बहुत आसान है अपराजिता लगाना, फायदे इतने कि हर घर में होना चाहिए ये पौधा

बहुत आसान है अपराजिता लगाना, फायदे इतने कि हर घर में होना चाहिए ये पौधा

आज भी हमारे देश में ऐसे बहुत से लोग हैं जो आयुर्वेद पर विश्वास करते हैं. आज आपको ऐसे ही एक आयुर्वेदिक गुणों से भरपूर पौधे के बारे में बताने जा रहे हैं जिसका नाम अपराजिता है. अपराजिता के पौधे को तैयार करने के तरीके के साथ ही उसके फायदे और उपयोग का तरीका बताने जा रहे हैं.

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बहुत आसान है अपराजिता लगाना, फायदे इतने कि हर घर में होना चाहिए ये पौधाअपराजिता के फायदे

हमारे देश में ज्यादातर लोग होम गार्डनिंग करने लगे हैं. घर पर बागवानी करने वाले लोग हमेशा अपने गार्डन में कुछ अलग और फायदेमंद चीजें उगाना चाहते हैं. आज भी देश में बहुत से लोग हैं जो आयुर्वेद पर भरोसा कर औषधीय पौधे लगाते हैं. आज आपको ऐसे ही एक खास औषधीय फूल के बारे में बताने जा रहे हैं जो देखने में काफी खूबसूरत लगने के साथ बहुत ही फायदेमंद है. हम बात कर रहे हैं अपराजिता के पौधे की. अपराजिता के पौधे की बात आए तो ज्यादातर लोग सोचते हैं कि इसे आसानी से नहीं उगाया जा सकता. आज आपको जो टिप्स बताने जा रहे हैं उसका इस्तेमाल करने पर बहुत ही आसानी से घर पर अपराजिता का पौधा लगा सकते हैं. 

पौधा लगाने की विधि

अपराजिता के पौधे को विष्णुकांता या शंकरपुष्पी नाम से भी जाना जाता है. हरी पत्ती और नीले फूल वाले इस पौधे को उगाने का आसान तरीका जान लेते हैं. अपराजिता को आप बीजों की मदद से लगा सकते हैं. ये बीज आपको किसी भी चिर-परिचित के घर लगे पुराने अपराजिता के पौधे से मिल जाएंगे. नहीं तो नर्सरी या बीज भंडार में आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं. सबसे पहले एक छोटे साइज का गमला ले लीजिए. इस गमले में आधी मिट्टी और आधी सड़े हुए गोबर की खाद एक साथ मिलाकर भर दीजिए. इसमें एक से दो इंच की गहराई में बीज रोप दीजिए. 

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बीज रोपने के तुरंत बाद बहुत हल्का पानी डालकर ऐसी जगह पर रखें जहां धूप आती हो. हालांकि शुरुआत में सूरज की तेज रोशनी से भी बचाना होगा. रोजाना गमले में मिट्टी की नमी हाथ से चेक करने के बाद हल्का सा पानी डाल दीजिए. 12-15 दिनों में आप देखेंगे कि बीज अंकुरित हो गए हैं और इसमें हल्की पत्तियां फूटने लगी हैं. जब पौधे करीब 6 इंच के हो जाएं तो इसे बड़े गमले में रोप दीजिए.

पौधों की अच्छी ग्रोथ का तरीका

कई बार ऐसा होता है कि एक समय के बाद पौधों की ग्रोथ रुक जाती है. पौधों की अच्छी ग्रोथ के लिए हवा, पानी और प्रकाश का सही संतुलन बना कर रखना चाहिए. पौधे को कभी भी अंधेरे वाली जगह पर ना रखें. इससे वे सूर्य की किरणों से प्रकाश संश्लेषण की क्रिया नहीं कर पाएंगे. पौधों को कभी भी जरूरत से ज्यादा पानी नहीं देना चाहिए. जब भी सिंचाई करें पहले मिट्टी की नमी छू कर देख लें, अगर महसूस हो कि मिट्टी सूखी है तो केवल गीली करने जितनी सिंचाई भी पर्याप्त है. पौधों में 45 दिनों बाद एक मुट्ठी वर्मी कंपोस्ट दें. पौधे की सूखी पत्ती और टहनियों की कटाई-छंटाई जरूर करें. 

अपराजिता के फायदे

अपराजिता के फूलों में एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-फंगल और एंटी-डायबिटिक गुण होते हैं. ये हमारी इम्यूनिटी बूस्ट कर हमें कई तरह के संक्रमण से लड़ने की शक्ति देता है. अपराजिता के फूल बॉडी इंफेक्शन से लड़ने में मदद करते हैं जिससे बुखार से भी राहत मिलती है. अपच, एसिडिटी और गैस की समस्या से भी छुटकारा दिलाते हैं. इनके सेवन से बॉडी डिटॉक्स होती है और टॉक्सिन बाहर आते हैं. अपराजिता के फूल हमारी स्किन को स्मूथ बनाते हैं. साथ ही रंग निखर कर आता है. 

अपराजिता का यूज कैसे करें

अपराजिता के फूल, पत्ते और बीज का इस्तेमाल किया जाता है. इनके 10-12 पत्तों को पानी में उबालकर काढ़ा बनाकर पी सकते हैं. इनके बीजों को पीसकर पाउडर बनाएं और इनके फूलों का इस्तेमाल करने जा रहे हैं तो इसकी चाय बनाकर पिया जाता है. अपराजिता की जड़ों का लेप बनाकर भी स्किन में लगाया जाता है. हालांकि किसी भी रूप में इस्तेमाल करने से पहले अपने डॉक्टर या एक्सपर्ट से जरूर सलाह लें. 

 

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