पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट की तरफ से तेलंगाना सरकार की एक ऐसे मसले को लेकर तारीफ की गई है जिस पर कम ही लोगों की नजर गई है. सुप्रीम कोर्ट की तरफ से बनाई गई एक समिति ने तेलंगाना के रेवंत रेड्डी सरकार की खुलकर तारीफ की है. इस समिति पर देश भर में कृषि परिदृश्य का आकलन करने का जिम्मा है और यह एक उच्चाधिकार वाली कमेटी है. इस कमेटी ने किसान कल्याण और ग्रामीण विकास के मामले में तेलंगाना को एक प्रगतिशील राज्य करार दिया है.
कमेटी की तरफ से कहा गया है कि तेलंगाना सरकार की कई ऐसी हैं पहल हैं जिनसे किसानों को फायदा हो रहा है और किसानों के लिए राज्य की सहायता प्रणाली कई और राज्यों की तुलना में काफी बेहतर है. हरियाणा के पंचकूला में जून के दूसरे हफ्ते में हुई एक मीटिंग में तेलंगाना के प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों, जिनमें तेलंगाना रायथु आयोग के अध्यक्ष एम कोडंडा रेड्डी, तेलंगाना बीज निगम के अध्यक्ष एस अन्वेश रेड्डी और राज्य बीज पैनल के सदस्य शामिल थे, ने समिति को राज्य में किसान समुदाय को प्रभावित करने वाले कई मुद्दों पर जानकारी दी. तेलंगाना टीम ने ऋण माफी, इनपुट सब्सिडी, फसल बोनस और किसानों को आर्थिक मदद जैसी कई योजनाओं के बारे में जानकारी दी.
पैनल ने विशेषतौर पर सीएम रेवंत रेड्डी की किसान-केंद्रित नीतियों को लागू करने के लिए सराहना की जो अब अपना असर दिखा रही हैं. समिति ने मुलुगु जिले में हाल ही में हुए बीज उत्पादन विवाद पर भी विवरण मांगा है. कोडंडा रेड्डी ने बहुराष्ट्रीय बीज कंपनियों से जुड़ी अनियमितताओं को उनके ध्यान में लाया जिसके कारण स्थानीय किसानों को नुकसान हुआ है. उन्होंने ऐसी कंपनियों को रेगुलेट करने और बीज उत्पादक किसानों के हितों की रक्षा के लिए एक मजबूत राज्य स्तरीय बीज कानून की जरूरत पर जोर दिया.
तेलंगाना की टीम ने आगे बताया कि कृषि एक राज्य का विषय है और राज्यों को अपने खुद के बीज कानून बनाने की अनुमति देने पर केंद्र सरकार के अड़ियल रुख की आलोचना की है. इसके अलावा समिति ने इन चिंताओं पर ध्यान दिया. साथ ही किसानों के लिए कानूनी सुरक्षा उपायों की मांग करने में तेलंगाना के सक्रिय दृष्टिकोण की सराहना की.
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