महाराष्ट्र, केरल, बिहार और ओडिशा ने शुक्रवार को किसानों के हित में समझौतों पर हस्ताक्षर किए. अब इन राज्यों में फार्मर रजिस्ट्री (किसान आईडी) से जुड़े प्रमाणीकरण के माध्यम से लोन सेवाओं तक निर्बाध डिजिटल पहुंच को सक्षम करने में मदद मिलेगी. चारों राज्यों ने दिल्ली में आयाजित एग्री स्टैक पर आयोजित एक सम्मेलन में राष्ट्रीय किसान कल्याण कार्यक्रम कार्यान्वयन सोसायटी के साथ पीएसबी गठबंधन के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए.
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, यह सहयोग फार्मर रजिस्ट्री से जुड़े प्रमाणीकरण के माध्यम से लोन सेवाओं तक निर्बाध डिजिटल पहुंच को सक्षम करेगा, कागजी कार्रवाई को कम करेगा. इससे पूरे भारत में छोटे और सीमांत किसानों को फायदा मिलेगा. केंद्र ने एग्री स्टैक प्लेटफॉर्म के तहत डिजिटल कृषि पहलों को लागू करने में राज्यों का समर्थन करने के लिए 6,000 करोड़ रुपये का आवंटन अलग रखा है.
बयान में कहा गया है कि कुल आवंटन में से 4,000 करोड़ रुपये कानूनी उत्तराधिकारी तंत्र सहित किसान रजिस्ट्री प्रणालियों के लिए तय किए गए हैं, जबकि 2,000 करोड़ रुपये डिजिटल फसल सर्वेक्षण का काम होगा. फंड पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर बांटा जाएगा. कृषि सचिव देवेश चतुर्वेदी ने कहा कि सरकार पारदर्शी, किसान-केंद्रित शासन के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने के लिए प्रतिबद्ध है.
उन्होंने राज्यों द्वारा अपने फार्मर रजिस्ट्री को अपडेशन राइट्स के अभिलेखों के साथ गतिशील रूप से जोड़ने और योजना वितरण और व्यक्तिगत कृषि सेवाओं के लिए डिजिटल डेटासेट का सक्रिय रूप से इस्तेमाल करने की तत्काल जरूरत पर जोर दिया. सम्मेलन में कृषि और भूमि संसाधन विभागों के सचिवों द्वारा संयुक्त रूप से विशेष केंद्रीय सहायता दिशा-निर्देशों का शुभारंभ भी हुआ.
अतिरिक्त सचिव (डिजिटल) प्रमोद कुमार मेहरदा ने एग्री स्टैक का व्यापक अवलोकन प्रदान किया, जिसमें पीएम-किसान, पीएमएफबीवाई और किसान क्रेडिट कार्ड जैसी प्रमुख योजनाओं के साथ इसके एकीकरण पर जानकारी दी गई. वहीं, पीएसबी एलायंस और राष्ट्रीय किसान कल्याण कार्यक्रम कार्यान्वयन सोसायटी के साथ सहयोग के तहत क्रेडिट सेवाओं तक पहुंचने में कागजी कार्रवाई को कम करके देश भर के छोटे और सीमांत किसानों को फायदा करेगी.
महाराष्ट्र ने राज्यव्यापी किसान रजिस्ट्री नामांकन में अपनी प्रगति दिखाई और डेटा प्रोविजनिंग इंजन की स्थापना के लिए केंद्र से समर्थन मांगा. राज्य ने अपना एआई-ड्रिवेन सलाहकार मंच 'महाविस्तार एआई' भी पेश किया. उत्तर प्रदेश ने 2024 के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य ई-खरीद के साथ एग्री स्टैक के इंटीग्रेशन पर बात की, जबकि कर्नाटक ने बैंकिंग प्रणालियों और आपदा राहत अनुप्रयोगों के साथ एकीकरण सहित नवाचारों को प्रस्तुत किया.
मंत्रालय ने किसान प्राधिकरण प्रणाली और डिजिटल रूप से सत्यापन योग्य प्रमाणपत्र सहित आगामी सेवाओं की शुरुआत की, जिससे किसानों को भूमि और फसल की जानकारी सुरक्षित रूप से साझा करने में मदद मिलेगी. एग्री स्टैक डेटा पर ट्रेंड और Google Gemini के इस्तेमाल से बने AI चैटबॉट भी दिखाया गया, जो कई भाषाओं में सवालों का जवाब देने में सक्षम है. तकनीकी सत्रों में राज्य-स्तरीय डिजिटल बुनियादी ढांचे को बढ़ाने और पुराने आदिवासी भूमि रिकॉर्ड और डिजिटल फसल सर्वेक्षण मानकों के अनुपालन जैसी चुनौतियों का समाधान करने पर ध्यान केंद्रित किया गया. (पीटीआई)
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today