महाराष्ट्र के लातूर जिले में तेज हवा, बारिश और ओलावृष्टि ने किसानों की मुसीबतें बढ़ा दीं. इस बेमौसम बारिश के कारण खासतौर पर आम की फसल को भारी नुकसान हुआ है, जबकि अंगूर और सब्जियों की फसलें भी प्रभावित हुई हैं. किसानों ने प्रशासन से तुरंत सर्वे कराने और आर्थिक सहायता देने की मांग की है.
गुरुवार शाम करीब 6 बजे अचानक मौसम बदलने के बाद लातूर, औसा, निलंगा, लामजाना सहित कई क्षेत्रों में तेज हवा, बारिश और ओलावृष्टि का कहर बरपा. खेतों में खड़ी फसलें पूरी तरह ओलों की सफेद चादर से ढक गईं. किसान ओलों को हटाने की कोशिश करते रहे, लेकिन फसलें बुरी तरह से नष्ट हो गईं.
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किसानों ने बताया, "हमारी पूरी आम की फसल बर्बाद हो गई है. ओलावृष्टि इतनी तेज थी कि खेत पूरी तरह बर्बाद हो गया." वहीं, दूसरे ने कहा, "ओलावृष्टि से हमारे आम के पेड़ झुक गए और ज्यादातर फल गिर गए. इस साल हमें बहुत नुकसान हुआ है."
ओलावृष्टि के कारण आम के बागों में गहरा नुकसान हुआ है. इसके अलावा अंगूर, टमाटर, बैंगन और अन्य सब्जियों की फसलें भी बुरी तरह प्रभावित हुई हैं. कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, आगामी दिनों में मौसम खराब रहने की संभावना जताई जा रही है, जिससे किसानों की चिंता और बढ़ गई है.
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लातूर जिले के प्रभावित किसानों ने प्रशासन से जल्द ही सर्वेक्षण कर राहत राशि प्रदान करने की मांग की है. किसान सरकार से उम्मीद कर रहे हैं कि इस प्राकृतिक आपदा से उबरने में उन्हें सहायता मिल सके. लातूर, औसा, निलंगा और लामजना क्षेत्र में हुई इस ओलावृष्टि ने किसानों के जीवन को कठिन बना दिया है.
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