हमारे देश में अब ज्यादातर लोग होम गार्डनिंग की ओर रुख कर रहे हैं. पहले शहरों में रहने वाले लोग जगह की कमी के चलते गमलों में सजावटी फूल उगाते थे. धीरे-धीरे लोग फल और सब्जियों के पौधे भी गमले में उगाने लगे. हालांकि गमले में सब्जी-फल और मसाले उगाने के अपने फायदे हैं. आपको घर में ही ताजे और पोषक गुणों से भरपूर फल मिल जाते हैं. साथ ही सब्जियां और मसाले खरीदने में आने वाले खर्च को भी बचा सकते हैं. इन दिनों सर्दियां आ रही हैं और रबी सीजन की बुवाई भी चल रही है. आइए जान लेते हैं कि इन दिनों कौन सी सब्जियां उगा सकते हैं.
अगर आप किचन गार्डनिंग के शौकीन हैं या फिर गार्डन में कोई नया प्रयोग करना चाहते हैं तो सब्जियों के पौधे लगाएं. इन दिनों पांच खास सब्जियां उगा सकते हैं जो दो से तीन महीने में तैयार हो जाती हैं. इन सब्जियों में गाजर, मिर्च, गोभी, टमाटर और पालक शामिल हैं.
अगर आपके पास गार्डन है तो मिट्टी की जुताई करें, छोटी-छोटी क्यारियां बनाएं और इन क्यारियों के भीतर अलग-अलग सब्जियां उगाएं. अगर आपके पास जगह की कमी तो आप बालकनी और छत पर गमले में भी पौधे लगा सकते हैं. आइए गमले में पौधे लगाने की टिप्स जानें.
गमलों में पौधे लगाने से पहले गमले की साइज के बारे में जान लेना बहुत जरूरी होता है. अगर आप गाजर, मूली, चुकंदर या जड़ वाले पौधों के लिए गमला चुन रहे हैं तो कम से कम 12 इंच गहराई वाले गमले लें. गोभी के लिए 14-18 इंच गहराई वाले पौधे और पालक के लिए 10-12 इंच गहराई वाले गमले या कंटेनर का यूज करें. मिर्च के लिए 8 इंच गहराई वाले गमले भी पर्याप्त हैं.
गार्डनिंग करते हुए गमले में भरी जाने वाली मिट्टी एकदम सूखी और भुरभुरी होनी चाहिए. गमले में मिट्टी भरते समय सही अंकुरण के लिए इसमें थोड़ी रेत और वर्मी कंपोस्ट मिलाएं. मिट्टी के साथ 2:1:1 मिट्टी, खाद और रेत होनी चाहिए. इसी में बीज या पौध की रोपाई करनी चाहिए. इससे पौधों की अच्छी ग्रोथ होगी.
गमले का साइज, खाद-पानी की सही जानकारी के साथ ही गार्डनिंग के लिए सही जगह के बारे में जानना भी बहुत जरूरी है. गार्डनिंग के लिए हवा, प्रकाश और ताप का संतुलन भी बहुत जरूरी है. गार्डन या गमला ऐसी जगह पर होना चाहिए जहां पर दिन की कम से कम 8 घंटे की धूप आती रहे. आप जानते होंगे कि पौधे सूर्य की रोशनी से प्रकाश संश्लेषण क्रिया कर अपना भोजन बनाते हैं.
पौधों को कितना पानी देना है इसके बारे में जानना बहुत जरूरी है. गमले में लगे पौधों को सींचने के लिए वॉटरिंग कैन का इस्तेमाल करें ताकि अधिक पानी ना जाए. क्योंकि पौधों को कभी भी जरूरत से ज्यादा पानी नहीं देना चाहिए. इससे पौधों की जड़ सड़ने लगती है. साथ ही मिट्टी में फंगस या अन्य कीटों का खतरा बना रहता है.
आपके पास गार्डनिंग की पर्याप्त जगह ना भी तो भी आप गमलों में फल सब्जी जरूर उगाएं. इससे आपको घर में ही ताजे फल-सब्जियां और मसाले मिल जाएंगे. किचन गार्डनिंग पूरी तरह से ऑर्गेनिक तरीके से करें. इससे मिलने वाले उत्पाद हमारे स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद होते हैं. साथ ही कुछ दिनों तक सब्जियां खरीदने की भी जरूरत नहीं होती है.
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