फसलों में कैसे करें नाइट्रोजन खाद का इस्तेमाल, इन 8 पॉइंट्स में समझें

फसलों में कैसे करें नाइट्रोजन खाद का इस्तेमाल, इन 8 पॉइंट्स में समझें

नाइट्रोजन का उपयोग उत्पादकता बढ़ाने के लिए खेती के लिए बहुत अच्छा है, लेकिन नाइट्रोजन के पर्यावरण में लीक होने से कई तरह के खतरे हैं." ऐसे में जरूरी है कि नाइट्रोजन खाद का इस्तेमाल कैसे किया जाए यह जानना बहुत जरूरी है.

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फसलों में कैसे करें नाइट्रोजन खाद का इस्तेमाल, इन 8 पॉइंट्स में समझेंHow to use nitrogen fertilizer in crops

नाइट्रोजन के बिना अधिकांश फसलें सही तरीके से विकसित नहीं होतीं. मकई, गेहूं और चावल के लिए नाइट्रोजन वही है जो मछली के लिए पानी है. हर साल लगभग 100 मिलियन टन से अधिक नाइट्रोजन उर्वरक के रूप में फसलों में लगाया जाता है. जिससे उन्हें मजबूत और बेहतर विकसित होने में मदद मिलती है. लेकिन समस्याएं तब उत्पन्न होती हैं जब नाइट्रोजन की बरबादी होती है. इस प्रक्रिया में हवा, पानी और जमीन तीनों प्रदूषित होती है. यह अनुमान लगाया गया है कि नाइट्रोजन डिस्चार्ज कृषि के ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन का एक तिहाई हिस्सा है. ऐसे में इसको रोकने या फिर कम करने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं.

नाइट्रोजन का उपयोग उत्पादकता बढ़ाने के लिए खेती के लिए बहुत अच्छा है, लेकिन नाइट्रोजन के पर्यावरण में लीक होने से कई तरह के खतरे हैं." ऐसे में जरूरी है कि नाइट्रोजन खाद का इस्तेमाल कैसे किया जाए यह जानना बहुत जरूरी है. तो आइए इन 8 पॉइंट्स में समझते हैं इसका पूरा गणित. 

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कैसे करें नाइट्रोजन खाद का इस्तेमाल

  1. यदि आपने अनाज के लिए दलहनी फसल की खेती की है तो एक एकड़ गेहूं की फसल में केवल 48 किलोग्राम नाइट्रोजन का उपयोग करें. इससे ज्यादा इस्तेमाल करना बर्बादी होगी. दलहनी फसल के बाद आप नाइट्रोजन की मात्रा कम कर सकते हैं.
  2. दलहनी फसल के बाद सिंचित जौ की फसल की खेती कर रहे हैं तो एक एकड़ में लगभग 20 किलोग्राम नाइट्रोजन का इस्तेमाल किया जा सकता है. 
  3. असिंचित गेहूं में यूरिया का छिड़काव फसल बोने के डेढ़ महीने के बाद करें. साथ ही लगभग 15 दिन के अंतराल पर यह छिड़काव करते रहें.
  4. इसी तरह यदि आप खड़ी फसल की स्थिति, उम्र और प्रकार के आधार पर यूरिया के घोल का छिड़काव करते हैं. घोल की मात्रा फसल की वृद्धि और स्थिति पर निर्भर करती है. इसके लिए आप किसी कृषि विशेषज्ञ से भी सलाह ले सकते हैं.
  5. अगर आप चने की खेती कर रहे हैं तो इसमें नाइट्रोजन की मात्रा भी कम इस्तेमाल हो सकती है, इसलिए बुआई के समय एक एकड़ के लिए 6 किलो नाइट्रोजन ही लें और इसमें लगभग 20 किलो किसान खाद मिलाएं. विकल्प के तौर पर आप फास्फोरस का प्रयोग 12 किलो यूरिया के साथ भी कर सकते हैं.
  6. बौनी किस्मों के लिए आप 25 किलोग्राम नाइट्रोजन का उपयोग कर सकते हैं. यह मात्रा इस किस्म के विकास के लिए बिल्कुल सही है. लंबी किस्मों के लिए इसकी आधी मात्रा यानी 3 किलोग्राम पर्याप्त हो सकती है. नाइट्रोजन की पूरी मात्रा का उपयोग करने के लिए, बुआई के समय लगभग 15 सेमी की गहराई बनाएं और इसे पर्याप्त नमी वाले स्थान पर ड्रिल करें. ध्यान रखें कि उर्वरक जितनी गहराई या नमी में डाला जाएगा, आपको उतना ही अधिक फायदा होगा.
  7. सिंचित जौ में प्रति एकड़ 22 किलोग्राम नाइट्रोजन, 10 किलोग्राम P2O5 और 6 किलोग्राम पोटाश (K2O) उपयोगी होते हैं. 'फॉस्फोरस, पोटाश व नाइट्रोजन की आधी मात्रा बुआई के समय तथा शेष नाइट्रोजन एक माह बाद पहली सिंचाई के समय डालें.
  8. रेतीली भूमि में पानी देने के 1-2 दिन बाद तथा चिकनी और दोमट मिट्टी में पानी देने से पहले यूरिया का प्रयोग किया जा सकता है. असिंचित जौ की फसल में प्रति एकड़ 10 किलोग्राम नाइट्रोजन और 5 किलोग्राम फास्फोरस (P2O5) पर्याप्त है. दोनों के लिए बुआई के समय पर्याप्त नमी वाले स्थान पर बीज को ड्रिल करके जमीन के अंदर डालें.
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