किसानों से बीज-खाद के मनमाने दाम नहीं ले पाएंगे विक्रेता, कृषि मंत्री ने जारी किया हेल्पलाइन नंबर, तुरंत दर्ज होगी शिकायत

किसानों से बीज-खाद के मनमाने दाम नहीं ले पाएंगे विक्रेता, कृषि मंत्री ने जारी किया हेल्पलाइन नंबर, तुरंत दर्ज होगी शिकायत

कृषि मंत्री धनंजय मुंडे ने इस अभिनव पहल को पिछले साल भी लागू किया था. इससे हजारों शिकायतों का समाधान करने में मदद मिली थी. इसलिए, धनंजय मुंडे ने इस वर्ष इस गतिविधि को लागू करने का निर्णय लिया है.

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किसानों से बीज-खाद के मनमाने दाम नहीं ले पाएंगे विक्रेता, कृषि मंत्री ने जारी किया हेल्पलाइन नंबर, तुरंत दर्ज होगी शिकायत हेल्पलाइन नंबर

महाराष्ट्र से आए दिन फर्जी खाद-बीज की बिक्री को लेकर खबरें आती रहती हैं, जिससे किसानों को परेशानी होती है. इन्हीं परेशानियों को देखते हुए महाराष्ट्र कृषि विभाग ने फर्जी बीजों और बीज खरीदने पर दुकानदारों द्वारा ज्यादा पैसा लिए जाने की शिकायतों को देखते हुए एक नई पहल की है. दरअसल, महाराष्ट्र के कृषि मंत्री धनंजय मुंडे ने राज्य की खरीफ सीजन योजना की समीक्षा की. उस समीक्षा उन्होंने किसानों के लिए 'कृषि शिकायत व्हाट्सएप हेल्पलाइन नंबर' जारी करने का निर्देश दिया है, जिसके अनुसार कृषि विभाग ने एक व्हाट्सएप नंबर 9822446655 जारी किया है.

गोपनीय रखा जाएगा नाम

इस पहल के मुताबिक राज्य में कहीं भी कृषि इनपुट डीलर किसानों को कुछ कंपनियों से बीज या उर्वरक खरीदने के लिए मजबूर कर रहे हैं, उच्चे कीमतों पर बीज, उर्वरक या कीटनाशक बेच रहे हैं, किसानों को अनावश्यक वस्तुएं खरीदने के लिए मजबूर कर रहे हैं, फर्जी किस्म बेच रहे हैं, या कोई अन्य शिकायत कर रहे हैं उन शिकायतों को दुकान के नाम, स्थान, तालुका, जिले के साथ उपलब्ध प्रमाण के साथ उपरोक्त व्हाट्सएप नंबर पर भेजें. मंत्री धनंजय मुंडे ने जानकारी दी है कि हर शिकायत पर तुरंत संज्ञान लिया जाएगा, सत्यापन किया जाएगा और कार्रवाई की जाएगी. साथ ही शिकायत करने वाले किसानों का नाम पूरी तरह से गोपनीय रखा जाएगा.

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नंबर सक्रिय कर दिया गया है

कृषि मंत्री धनंजय मुंडे ने इस अभिनव पहल को पिछले साल भी लागू किया था. इससे हजारों शिकायतों का समाधान करने में मदद मिली थी. इसलिए, धनंजय मुंडे ने इस वर्ष इस गतिविधि को लागू करने का निर्णय लिया है, और उक्त व्हाट्सएप नंबर सक्रिय कर दिया गया है.

किसानों को होगा फायदा 

'कृषि शिकायत व्हाट्सएप हेल्पलाइन नंबर' पर मिलने वाली बीजों से संबंधित शिकायतों की पड़ताल करने की जिम्मेदारी कृषि विभाग की होगी. इस पहल से होने वाली कार्रवाई से राज्य में फर्जी बीजों, नकली उर्वरकों और फर्जी कीटनाशकों पर रोक लगेगी, जिससे किसानों को फायदा होगा. आपको बता दें कि महाराष्ट्र में कपास की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है. इसलिए, अक्सर बाजारों में किसानों को नकली बीज बेचे जाते थे. उन पर अब इस पहल के द्वारा कार्रवाई की जाएगी.

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