किसानों के लिए फायदे का सौदा है सरसों की खेती, यहां मिल रहा सस्ते में बीज

किसानों के लिए फायदे का सौदा है सरसों की खेती, यहां मिल रहा सस्ते में बीज

वैसे तो सरसों की बुवाई अक्टूबर में की जाती है, लेकिन अगर आप इसकी अगेती वैरायटी की खेती करना चाहते हैं तो ये समय बेस्ट है. ऐसे में अगर आप सरसों की खेती करना चाहते हैं तो सरकारी संस्थान एनएससी से ऑनलाइन बीज खरीद सकते हैं.

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किसानों के लिए फायदे का सौदा है सरसों की खेती, यहां मिल रहा सस्ते में बीजसरसों की खेती

सितंबर आते ही किसान सरसों की खेती की तैयारी में लग जाते हैं. सरसों रबी की एक प्रमुख तिलहन फसल है. इसकी खेती कम सिंचाई और कम लागत में आसानी से हो जाती है. साथ ही सरसों के तेल की डिमांड बाजारों में हमेशा बनी रहती है, क्योंकि सरसों के तेल के कई फायदे होते हैं. वहीं, किसान खेत तैयार करने से पहले बीजों की अलग-अलग किस्मों की व्यवस्था में लग जाते हैं. ऐसे में अगर आप भी सरसों की खेती करने के लिए किसी किस्म की तलाश कर रहे हैं, तो आप पूसा मस्टर्ड-32 किस्म का बीज NSC से ऑनलाइन अपने घर पर मंगवा सकते हैं.

यहां से खरीदें सरसों के बीज

किसान अब तेजी से तिलहन फसलों की खेती करने लगे हैं. इससे किसानों की बंपर कमाई भी हो रही है. इसलिए किसान बड़े स्तर पर सरसों उगा रहे हैं. ऐसे में किसानों की सुविधा के लिए राष्ट्रीय बीज निगम ऑनलाइन सरसों की अगेती किस्म का बीज बेच रहा है. इस बीज को आप एनएससी के ऑनलाइन स्टोर की वेबसाइट के लिंक पर जाकर ऑनलाइन ऑर्डर कर सकते हैं.

बीज की कीमत और खासियत

सरसों की पूसा मस्टर्ड-32 किस्म भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) पूसा द्वारा विकसित की गई है. ये किस्म सफेद रतुआ रोग प्रतिरोधी, कम इरुसिक एसिड और ग्लूकोसिनोलेट वाली स्वस्थ सरसों है, जो 100 दिनों में पक जाती है और लगभग 25-27 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की उपज देती है, जिससे किसानों को अधिक लाभ होता है. ये किस्म पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और अन्य मैदानी क्षेत्रों के लिए उपयुक्त है. बात करें बीज की कीमत की तो इसके 2 किलो का पैकेट फिलहाल 14 फीसदी छूट के साथ मात्र 300 रुपये में राष्ट्रीय बीज निगम की वेबसाइट पर मिल जाएगा. इसे खरीद कर आप आसानी से सरसों की खेती कर बेहतर मुनाफा कमा सकते हैं.

ऐसे करें सरसों की खेती

सरसों की खेती के लिए दोमट और बलुई मिट्टी उत्तम होती है. खेती के लिए मिट्टी को भुरभुरी बनाना आवश्यक होता है. साथ ही इसकी बुवाई सितंबर से अक्टूबर के बीच करनी चाहिए. वहीं, बीज को पंक्तियों में 45-50 सेमी की दूरी पर बुवाई करें. फसल में खाद और उर्वरक के रूप में गोबर की खाद, डीएपी, यूरिया और सल्फर का प्रयोग करें. इस तरीके से सरसों की खेती करने पर किसानों को अधिक पैदावार  मिलती है. 

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