
पिछले करीब एक महीने से भुने चने में खतरनाक केमिकल ऑरामाइन की मौजूदगी को लेकर बवाल जारी है. अब फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) ने राज्यों को निर्देश दिया है कि वे रोस्टेड चना और इसी तरह के बाकी प्रोडक्ट्स में सिंथेटिक डाई ऑरामाइन की मौजूदगी के लिए इंस्पेक्शन और सैंपलिंग करें. कुछ समय पहले फूड सेफ्टी रेगुलेटर ने हाल ही में एक ऑर्डर में कहा कि उसे शिकायतें मिली हैं कि रोस्टेड चना प्रोडक्ट्स में इस सिंथेटिक फूड कलर का प्रयोग हो रहा है जो कि पूरी तरह से बैन है.
FSSAI ने अपने एक आदेश में कहा है, 'यह ध्यान देने वाली बात है कि ऑरामाइन एक नॉन-परमिटेड सिंथेटिक फूड कलर है जिसे फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स (फूड प्रोडक्ट्स स्टैंडर्ड्स एंड फूड एडिटिव्स) रेगुलेशंस 2011 के तहत इजाजत नहीं है क्योंकि किसी भी खाने की चीज में इसकी मौजूदगी उस प्रोडक्ट को अनसेफ बना देती है. इसलिए, रोस्टेड चना और ऐसे ही दूसरे फूड प्रोडक्ट्स, जिनमें इस तरह की मिलावट की संभावना हो सकती है, की जांच, सैंपलिंग, टेस्टिंग और उसके बाद की कार्रवाई सहित टारगेटेड एनफोर्समेंट एक्शन लेने का निर्देश दिया जाता है.'
FSSAI ने अपने आदेश में कहा है कि राज्यों को ऐसे फूड प्रोडक्ट्स की मैन्युफैक्चरिंग, प्रोसेसिंग, स्टोरेज, डिस्ट्रीब्यूशन और ट्रांसपोर्टेशन में शामिल ऑर्गनाइज़्ड और अनऑर्गनाइज्ड दोनों सेक्टर में ये इंस्पेक्शन करने चाहिए. इसमें यह भी कहा गया है कि ये इंस्पेक्शन रिटेल चैनल्स पर भी किए जाने चाहिए जिसमें ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म भी शामिल हैं जहां ऐसे प्रोडक्ट्स बेचे जाते हैं. इसमें आगे कहा गया है, 'इसके अनुसार, सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के फूड सेफ्टी कमिश्नर और सेंट्रल लाइसेंसिंग अथॉरिटीज अपने-अपने अधिकार क्षेत्र में डिफॉल्ट करने वाले फूड बिजनेस ऑपरेटर्स के खिलाफ जरूरी कार्रवाई शुरू करेंगे.' FSSAI ने सर्विलांस एक्टिविटी पर क्या एक्शन लिया गया, उसकी रिपोर्ट भी मांगी है.
दरअसल कुछ समय पहले सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था. इस वीडियो ने एक बार फिर खाने में मिलावट के डर को सामने ला दिया है. इस क्लिप को कंटेंट क्रिएटर @experimentalbhaiya ने इंस्टाग्राम पर शेयर किया है और इसे 20 मिलियन से ज्यादा बार देखा जा चुका है. इसमें आरोप लगाया गया कि कुछ बेचने वाले गैर-कानूनी तरीके से चने में एक इंडस्ट्रियल पीली डाई मिला रहे हैं ताकि वह ज्यादा चमकदार, क्रिस्पी और ज्यादा अच्छा दिखे. इस मुद्दे ने तब से कंज्यूमर्स, फूड सेफ्टी एडवोकेट्स और सरकारी अधिकारियों के बीच बड़ी चिंता पैदा कर दी है. इससे रोजाना इस्तेमाल होने वाली चीजों को बेहतर दिखाने के लिए खतरनाक केमिकल्स के इस्तेमाल का एक चिंताजनक पैटर्न सामने आया है.
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