एलोवेरा एक ऐसा पौधा है जिसे हर घर की महिलाएं लगाना पसंद करती हैं. कुछ महिलाएं इसकी सब्जी बनाती हैं, तो कुछ लोग इसे अपने त्वचा पर भी लगाते हैं. एलोवेरा को ग्वारपाठा, घृतकुमारी या क्वारगंदल भी कहते हैं. यह पौधा कई तरह के औषधीय गुणों से युक्त होता है. इस पौधे को दर्द निवारक पौधा भी कहा जाता है, क्योंकि यह जलने पर, घाव होने पर, चोट लगने पर, गठिया होने पर, चर्म रोग में, पुराने बुखार में, अस्थमा, पेट रोग और कैंसर जैसी बीमारियों में काफी उपयोगी होता है. साथ ही लोग इसका जूस बनाकर भी पीते हैं. यह घर के सौंदर्य को भी बढाता है. पर इस पौधे पर ध्यान न देने पर इसके पत्ते पीले भी पड़ने लगते हैं. मसलन अगर इसकी जड़ों में सड़न आ जाए तो इसका पौधा खराब होने लगता है. ऐसे में आइए पत्तों में पीलापन होने के कारण और बचाने के उपाय जानते हैं-
एक ताजे और स्वस्थ एलोवेरा का पौधा मजबूत और हरा होता है. मगर पत्तियों का भूरा होना और फिर उसका पीलापन पड़ना दर्शाता है कि आपका पौधा खराब हो रहा है. एलोवेरा की पत्तियों के पीले होने के कई कारण होते हैं.
पौधे को जीवित रखने के लिए पानी देना जरूरी होता है, लेकिन बहुत अधिक पानी देना पौधे के लिए काफी नुकसानदायक होता है. अधिक पानी जड़ को नरम करता है. जिससे उसमें फंगस और रोग लगने लगते हैं. और धीरे-धीरे करके पौधा कमजोर होने लगता है और पत्तियां पीली होने लगती है.
एलोवेरा का पौधा तेज धूप में अच्छा विकास करता है. पर्याप्त धूप न मिलने के कारण भी इसकी पत्तियां पीली पड़ने लगती हैं. क्योंकि इसे कम रोशनी में रखने पर यह कमजोर हो जाता है और फिर पत्ते पीले होने लगते हैं.
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एलोवेरा के पौधे को ठीक से पानी देने पर यह पौधा अच्छा विकास करता है, क्योंकि एलोवेरा एक रेगिस्तानी पौधा है. इसे जल निकासी वाले गमले में लगाने से पीलेपन से छुटकारा मिलता है. साथ ही पौधे को तब ही पानी देनी चाहिए जब उसकी मिट्टी सूखी हो. खास करके सर्दियों में इसके पौधे को कम पानी देनी चाहिए.
एलोवेरा के पौधे को गलत तरीके से खाद देने से इसके पौधे पीले पड़ जाते हैं. इसलिए एलोवेरा के पौधे को सिर्फ गर्मियों के शुरुआत में ही खाद देनी चाहिए. साथ ही इसके पौधे को उचित धूप में रखने पर उसका पीलापन दूर हो जाता है.
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