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Wheat Crisis: क्या भारतीयों को इस बार रूस की रोटी खानी पड़ सकती है! गेहूं इंपोर्ट की तरफ देश? 

Wheat Crisis: क्या भारतीयों को इस बार रूस की रोटी खानी पड़ सकती है! गेहूं इंपोर्ट की तरफ देश? 

बेशक भारतीय गेहूं की रोटी दुन‍िया के कई देशों की थाली का मुख्य आहार है, लेक‍िन देश में इस बार ऐसे हालात बन रहे हैं क‍ि भारतीयों की थाली में रूस की रोटी की एंट्री हो सकती है. आइए समझते हैं क‍ि ऐसा क्या संकेत म‍िल रहे हैं, जो ये इशारा करते हैं क‍ि भारतीय थाली में रूस की रोटी यानी रूस से गेहूं इंपोर्ट के हालात पैदा हो रहे हैं. 

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रूस से गेहूं इंपोर्ट करेगा क्या भारत रूस से गेहूं इंपोर्ट करेगा क्या भारत

रबी सीजन अपने पीक पर है. इस बार रबी सीजन में भी चुनावी रंग चढ़ा हुआ रहा है. मसलन, कई राज्यों के क‍िसान अपने खेती के साथ ही राजनीत‍िक गहमा गम‍ियों का आनंद लेते रहे हैं. इसी रबी सीजन में छत्तीसगढ़ की एक चुनावी रैली में पीएम मोदी ने देश की 80 करोड़ आबादी को अगले 5 साल के ल‍िए फ्री गेहूं और चावल देने की गांरटी दी है, ज‍िसे कैब‍िनेट मंजूरी दे चुका है. ताे वहीं पीएम मोदी की इस गारंटी के इतर कई राज्य के क‍िसानों ने रबी सीजन की मुख्य फसल गेहूं की बुवाई पूरी कर ली है. तो वहीं कई राज्यों के क‍िसान गेहूं बुवाई में प‍िछड़े हुए हैं.

इन क‍िसानों को देखते हुए करनाल स्थ‍ित भारतीय गेहूं और जौ अनुसंधान संस्थान यानी IIWBR ने 25 द‍िसंबर तक गेहूं बुवाई पूरी करने को है. ये पूरी कवायद इसल‍िए है क‍ि देश-दुन‍िया की बड़ी आबादी की थाली में प्रोटीन का मुख्य आधार रोटी की मात्रा भरपूर रहे. असल में भारत गेहूं उत्पादन के मामले में दुन‍िया के शीर्ष देशों में शाम‍िल है.

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भारत में गेहूं की पैदावार रबी सीजन में की जाती है, जो देश की 140 करोड़ आबादी का पेट भरने के साथ ही दुन‍िया के कई देशों के नागर‍िकों का पेट भरने का मुख्य आहार है. बेशक भारतीय गेहूं की रोटी दुन‍िया के कई देशों की थाली का मुख्य आहार है, लेक‍िन देश में इस बार ऐसे हालात बन रहे हैं क‍ि भारतीयों की थाली में रूस की रोटी की एंट्री हो सकती है. आइए समझते हैं क‍ि ऐसा क्या संकेत म‍िल रहे हैं, जो ये इशारा करते हैं क‍ि भारतीय थाली में रूस की रोटी यानी रूस से गेहूं इंपोर्ट के हालात पैदा हो रहे हैं. 

गेहूं का ग‍िरता बफर स्टॉक और गेहूं की ओपन मार्केट सेल 

गेहूं का ग‍िरता स्टॉक और दाम कम करने के ल‍िए उद्देश्य से गेहूं की ओपन मार्केट सेल देश में गेहूं संकट की ओर इशारा कर रही हैं. असल में भारत गेहूं के मामले में दुन‍िया के सामने एक शक्त‍ि है, लेक‍िन बीते दो सालों से गेहूं भारत के ल‍िए च‍िंता का व‍िषय बना हुआ है. मार्च 2022 में समय से पहले गर्मी पड़ने की वजह से गेहूं उत्पादन प्रभाव‍ित हुआ था, इसके बाद से गेहूं का एक्सपोर्ट बंद है. वहीं बीते साल भी अप्रैल में बैमोसम बार‍िश से गेहूं का उत्पादन प्रभाव‍ित हुआ था. हालांक‍ि सरकार दावा कर रही है क‍ि गेहूं का र‍िकॉर्ड उत्पादन हुआ है, लेक‍िन गेहूं का बपर स्टॉक 6 सालों से नीचे चल रहा है.

