मछलियों को दाना खिलाना अपने आप में एक बड़ा काम है. क्योंकि उसमें यह खयाल रखना पड़ता है कि सभी मछलियों को बराबर दाना मिल जाए. ऐसे ही दवाई का छिड़काव करने के दौरान यह एहतियात बरतनी होती है. लेकिन लाख कोशिशों के बाद बहुत सारी मछलियां छूट जाती हैं. मसलन, पीछे रहने वाली मछलियों तक दाना और दवा नहीं पहुंच पाती है. लेकिन, अब सभी मछलियों को दाना खिलाने की जिम्मेदारी ड्रोन की होगी. ड्रोन ही सभी मछलियों तक दवाई भी पहुंचाएगा. ड्रोन से ही एक जगह बैठकर बीमार मछलियों के बारे में पता लगाया जा सकेगा.
मछलियों को दाना खिलाने वाले ड्रोन की कीमत बाजार में 5.5 लाख रुपये से शुरू हो जाती है. उसके बाद आप जैसे फीचर चाहते हैं उसी हिसाब से उसके रेट हो जाते हैं. जैसे आपको ड्रोन में रडार चाहिए, कैमरा और सेंसर चाहिए तो उसी हिसाब से रेट भी बढ़ जाते हैं.
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ड्रोन बनाने वाली एक कंपनी के एमडी शंकर गोयनका ने किसान तक को बताया कि अभी हम कभी तालाब के एक कोने पर तो कभी दूसरे और तीसरे कोने पर जाकर मछलियों को हाथ से दाना खिलाते हैं. हर मछली पालक की यही कोशिश होती है कि सभी मछलियों को बराबर दाना मिल जाए. ऐसा न हो कि कोई मछली मोटी ताजी हो जाए तो कोई कमजोर ही रह जाए. ऐसा इसलिए करना होता है कि तालाब की जो ताकतवर मछली हैं वो दाना खाने के लिए एकदम आगे यानि तालाब के किनारे पर आ जाती हैं, जबकि कमजोर मछली पीछे रह जाती है.
उसे भरपेट दाना नहीं मिल पाता है. जिसके चलते दूसरी मछलियों के मुकाबले वो कम वजन की ही रह जाती है. इसका मछली पालक को भी बड़ा नुकसान होता है. लेकिन, ड्रोन से जब दाना तालाब में डाला जाता है तो वो बराबर रूप से पूरे तालाब में दाना डालता है. जिसके चलते तालाब के सभी हिस्सेल में मौजूद मछलियों को दाना खाने का मौका मिल जाता है.
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शंकर गोयनका का कहना है कि जिस तरह से यह कोशिश की जाती है कि सभी मछलियों को बराबर दाना मिल जाए, इसी तरह से तालाब में दवाई का छिड़काव करते वक्त यह खयाल रखना पड़ता है कि सभी मछलियां दवाई के प्रभाव में आ जाएं. लेकिन हाथ से दवाई का छिड़काव कैसे भी कर लो, लेकिन तालाब में कुछ न कुछ मछलियां छूट ही जाती हैं. और कुछ बीमारी ऐसी होती हैं कि अगर सभी मछली ठीक हो जाएं और एक भी बीमार रह गई तो वो फिर से दूसरी मछलियों को बीमार कर देगी.
जबकि ड्रोन से खेत की तरह दवाई भी पूरे हिस्से में छिड़क दी जाती है और तालाब की हर एक मछली उसके प्रभाव में आ जाती है. इतना ही नहीं ड्रोन में लगे कैमरे से बीमार मछलियों जैसे लाल धब्बे वाली मछलियों को देखा जा सकता है. मछली तालाब के बीच में है. आपको किनारे से दिखाई नहीं दे रही है तो ऐसे में ड्रोन उसे आपके मोबाइल और लैपटॉप पर दिखा देगा.
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