भारत सरकार देशभर में नैनो उर्वरकों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए सक्रिय कदम उठा रही है. हालांकि सरकार सीधे तौर पर नैनो-उर्वरक संयंत्रों की स्थापना में शामिल नहीं है, लेकिन उर्वरक कंपनियों ने इस दिशा में गज़ब जी प्रगति की है.
इन संयंत्रों से अब तक देशभर में:
1.राज्यों के साथ समन्वय
भारत सरकार ने राज्यों के साथ कई मंचों पर बैठकों के माध्यम से नैनो उर्वरकों के उपयोग पर चर्चा की है. खरीफ 2024 सीज़न के लिए हुए सम्मेलन में राज्यों से कहा गया कि वे अपने कृषि विभागों के ज़रिए इन उर्वरकों को बढ़ावा दें.
2.प्रदर्शन और परीक्षण
रबी 2024-25 सीज़न के लिए भी नैनो यूरिया और डीएपी की आवश्यकताओं का आकलन किया गया है. सभी राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और ICAR संस्थानों को सुझाव दिया गया कि वे फील्ड डेमोंस्ट्रेशन के लिए नैनो उर्वरकों को शामिल करें.
3.जागरूकता और प्रशिक्षण
किसानों में जागरूकता बढ़ाने के लिए:
4.वितरण नेटवर्क का विस्तार
नैनो यूरिया और डीएपी को प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्रों (PMKSK) पर उपलब्ध कराया जा रहा है ताकि किसानों को आसानी से यह उत्पाद मिल सके.
नैनो उर्वरक भारत में कृषि के लिए एक क्रांतिकारी बदलाव साबित हो रहे हैं. ये न केवल पर्यावरण के लिए सुरक्षित हैं, बल्कि किसानों को कम लागत में अधिक उपज देने में भी मदद कर रहे हैं. सरकार और उर्वरक कंपनियों के मिलकर किए जा रहे प्रयासों से यह उम्मीद की जा रही है कि भविष्य में ये उर्वरक परंपरागत उर्वरकों का मजबूत विकल्प बनेंगे.
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