आंवला का सबसे ज्यादा उत्पादन उत्तर प्रदेश में होता है. उत्तर प्रदेश के इस उत्पादन में सबसे बड़ा हाथ आचार्य नरेंद्र देव कृषि विश्वविद्यालय की प्रजातियों का है. इस विश्वविद्यालय को आंवला विश्वविद्यालय के रूप में भी जाना जाता है क्योंकि यहां की प्रजाति नरेंद्र आंवला 7 सबसे उन्नत किस्म है जिसको किसानों के द्वारा सबसे ज्यादा पसंद किया जाता है. आंवला की पैदावार उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ इलाके में सबसे ज्यादा होती है. जिले की पैदावार में नरेंद्र आंवला 7 प्रजाति का सबसे बड़ा योगदान है. इस प्रजाति का विकास आचार्य नरेंद्र देव कृषि विश्वविद्यालय के द्वारा किया गया है. देश में आंवला उत्पादन में नरेंद्र आवला 7 का सबसे बड़ा योगदान है.
देश में सबसे ज्यादा आंवला का उत्पादन उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ में किया जाता है. जिले के सदर ब्लॉक में सबसे ज्यादा आंवला की बागवानी होती है. आंवला के उत्पादन में आज भी आचार्य नरेंद्र देव कृषि विश्वविद्यालय के द्वारा विकसित किस्म नरेंद्र आंवला-7 का सबसे ज्यादा योगदान है. विश्वविद्यालय के हॉर्टिकल्चर विभाग के डीन डॉ. संजय पाठक ने किसान तक को बताया कि नरेंद्र आंवला-7 किस्म आज भी एक लाख हेक्टेयर से ज्यादा भूमि पर किसानों के द्वारा लगाई गई है. इस किस्म का उत्पादन सबसे ज्यादा है. नरेंद्र देव कृषि विश्वविद्यालय के द्वारा विकसित किस्म में नरेंद्र आंवला पांच, नरेंद्र आंवला 6 किस्म भी किसानों के बीच काफी लोकप्रिय है. हाल के दिनों में नरेंद्र आंवला 25 ,नरेंद्र आंवला 26 को विकसित किया गया है. इस प्रजाति का आंवला का साइज बड़ा होता है जिसका वजन 50 ग्राम से ज्यादा होता है. यह आंवला कैंडी बनाने में सबसे ज्यादा प्रयोग किया जाता है.
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आचार्य नरेंद्र देव कृषि विश्वविद्यालय के हॉर्टिकल्चर विभाग के डीन डॉ. संजय पाठक ने बताया कि आंवला की खेती किसानों के लिए काफी ज्यादा फायदेमंद है. एक पेड़ से एक कुंतल से ज्यादा आंवला का उत्पादन होता है. वही एक एकड़ क्षेत्रफल में 225 आवला के पौधे लगाए जाते हैं. एक पौधे से दूसरे पौधे के बीच में 8 फीट की दूरी रखी जाती है. इस तरीके से प्रति हेक्टेयर आंवला की बागवानी से किसानों को दो से ₹300000 तक की आमदनी हो जाती है. आंवला के साथ-साथ सह फसल खेती से भी किसान ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं . आंवला की बागवानी में हल्दी के साथ अदरक और सब्जियों की कई खेती भी किसानों के द्वारा की जा रही है जिससे उन्हें 50000 से लेकर ₹100000 तक की अतिरिक्त आय प्राप्त हो रही है.
उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिला आंवला उत्पादन में सबसे आगे है. जिले का सदर तहसील का इलाका वाला उत्पादन में काफी आगे है. गोडे गांव के किस ज्वाला सिंह ने बताया कि उन्होंने 25 बीघे में आंवले का बाग लगाया है. उनके यहां से वाला दूसरे प्रदेशों में भी भेजा जाता है. उत्तर प्रदेश के आंवला उत्पादन में प्रतापगढ़ की हिस्सेदारी 80 फ़ीसदी की है. यहां हर साल 8 लाख कुंतल आंवला का उत्पादन होता है.
आंवला पोषक तत्वों से भरपूर माना गया है. आंवला में विटामिन की भरपूर मात्रा पाई जाती है. इसके अलावा फाइबर, फोलेट, एंटीऑक्सीडेंट, फास्फोरस ,आयरन ,ओमेगा 3,मैग्नीशियम और कैल्सियम भी पाया जाता है. आंवला के सेवन से त्वचा संबंधी समस्याएं जैसे झुरिया कील मुंहासे में लाभ होता है. इसके अलावा आंवला के नियमित प्रयोग से आंखों की रोशनी भी बढ़ जाती है. आंवला के उपयोग से बालों का टूटना काम हो जाता है. इसके साथ ही यूरिन इन्फेक्शन में आंवला का सेवन काफी लाभकारी है. खाली पेट आंवला के सेवन से शरीर डिटॉक्स होता है. इसके साथ ही रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है.
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