मशरूम का उपयोग दुनिया भर में हजारों वर्षों से भोजन और औषधि दोनों के रूप में किया जाता रहा है. मशरूम पोषण का भंडार है. जिस वजह से समय के साथ-साथ इसकी मांग भी बढ़ती जा रही है. मशरूम में फैट की मात्रा कम होती है, खासकर प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट की तुलना में. पहले, मशरूम की खपत दुनिया के कुछ ही हिस्सों तक सीमित थी. लेकिन समय के साथ इसी खपत अब लगभग हर क्षेत्र में बढ़ती जा रही है. मशरूम तेजी से रसोई और रोजमर्रा के उपयोग में अपनी जगह बना रहे हैं. जिस वजह से इसकी खेती कर रहे किसानों को भी अच्छा मुनाफा मिल रहा है. ऐसे में अगर आप भी मशरूम की खेती कर मुनाफा कमाना चाहते हैं तो इस आसान तरीके से यानी झोपड़ी में मशरूम की खेती कर सकते हैं. वो कैसे आइए जानते हैं.
आपको बता दें मशरूम उगाने के लिए जमीन यानी खेत की जरूरत नहीं होती. इसे कमरे में या बांस की झोपड़ी बनाकर उगाया जा सकता है. भारत में हर साल लगभग 1.44 लाख मीट्रिक टन मशरूम का उत्पादन होता है. देश में मशरूम की मांग बढ़ती जा रही है. इस मांग को पूरा करने के लिए भविष्य में और अधिक मशरूम की आवश्यकता होगी. देश में कुल मशरूम उत्पादन का 75% उत्पादन केवल 5 राज्यों में होता है. ये राज्य हैं उत्तराखंड, हरियाणा, ओडिशा, महाराष्ट्र और बिहार. 10.82% मशरूम उत्पादन के साथ बिहार देश में नंबर वन है.
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इसकी खेती अक्टूबर से मार्च के बीच की जाती है. मशरूम उगाने के लिए गेहूं या चावल के भूसे को कुछ रसायनों के साथ मिलाकर खाद तैयार की जाती है. खाद तैयार करने में एक महीने का समय लगता है. इसके बाद किसी सख्त जगह पर 6-8 इंच मोटी परत बिछाकर मशरूम के बीजों को रोपा जाता है, जिसे स्पॉनिंग भी कहा जाता है. बीजों को खाद से ढक दिया जाता है. लगभग 40-50 दिनों में आपका मशरूम काटने और बेचने के लिए तैयार हो जाता है. आपको बता दें मशरूम की खेती खुले में नहीं की जाती, इसके लिए छायादार जगह की आवश्यकता होती है. जिसे आप एक कमरे में भी आसानी से कर सकते हैं.
मशरूम की खेती का व्यवसाय बहुत लाभदायक है. इसमें मशरूम की खेती में लागत से 10 गुना तक मुनाफा हो सकता है. पिछले कुछ सालों में मशरूम की मांग भी बढ़ी है. ऐसे में मशरूम की खेती का व्यवसाय काफी लाभदायक हो सकता है. इसमें आप जल्द ही करोड़पति बन सकते हैं.
मशरूम की खेती के लिए बहुत अधिक देखभाल की आवश्यकता होती है. इसलिए इसमें ज्यादा प्रतिस्पर्धा नहीं है. इसकी खेती के लिए तापमान सबसे महत्वपूर्ण है. इसे 15-22 डिग्री सेल्सियस के बीच उगाया जाता है. अधिक तापमान के कारण फसल खराब होने का खतरा है. खेती के लिए आर्द्रता 80-90 प्रतिशत होनी चाहिए. अच्छे मशरूम उगाने के लिए अच्छी खाद का होना जरूरी है. खेती के लिए ज्यादा पुराने बीज न लें, इससे उत्पादन पर असर पड़ता है. ताजे मशरूम की कीमत अधिक होती है. इसलिए, तैयार होते ही इसे बेचने के लिए ले जाएं.
मशरूम की खेती के लिए ट्रेनिंग सभी कृषि विश्वविद्यालयों और कृषि अनुसंधान केन्द्रों में दिया जाता है। अगर आप इसकी बड़े पैमाने पर खेती करने की योजना बना रहे हैं तो बेहतर होगा कि एक बार इसकी अच्छे से ट्रेनिंग ले लें. जगह की बात करें तो प्रति वर्ग मीटर 10 किलो मशरूम आसानी से उगाया जा सकता है. कम से कम 40x30 फीट की जगह में तीन फीट चौड़े रैक बनाकर मशरूम उगाए जा सकते हैं.
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