
उत्तर प्रदेश सरकार इस साल रबी मौसम के लिए 12 से 29 दिसंबर तक सभी जिलों में किसान पाठशाला का आयोजन करने जा रही है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस अभियान की शुरुआत बाराबंकी के पद्मश्री किसान रामशरण वर्मा के गांव दौलतपुर के खेत से करेंगे. कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री 'प्रगति किसान सम्मेलन' के जरिए किसानों से सीधे संवाद करेंगे. सरकार की योजनाओं के लाभार्थियों को चेक और स्वीकृति पत्र भी बांटे जाएंगे. इस मौके पर कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही और राज्यमंत्री बलदेव सिंह औलख भी मौजूद रहेंगे. इन पाठशाल के जरिये सरकार का मकसद 'किसान की बात किसान के द्वार' की सोच को आगे बढ़ाना है.
इसी पाठशाल में राज्य के प्रगतिशील किसान के तौर पर उभरे पद्मश्री रामशरण वर्मा के खेत में यह पाठशाला लगेगी. बाराबंकी के किसान पद्मश्री रामशरण वर्मा आज राज्य में प्रदेश में मॉर्डन खेती का बड़ा मॉडल बन चुके हैं. उन्होंने योगी सरकार की नीतियों को किसानों की आय बढ़ाने का महत्वपूर्ण आधार बताया है. वर्मा के मुताबिक सरकारी प्रोत्साहन से किसानों की आय में लगातार बढ़ोतरी हो रही है और तकनीकी खेती को नया बढ़ावा मिला है. किसान सम्मान निधि, बीज सब्सिडी, टिश्यू कल्चर आधारित खेती, कृषि यंत्रों पर रियायत और डीबीटी के माध्यम से फसलों के दाम का त्वरित भुगतान जैसे कदमों ने किसानों को मजबूत बनाया है.
रामशरण वर्मा ने 32 वर्ष पहले 6 एकड़ जमीन से खेती शुरू की थी, जो आज सहकारिता आधारित मॉडल पर 275 एकड़ तक पहुंच चुकी है. केला, टमाटर, आलू, मेंथा व तरबूज जैसी फसलों पर आधारित खेती ने उत्पादन और आय दोनों बढ़ाए हैं. उनके अनुसार टिश्यू कल्चर आधारित केले की खेती से छोटे किसान भी अच्छी आय हासिल कर रहे हैं. टमाटर उत्पादन में जहां लागत लगभग 60 हजार रुपये आती है, वहीं लाभ दो से ढाई लाख रुपये तक पहुंच रहा है.
वर्मा ने बताया कि उन्होंने अब तक हजारों किसानों को उन्नत तकनीक से खेती करने के लिए प्रेरित किया है. उनके अनुसार योगी सरकार की नीतियों ने प्रदेश के किसानों के लिए नए अवसर खोले हैं और रोजगार सृजन भी बढ़ा है. वर्मा का कहना है कि वे हर साल 30 हजार से अधिक लोगों को रोजगार देते हैं और इस परिवर्तन का बड़ा श्रेय राज्य सरकार की नीतियों को जाता है, जिसने बीज और बाजार दोनों उपलब्ध कराए.
कृषि विभाग ने किसानों से अपील की है कि वो अपने जिले में होने वाली किसान पाठशाला में शामिल हों. यहां उन्हें खेती की नई तकनीक, उन्नत किस्मों, पशुपालन, बागवानी, मधुमक्खी पालन और रेशम पालन जैसे विषयों पर जानकारी मिलेगी. विभाग के अनुसार अब तक प्रदेश में करीब 1.90 करोड़ किसानों को इस कार्यक्रम के जरिये ट्रेनिंग दी जा चुकी है. सरकार का कहना है कि किसान पाठशाला के जरिए किसान 60 प्रतिशत सब्सिडी पर सोलर पंप और 40 से 50 प्रतिशत छूट पर कृषि यंत्र जैसे लाभ उठा सकते हैं.
योगी सरकार ने कार्यकाल की शुरुआत से ही किसानों के लिए कई बड़े फैसले लिए हैं. अब तक 25423 करोड़ रुपये का ऋण मोचन और 90669 करोड़ रुपये पीएम किसान सम्मान निधि के तहत सीधे किसानों के खातों में भेजे जा चुके हैं. इसके अलावा सरकार सॉयल ट्रेनिंग, सॉयल इंप्रवूमेंट्स, कृषि यंत्रीकरण, उर्वरकों की उपलब्धता और कृषि उत्पादों की खरीद को सुधारने पर लगातार काम कर रही है, ताकि किसानों के उत्पादन और लाभ में वृद्धि हो सके.
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