Diwali 2023: गन्ने के बिना अधूरी मानी जाती है लक्ष्मी पूजा, जानें क्या हैं वजह? 

Diwali 2023: गन्ने के बिना अधूरी मानी जाती है लक्ष्मी पूजा, जानें क्या हैं वजह? 

दिवाली पूजा में दो गन्ने रखने का विधान है. गन्ना लक्ष्मी जी को काफी प्र‍िय है. मान्यता है कि महालक्ष्मी पूजन के दौरान गन्ने की पूजा करने से मां हमेशा के लिए घर में वास करती हैं. सुख-समृद्धि और धन से घर को भर देती हैं. गन्ने और लक्ष्मी जी से जुड़ी कथा के पीछे की कहानी जान लीज‍िए. 

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Diwali 2023: गन्ने के बिना अधूरी मानी जाती है लक्ष्मी पूजा, जानें क्या हैं वजह? जानिए लक्ष्मी पूजा में गन्ना का महत्व

द‍िवाली का त्योहार अंधकार पर प्रकाश की जीत का प्रतीक है. इस दिन लोग अपने घरों को दीपों और रंगोली से सजाते हैं. नए कपड़े पहनते हैं और मिठाई एवं उपहारों का आदान-प्रदान करते हैं. लेक‍िन, द‍िवाली पर लक्ष्मी पूजन सबसे महत्वपूर्ण है. समृद्धि के लिए लोग देवी लक्ष्मी की विशेष पूजा करते हैं. साथ ही विघ्नहर्ता भगवन गणेश की भी पूजा अर्चना होती है. दिवाली पर मां लक्ष्मी के पूजन के दौरान उनकी कई प्रिय वस्तुएं भी रखी जाती है. उन्हीं में से एक है गन्ना. मान्यता है कि महालक्ष्मी पूजन के दौरान गन्ने की पूजा करने से मां हमेशा के लिए घर में वास करती हैं. क्योंकि मां लक्ष्मी को गन्ना सबसे प्रिय है. ऐसा क्यों है इसे भी जान लीज‍िए. 

पुराणों के अनुसार हाथी को मां लक्ष्मी की सवारी माना जाता है. मां लक्ष्मी एरावत नाम के हाथी पर बैठकर पृथ्वी पर विचरण करती हैं. इसलिए मां का एक नाम गजकेसरी भी है. वहीं हाथी को सबसे ज्यादा गन्ना पसंद होता है. यही वजह है कि लक्ष्मी पूजा में गन्ने को रखा जाता है, लेकिन आज हम आपको बता रहे हैं इसके पीछे की एक और वजह क्या है.  

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गन्ने और लक्ष्मी से जुड़ी क्या है कथा 

ज्योतिषचार्यों के अनुसार पूजा में गन्ने का उपयोग करने और गन्ने के रस से मां लक्ष्मी और भगवान गणेश का अभिषेक करने से मां लक्ष्मी जी जल्द प्रसन्न होकर हमेशा के लिए घर में निवास करने लगती हैं. ज‍िससे पर‍िवार संपन्न हो जाता है. पौराणिक कथाओं के अनुसार, मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु पृथ्वी पर भ्रमण के लिए निकलते हैं, तभी भगवान विष्णु को किसी कार्य से दक्षिण दिशा में जाना होता है. वे मां लक्ष्मी को यहीं रुकने के लिए कहकर चले जाते हैं. 

जब माता को भूख लगती है तो वह पास ही गन्ने के खेत में गन्ना खाने पहुंच जाती है. इसी बीच भगवान विष्णु आते हैं और माता से पूछते हैं कि क्या आपने गन्ना खाने से पहले जिसका यह खेत है, उस किसान से स्वीकृति ली है. माता का ना में जवाब देने पर भगवान विष्णु ने दंड और किसान को भुगतान स्वरूप माता को 12 वर्ष के लिए किसान के घर में ही निवास करने को कहते हैं. 

क्यों की जाती है गन्ने की पूजा

पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान विष्णु की आज्ञा का पालन करते हुए मां लक्ष्मी ने किसान के घर में 12 वर्ष तक निवास किया. लेकिन जब मां जाने लगती है तो किसान उन्हें हमेशा के लिए रोकना चाहता है. जिस पर मां कहती है कि जिस गन्ने की वजह से में यहां रही हूं. मेरे पूजन के समय गन्ने का भी पूजन करें तो मैं हमेशा आपके यहां गन्ने के स्वरूप में वास करूंगी. यहीं से लक्ष्मी पूजन में गन्ना का व‍िशेष महत्व है. 

अभिषेक के ल‍िए क्या करना होगा 

माता लक्ष्मी की पूजा के दौरान दो गन्ने रखकर पूजा की जाती है. जो ऐसा करता है मां उसका घर सुख-समृद्धि और धन से भर देती हैं. गन्ने के साथ मां लक्ष्मी की पूजा करने के अलावा गन्ने के रस से भी अभिषेक करना चाहिए, जिससे मां अति प्रसन्न होती हैं और हमेशा घर में वास करती हैं. पूरी रात माता के अन्य प्रसाद के साथ ही गन्ना भी रखा जाता है और अगले दिन इसे प्रसाद के रुप में ग्रहण किया जाता है.

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