रेड फ्लोर बीटल से करें अनाज की रक्षा, डीएनए टेस्ट की मदद से जल्द करें इसकी पहचान

रेड फ्लोर बीटल से करें अनाज की रक्षा, डीएनए टेस्ट की मदद से जल्द करें इसकी पहचान

रेड फ्लोर बीटल अनाज भंडारण का खतरनाक कीट है. ICAR-IARI के वैज्ञानिकों ने एक नया डीएनए टेस्ट विकसित किया है जो फॉस्फीन रेसिस्टेंट बीटल की तेजी से पहचान करता है. यह तकनीक अनाज की सुरक्षा और रसायनों के समझदारी से उपयोग में मददगार है.

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रेड फ्लोर बीटल से करें अनाज की रक्षा, डीएनए टेस्ट की मदद से जल्द करें इसकी पहचानअनाज की करें इस कीट से रक्षा

रेड फ्लोर बीटल (Tribolium castaneum) एक खतरनाक कीट है जो अनाज और अन्य खाद्य पदार्थों के भंडारण के दौरान बहुत नुकसान करता है. यह कीट विशेष रूप से आटे, चावल, दाल और अन्य सूखे खाद्य पदार्थों में पाया जाता है. देश में लाखों टन अनाज हर साल इन कीटों की वजह से खराब हो जाता है. फॉस्फीन गैस का उपयोग इन कीटों को मारने के लिए किया जाता है, लेकिन इसके अधिक उपयोग के कारण अब रेड फ्लोर बीटल इस गैस के प्रति प्रतिरोधक (resistant) हो गए हैं.

क्या है फॉस्फीन रेसिस्टेंस?

जब एक कीट बार-बार किसी रसायन के संपर्क में आता है, तो उसकी आनुवंशिक बनावट (DNA) में बदलाव हो सकता है, जिससे वह उस रसायन के असर से बचने लगता है. यही स्थिति अब रेड फ्लोर बीटल में देखने को मिल रही है. यह फॉस्फीन से नहीं मरते, जिससे अनाज की सुरक्षा को खतरा हो गया है.

वैज्ञानिकों ने बनाया ये अनोखा तरीका

भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (ICAR-IARI), नई दिल्ली के वैज्ञानिकों ने एक नया CAPS मार्कर आधारित डीएनए टेस्ट विकसित किया है. यह टेस्ट रेड फ्लोर बीटल में फॉस्फीन रेसिस्टेंस की जल्दी और सटीक पहचान कर सकता है.

इस टेस्ट के लाभ

  • तेजी से पहचान: अब केवल कुछ घंटों में यह पता लगाया जा सकता है कि बीटल फॉस्फीन रेसिस्टेंट है या नहीं.
  • रसायनों का कम उपयोग: इस टेस्ट से यह पता चल जाता है कि कब फॉस्फीन उपयोग करना है और कब नहीं, जिससे अनावश्यक रसायन का प्रयोग नहीं होता.
  • अनाज की सुरक्षा: यह टेस्ट भंडारण में रखे गए अनाज को सुरक्षित रखने में मदद करता है और फसल नुकसान को कम करता है.
  • पर्यावरण संरक्षण: कम रसायन उपयोग से पर्यावरण और इंसानों पर भी कम दुष्प्रभाव होता है.

यह तकनीक किसने विकसित की?

यह आधुनिक डीएनए टेस्ट भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (ICAR-IARI), नई दिल्ली द्वारा विकसित किया गया है. यह सरकार के OneICAR अभियान का हिस्सा है, जिससे देशभर में कृषि तकनीकों का आधुनिकीकरण हो रहा है. रेड फ्लोर बीटल जैसे खतरनाक कीटों से अनाज की सुरक्षा करना अब आसान हो गया है. CAPS मार्कर आधारित डीएनए टेस्ट की मदद से हम समय रहते इन कीटों की पहचान कर सकते हैं और फॉस्फीन जैसे रसायनों का समझदारी से उपयोग कर सकते हैं. यह तकनीक हमारे किसानों, उपभोक्ताओं और पूरे देश के लिए एक बड़ी उपलब्धि है.

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