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नवंबर महीने में गेहूं का बपर स्टाॅक 210 लाख मीट्र‍िक टन है. ये वह दौर है, जि‍समें गेहूं की सबसे अध‍िक जरूरत होती है. वहीं आगे यह चुनावी साल है. ऐसे में दाम न‍ियंत्र‍ित करने के ल‍िए सरकार लगातार कोश‍िश कर रही है, ज‍िसके तहत गेहूं को ओपन मार्केट सेल के तहत उपलब्ध करा रही है, ज‍िसके ल‍िए बफर स्टाॅक का प्रयोग क‍िया जाना है. ऐसे में गेहूं का बपर स्टाॅक और कम हो सकता है, जो च‍िंता का व‍िषय बना हुआ है. 

बुवाई कम, अल नीनो संकट 

गेहूं बुवाई जारी है, लेक‍िन गेहूं की बुवाई पर सूखा भारी पड़ा है. असल में अक्टूबर में सामान्य से कम बार‍िश दर्ज की गई थी. वहीं नवंबर में भी बार‍िश रूठी रही है. जबक‍ि तापमान गर्म रहा है.इस वजह से गेहूं की बुवाई प्रभाव‍ित हुई है. द‍िसंबर के पहले सप्ताह में प‍िछले साल की तुलना की जाए तो 4 फीसदी तक रकबा कम हुआ है. माना जा रहा है क‍ि इस साल गेहूं बुवाई का रकबा प‍िछले साल की तुलना में 4 से 5 फीसदी तक कम रह सकता है. वहीं इस साल को अल नीनो के साल के तौर पर घोष‍ित क‍िया है. माना जा रहा है क‍ि फरवरी के बाद अल नीनो का असर और तेज होगा.

2022 में मार्च में अध‍िक गर्मी पड़ने की वजह से गेहूं का उत्पादन प्रभाव‍ित हुआ था. वहीं 2023 में अप्रैल में बैमौसम बार‍िश ने गेहूं पर कहर बरपाया था. अब 2024 को अल नीनो का आध‍िकार‍िक साल कहा जा रहा है, ऐसे में गेहूं उत्पादन पर असर पड़ने की संभावनाएं बनी हुई हैं.

इंपोर्ट की बात और रूस से क्या उम्मीद  

 गेहूं इंपोर्ट पर सरकार ने 40 फीसदी ड्यूटी लगाई हुई है, लेक‍िन गेहूं के मोर्चे पर जि‍स तरीके की खबरें सामने आ रही हैं, वह गेहूं इंपोर्ट की तरफ इशारा कर रही है. बुवाई का रकबा कम होने के साथ ही अगर अल नीनो की वजह से उत्पादन में ग‍िरने का प्रारंभ‍िक अनुमान भी होता है. देश को गेहूं संकट से न‍िकालने के ल‍िए गेहूं इंपोर्ट का व‍िकल्प ही सामने है. ऐसे में रूस से गेहूं इंपोर्ट करना ही भारत के ल‍िए मुफीद हाेगा. रूस गेहूं उत्पादन के मामले में भारत के बाद शीर्ष देशों में शुमार है. तो वहीं दुन‍िया का सबसे बड़ा नि‍र्यातक भी है.

रूस-यूक्रेन की वजह से यूरोप‍ियन यून‍ियन रूस से गेहूं इंपोर्ट नहीं कर रहे हैं. तो वहीं बीते सीजन में रूस में गेहूं का बंपर उत्पादन हुआ है. तो वहीं भारत से रूस के र‍िश्ते भी बेहतर हैं. बेशक इंटरनेशनल मार्केट में गेहूं की जबरदस्त मांग है, लेक‍िन ऐसी संभावनाएं हैं क‍ि भारत अपने कूटनीति‍क र‍िश्तों के दम पर रूस से कम कीमत पर गेहूं इंपोर्ट कर सकता है, जो भारत में संभाव‍ित गेहूं संकट से न‍िपटने का सामाधान हो सकता है.