एक दौर था जब हमारे यहां लोग आयुर्वेदिक तरीके से गंभीर से गंभीर बीमारियां ठीक कर लेते थे. आयुर्वेद में पान के पत्तों का बड़ा खास महत्व है. पान बनारस वाला हो या मगध वाला, चबाने वाले की जबान लाल होने के साथ सेहत भी दुरुस्त कर देता है. पनवाड़ी की दुकान में मिलने वाला पान आपके आंगन में ही मिल जाएगा, लेकिन कैसे? इस खबर में घर पर पान उगाने का आसान तरीका बताने जा रहे हैं. इसके लिए बहुत तामझाम करने की भी जरूरत नहीं है, आप एकदम देसी तरीके से और सीमित देखभाल में लहलहाता हुआ पान का पौधा तैयार कर सकते हैं.
घर पर पान उगाने के लिए आपके पास जिन चीजों की जरूरत पड़ने वाली है पहले उसके बारे में बता देते हैं. सबसे पहले किसी गमले वाले की दुकान पर जाकर एक ऐसा गमला लाना है जिसकी गहराई लगभग 10-12 इंच की हो. इस बात का ध्यान जरूर रखें कि इस गमले के नीचे छेद हो. गमले में छेंद होने से जलभराव नहीं होता साथ ही मिट्टी में एरेशन बना रहता है. अब गमले में भरी जाने वाली मिट्टी को भी खास तरीके से तैयार करना है. सबसे पहले मिट्टी लें और उसे तोड़कर अच्छी तरह से भुरभुरी कर लीजिए. इस मिट्टी को 2 दिन तक धूप में सुखाना है ताकि इसकी पूरी नमी निकल जाए. नमी होने पर मिट्टी में फंगस का भी खतरा बढ़ जाता है.
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अब जितनी मिट्टी है उतनी ही वर्मी या गोबर की कंपोस्ट मिलाएं और गमले में भरें. वर्मी कंपोस्ट आपको खाद-बीज की दुकान में आसानी से मिल जाएगी. अब गमले में बीज या पान की बेल रोपनी है, ये बेल आपको नर्सरी में आसानी से मिल जाएगी. रोपाई के तुरंत बाद हल्का पानी डालें और गमले को ऐसी जगह पर रखें जहां दिनभर धूप आती हो.
कुछ लोग पौधे लगा लेते हैं लेकिन उसमें पत्ते नहीं आते हैं. पान के पौधे से अच्छे पत्ते पाने के लिए उसकी खास देखभाल करने की जरूरत होती है. पान के पौधे से अच्छे पाने पाने के लिए हवा, पानी, खाद और प्रकाश उसकी बेसिक जरूरत होती है. पौधे को ऐसी जगह पर रखें जहां धूप और हवा आती हो. खाद और पानी देने का सही समय और सही मात्रा भी जाननी चाहिए. रोपाई के एक महीने बाद दो चम्मच वर्मी कंपोस्ट दें. इससे पौधों में नए-नए पत्ते फूटने लगेंगे. पान के पौधों को पानी देने से पहले छू कर मिट्टी की नमी जांच लीजिए. जब आपको महसूस हो कि मिट्टी सूख रही है तभी पानी देना चाहिए. जलभराव से बचना चाहिए. इस तरीके से 45-50 दिनों में ही पान के पत्ते उपयोग करने लायक हो जाएंगे.
पान के पत्तों में एंटी ऑक्सीडेंट, एंटी इंफ्लेमेटरी गुण, नियासिन, टैनिन, विटामिन सी, कैल्शियम, कोरोटिन जैसे ढेरों पोषक तत्व पाए जाते हैं. पान के पत्ते चबाने से ब्लड शुगर के लेवल को कंट्रोल में रहता है,बैक्टीरियल इंफेक्शन दूर किया जा सकता है, थायराइड को कंट्रोल किया जा सकता है, इससे फेफड़े और सांस नलिका की सफाई होती है. ओरल हेल्थ और पाचन के लिए भी पान के फायदे बताए जाते हैं. हालांकि जरूरत से ज्यादा पान नहीं खाना चाहिए. नियमित रूप से भी इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर की सलाह लें.
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