाओं के ल‍िए आशीर्वाद के रूप में है.

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तीन साल बाद एक भी गांव ऐसा नहीं होगा जहां पैक्स न हो, कोऑपरेट‍िव कॉन्फ्रेंस में अम‍ित शाह का ऐलानदुन‍िया में सहकारिता के सबसे बड़े संगठन आईसीए का आयोजन भारत में पहली बार हो रहा है.

केंद्रीय गृह और सहकार‍िता मंत्री अम‍ित शाह ने कहा है क‍ि तीन साल के बाद देश का एक भी गांव ऐसा नहीं होगा जहां प्राइमरी एग्रीकल्चरल सोसायटी यानी पैक्स नहीं होगा. दो लाख नए पैक्स के माध्यम से ऐसा संभव होगा. पैक्स को आधुन‍िक बनाने, टेक्नोलॉजी से लैस करने और आर्थ‍िक तौर पर मजबूत बनाने के ल‍िए भी कई फैसले हुए हैं. तीन नई सहकारी संस्थाएं बनाई गई हैं ज‍िससे भारत का क‍िसान न केवल अपने देश बल्क‍ि दुन‍िया भर के बाजार तक अपनी पहुंच बना सकता है. इन कंपन‍ियों में भारतीय बीज सहकारी समिति लिमिटेड, राष्ट्रीय सहकारी निर्यात लिमिटेड और राष्ट्रीय सहकारी जैविक लिमिटेड शाम‍िल हैं. शाह सोमवार को इंटरनेशनल कॉपरेट‍िव अलायंस (आईसीए) की ओर से नई द‍िल्ली स्थ‍ित भारत मंडपम में आयोज‍ित इंटरनेशनल कोऑपरेट‍िव कॉन्फ्रेंस को संबोध‍ित कर रहे थे.

दुन‍िया में सहकारिता के सबसे बड़े संगठन आईसीए के 130 साल के इतिहास में ऐसे सम्मेलन का आयोजन भारत में पहली बार हो रहा है. शाह ने कहा क‍ि संयुक्त राष्ट्र संघ ने 2025 को अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष के रूप में मनाने का फैसला ल‍िया है. यह फैसला दुन‍िया के करोड़ों क‍िसानों और मह‍िलाओं के ल‍िए आशीर्वाद के रूप में है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसकी औपचार‍िक शुरुआत करेंगे. आईसीए का अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन और अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष की घोषणा का भारत की जमीन से होना बेहद महत्वपूर्ण है. तीन साल पहले भारत में सहकार‍िता मंत्रालय की शुरुआत की गई थी. इसके बाद कई काम क‍िए गए हैं. 

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इफको, कृभको और अमूल की तारीफ 

शाह ने कहा क‍ि इफको, कृभको और अमूल ने सहकार‍िता के क्षेत्र में दुन‍िया के सामने उदाहरण पेश करने का काम क‍िया है. उसी तरह भारत में बनाई गई तीनों नई सहकारी कंपन‍ियां दुन‍िया के सहकारी क्षेत्र के लोगों का मार्गदर्शन करेंगी. सहकार‍िता मंत्रालय के गठन के बाद इससे जुड़े पूरे कानूनी ढांचे का पुनर्गठन हुआ है. साथ ही श्वेत क्रांत‍ि पार्ट-2 की शुरुआत भी हुई है, ज‍िसमें सहकार‍िता क्षेत्र की भूम‍िका बेहद महत्वपूर्ण है. 

कब आएगी सहकार‍िता नीत‍ि 

आने वाले कुछ ही द‍िनों में हम सहकार‍िता का व‍िश्वव‍िद्यालय भी बनाने जा रहे हैं, ज‍िसके माध्यम से सहकारी क्षेत्र के ल‍िए मानव संसाधन का व‍िकास आसानी से होगा. इसी अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष में ही हम भारत की सहकार‍िता नीत‍ि भी लाएंगे. इसके साथ ही हम सहकारी क्षेत्र में लंबा रास्ता तय करना सुन‍िश्च‍ित करेंगे. हम हर गांव और हर क‍िसान को सहकार‍िता से जोड़ना चाहते हैं. हम इसके ल‍िए नए-नए क्षेत्रो को भी तलाश रहे हैं. गांव, क‍िसान, मह‍िला और गरीबों को आगे बढ़ाने के ल‍िए सहकार‍िता आंदोलन ने कई सारे रास्ते खोले हैं.

कब तक चलेगी कॉन्फ्रेंस

इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर को-ऑपरेटिव लिमिटेड (इफको), आईसीए, भारत सरकार, अमूल और कृभको के सहयोग से आयोजित यह कॉन्फ्रेंस 30 नवंबर तक चलेगा. कॉन्फ्रेंस का विषय, ‘‘सहकारिता सभी के लिए समृद्धि का निर्माण है’’ रखा गया है.कॉन्फ्रेंस में भूटान के प्रधानमंत्री दाशो शेरिंग तोबगे और फिजी के उप-प्रधानमंत्री मनोआ कामिकामिका सह‍ित 100 से अधिक देशों के लगभग 3,000 प्रतिनिधि श‍िरकत कर रहे हैं.  

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