इस समय मौसम में बदलाव की संभावना जताई जा रही है, जिससे किसानों को अपनी फसलों की देखभाल में अधिक सावधानी रखने की जरूरत है. खासकर, तेज हवाओं या तूफानों से बचाव के लिए कुछ उपायों को अपनाना जरूरी है ऐसे में किसानों को तेज हवा और तूफान से फसलों को बचाने के लिए पूसा ने एडवाइजरी जारी की है.
किसान अपनी कटाई हुई फसलों को अच्छे से बांधकर और ढककर रखें. ऐसा न करने पर तेज हवा या तूफान से फसल एक खेत से दूसरे खेत में फैल सकती है, जिससे नुकसान हो सकता है.
कटाई के बाद फसलों को भण्डारित करने से पहले उन्हें अच्छी तरह सुखा लें ताकि नमी के कारण फसल सड़ न जाए. यदि नमी के कारण फसलों को बंद रखा जाए तो फसल बर्बाद हो जाती है और किसानों को नुकसान उठाना पड़ता है.
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इस सप्ताह तापमान में वृद्धि का अनुमान है ऐसे में खड़ी फसलों और सब्जियों में हल्की सिंचाई करना फायदेमंद रहेगा हवा की गति कम होने पर सुबह या शाम को सिंचाई करें.
तापमान में वृद्धि से बचाव के लिए, पछेती गेहूं की फसल में 2% पोटेशियम नाइट्रेट या 0.2% म्यूरेट ऑफ पोटाश उर्वरक का घोल बनाकर फसल पर छिड़काव करें.
अधिक तापमान से बचाने के लिए, टमाटर, मिर्च और बैंगन की फसलों में 2% नेफथालिन एसीटिक एसिड (NAA) का घोल छिड़कें इससे फलों का विकास नहीं रुकेगा और नुकसान कम होगा.
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मूंग की फसल की बुवाई के लिए उन्नत बीजों का उपयोग करें, जैसे पूसा विशाल, पूसा रत्ना, पूसा-5931, और अन्य बीजों को राईजोबीयम और फास्फोरस सोलूबलाईजिंग बेक्टीरिया से उपचारित करना न भूलें. बुवाई के समय खेत में पर्याप्त नमी होनी चाहिए.
टमाटर, मटर, बैंगन और चना की फसलों को फल छेदक/फली छेदक कीट से बचाने के लिए किसान खेत में पक्षी का घोसला लगाएं. इसके अलावा, कीट की निगरानी के लिए फिरोमोन प्रपंश का उपयोग करें यदि कीटों की संख्या अधिक हो, तो बी.टी. कीटनाशी का छिड़काव करें.
इस मौसम में सही समय पर उचित देखभाल और सुरक्षा उपायों से किसानों को अपनी फसलों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए. इन सरल उपायों को अपनाकर किसान अपनी फसलों का उत्पादन बढ़ा सकते हैं और नुकसान से बच सकते हैं.
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