
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना के सम्राट अशोक कन्वेंशन सेंटर स्थित ज्ञान भवन में आज दो-दिवसीय आम महोत्सव का उद्घाटन किया. उद्घाटन के बाद मुख्यमंत्री ने राज्य के विभिन्न जिलों से आए आम उत्पादकों द्वारा प्रदर्शित आम की विविध प्रजातियां सूक्ष्मता से देखीं और संतोष जताया. इस महोत्सव में प्रदेश के सभी जिलों के लगभग 800 किसान शामिल हुए और करीब 60–70 किस्मों के पांच हजार से अधिक आम प्रदर्शित किए. इनमें जापान की मशहूर मियाज़ाकी किस्म विशेष आकर्षण का केंद्र रही, इसका पौधा किसानों ने उत्साह से खरीदा और प्रति पौधा कीमत करीब 700 रुपये के आसपास रही.
राज्य के उप मुख्यमंत्री और कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने बताया कि बिहार में 1.65 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में आम के बाग हैं, जहां से हर साल लगभग 15.8 लाख टन उत्पादन होता है. 2007-08 की तुलना में यह वृद्धि 82 % है, जो कृषि रोड-मैप और आम विकास योजना की सफलता दर्शाती है. कृषि विश्वविद्यालयों, कृषि विज्ञान केंद्रों और वैशाली के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फ़ॉर मैंगो के माध्यम से किसानों को उत्पादन से लेकर बागों के जीर्णोद्धार तक की ट्रेनिंग दी जा रही है. भागलपुर के प्रसिद्ध जर्दालू आम को 2018 में जी.आई. टैग मिल चुका है.
उद्यान निदेशक अभिषेक कुमार ने कहा कि अच्छी पैकेजिंग से उत्पाद का मूल्य बढ़ता है. इसी को देखते हुए विभाग जल्द ही पैकेजिंग पर सब्सिडी योजना लाने जा रहा है. बेहतर उत्पादन, गुणवत्ता, प्रोसेसिंग और निर्यात के परिणामस्वरूप बिहार के आम न केवल देश के अन्य राज्यों, बल्कि विदेशों तक अपनी पहचान बना चुके हैं. अब तक आम का निर्यात 8 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है, जो पिछले साल से 2 करोड़ रुपये अधिक है.
कृषि मंत्री सिन्हा ने बताया कि उत्पादन के साथ आम की दूरस्थ बाजार में मार्केटिंग सिस्टम को भी मजबूती प्रदान की जा रही है. वहीं, एपिडा के द्वारा UAE और सउदी अरब में क्रेता-विक्रेता सम्मेलन होने वाला है, जिसमें बिहार के आम को प्रमोशन के लिए भेजा जा रहा है. उद्देश्य केवल उत्पादन बढ़ाना नहीं, बल्कि किसानों को बेहतर बाज़ार उपलब्ध कराना भी है. आम महोत्सव किसानों, उद्यमियों, वैज्ञानिकों और निर्यातकों को एक मंच देता है, जहां वे अनुभव व ज्ञान साझा कर सकें. वहीं, इस महोत्सव में कृषि वैज्ञानिक आम के पुराने बागों के जीर्णोद्धार पर तकनीकी मार्गदर्शन भी देंगे.
कृषि विभाग के प्रधान सचिव पंकज कुमार ने किसानों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आम की विरासत को संभालना और आगे बढ़ाना प्राथमिकता होनी चाहिए. उन्होंने सुझाव दिया कि हर साल नई थीम पर महोत्सव आयोजित कर इसका प्रभाव पूरे साल जारी रखा जाए. साथ ही नवाचार और उद्यमिता के ज़रिए आम के व्यवसाय को नई ऊंचाइयों पर ले जाकर किसानों की आय में निरंतर वृद्धि सुनिश्चित की जाए.
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