
त्योहारों का सीजन आते ही कमल के फूल की डिमांड मार्केट में बढ़ जाती है. वहीं, अक्टूबर से लेकर मार्च तक का समय कमल के फूल की खेती करने वाले किसानों के लिए कमाई का एक बेहतर जरिया भी है. बता दें कि कमल भारतीय फूलों में अत्यंत लोकप्रिय है. कमल के फूल का इस्तेमाल लोग पूजा-पाठ के अलावा कई प्रोडक्ट बनाने और सजावट में भी करते हैं. ऐसे में अगर आप भी त्योहारी सीजन में गेंदे के फूल से अच्छी कमाई करना चाहते हैं या घर के गमले और बागीचे में कमल का फूल उगाना चाहते है, तो राष्ट्रीय बीज निगम की वेबसाइट पर इसके बेस्ट वैरायटी का पौधा आपको सस्ते में मिल जाएगा.
देश में किसान अब पारंपरिक फसलों के अलावा फूलों की खेती बड़े पैमाने पर कर रहे हैं. इससे किसानों की बंपर कमाई भी हो रही है. ऐसे में किसानों की सुविधा के लिए राष्ट्रीय बीज निगम ऑनलाइन कमल के लाल शंघाई किस्म के पौधे बेच रहा है. इस पौधे को आप एनएससी के ऑनलाइन स्टोर से खरीद कर बंपर कमाई कर सकते हैं. साथ ही इसे ऑनलाइन ऑर्डर करके अपने घर भी मंगवा सकते हैं.
लाल शंघाई (Red Shanghai) कमल की एक खास किस्म है. इस किस्म को लोग रंग बदलने वाले फूल के नाम से भी जानते हैं. दरअसल, ये एक ऐसी किस्म है जिसके फूल दिन में रंग बदलते हैं. वहीं, इस किस्म के कमल को आप आसानी से घर में भी उगा सकते हैं. यह एक प्रकार का "धरती का कमल" है जो मिट्टी में उगता है और लाल रंग के फूल देता है. इस किस्म के फूल दिन में तीन बार रंग बदलते हैं. सुबह सफेद, दोपहर में गुलाबी और शाम को गहरा लाल. अपने आकर्षक रंग बदलते फूलों के कारण यह घर की सजावट के लिए बहुत उपयोगी है.
अगर आप भी कमल की लाल शंघाई किस्म की खेती करना या अपने घर के बगीचे में लगाना चाहते हैं, तो इस किस्म का 1 पौधा आपको फिलहाल 20 फीसदी की छूट के साथ 650 रुपये में राष्ट्रीय बीज निगम की वेबसाइट पर मिल जाएगा. इसे खरीद कर आप आसानी से कमल के फूल की खेती कर बंपर मुनाफा कमा सकते हैं.
गमले में कमल उगाने के लिए, एक चौड़ा और बिना छेद वाला गमला लें. गमले के नीचे लगभग 2 इंच मोटी गोबर की खाद या वर्मीकंपोस्ट की परत बिछाएं. इसके ऊपर 4-6 इंच मोटी चिकनी मिट्टी या काली मिट्टी की परत लगाएं. फिर पौधे को मिट्टी में लगा दें. उसके बाद गमले में इतना पानी भरें कि वह पूरा पानी से भर जाए और पत्तियां और तना ढक जाएं.
कमल की खेती करने से पहले खेतों की जुताई कर लें. कमल की बुवाई बीज और कलम दोनों तरीके से की जा सकती है. जुताई के बाद खेतों में कमल के बीज लगाएं. दो महीने तक खेत में पानी भरकर रखा जाता है. इसके अलावा खेतों में कीचड़ की व्यवस्था की जाती है, जिससे फसल का विकास बेहद तेजी से होता है.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today