राजस्थान में रबी सीजन 2024-25 के दौरान ओलावृष्टि के कारण फसलों का नुकसान झेलने वाले किसानों के लिए राहत की खबर है. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने ओलावृष्टि से प्रभावित 70,000 से ज्यादा किसानों के लिए मुआवजा राशि आंवटित की है. सीएम ने किसानों की मदद के लिए कृषि इनपुट सब्सिडी के रूप में 239 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं. अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. यह राहत राशि राज्य के आपदा राहत कोष से आठ जिलों के 143 गांवों के किसानों को बांटी जाएगी, जहां फसलों को भारी नुकसान हुआ है.
अधिकारियों के अनुसार, इन जिलों की 18 तहसीलों में ओलावृष्टि से फसलों को नुकसान पहुंचा है. मुख्यमंत्री ने त्वरित कार्रवाई करते हुए नुकसान का आकलन करने के लिए तत्काल सर्वेक्षण (गिरदावरी) के आदेश दिए थे. उन्होंने बताया कि आकलन के बाद, इन 143 गांवों को अभावग्रस्त घोषित कर दिया गया, क्योंकि नुकसान 33 प्रतिशत से अधिक हो गया था.
सरकार ने मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि, गेहूं एमएसपी खरीद पर अतिरिक्त बोनस, ब्याज मुक्त अल्पकालिक फसल लोन और प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बीमा दावों का शीघ्र भुगतान जैसी पहल की है. उन्होंने कहा कि नवीनतम मंजूरी किसानों के जीवन को बेहतर बनाने और उनकी आय बढ़ाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है.
मुख्यमंत्री ने नई नीतियों और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के माध्यम से रसद लागत को कम करने और कनेक्टिविटी में सुधार के उपायों पर भी प्रकाश डाला. शर्मा कृषि सुधारों, मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्कों के विकास और युवाओं के लिए रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण पर मुख्यमंत्री आवास पर एक बैठक को संबोधित कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि खेती में एआई को बढ़ावा देने के लिए, हमने इस साल के बजट में 'कृषि में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उत्कृष्टता केंद्र' की स्थापना की घोषणा की है. आधुनिक तकनीक इस क्षेत्र की चुनौतियों से निपटने में मदद करेगी. शर्मा ने अधिकारियों को गुणात्मक विकास सुनिश्चित करने और युवाओं के लिए पर्याप्त रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए कृषि में कौशल प्रशिक्षण का विस्तार करने का निर्देश दिया.
राज्य की निवेश क्षमता पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट, उद्योग-अनुकूल नीतियों के कार्यान्वयन और प्रभावी सिंगल-विंडो प्रणाली जैसी पहलों ने निवेशक-अनुकूल वातावरण बनाया है. राज्य की राजस्थान लॉजिस्टिक्स नीति 2025 को लॉजिस्टिक्स लागत को कम करने और औद्योगिक क्षेत्र में कनेक्टिविटी में सुधार करने के लिए लॉन्च किया गया है. उन्होंने कहा कि 2025-26 के बजट वर्ष के दौरान दिल्ली-मुंबई औद्योगिक गलियारे (डीएमआईसी) से जुड़े लॉजिस्टिक्स पार्क स्थापित करने की योजना है, जिससे राज्य की लॉजिस्टिक्स क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी. (पीटीआई)
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