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इस बार 115 लाख टन तक जा सकती है सरसों की पैदावार, उत्पादन में अव्वल रहेंगे ये दो राज्य

इस बार 115 लाख टन तक जा सकती है सरसों की पैदावार, उत्पादन में अव्वल रहेंगे ये दो राज्य

एसईए ने एक अनुमान में बताया है कि देश में इस बार सरसों की रिकॉर्ड पैदावार 115 लाख टन से अधिक रह सकती है. इसमें पहले नंबर पर राजस्थान जबकि दूसरे पर मध्य प्रदेश रहेगा. इसके बाद उत्तर प्रदेश और हरियाणा के नाम हैं. सरसों की बढ़ती कीमतों के देखते हुए किसानों ने इसकी बंपर खेती की है.

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देश में इस बार सरसों का रिकॉर्ड उत्पादन होने का अनुमान है देश में इस बार सरसों का रिकॉर्ड उत्पादन होने का अनुमान है

देश में इस साल सरसों का रिकॉर्ड उत्पादन होने का अनुमान है. सॉलवेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन यानी कि SEA ने एक अनुमान में बताया है कि देश में इस साल 115.25 लाख टन सरसों की पैदावार निकल सकती है. एसईए ने साल 2021-22 में 110 लाख टन सरसों उत्पादन का अनुमान जताया था. इस साल कई राज्यों में सरसों की बंपर खेती हुई है. इन राज्यों में राजस्थान, हरियाणा और मध्य प्रदेश के नाम प्रमुख हैं. बीते साल और मौजूदा वर्ष में सरसों तेल के रेट बढ़ने से किसानों ने बड़े पैमाने पर सरसों की खेती की है. यही वजह है कि इस साल सरसों के रिकॉर्ड उत्पादन का अनुमान जताया जा रहा है.

उत्पादन का अनुमान जारी करते हुए SEA ने कहा कि बीते साल में किसानों को सरसों की बहुत अच्छी कीमतें मिली हैं जिससे उत्साहित होकर मौजूदा सीजन में सरसों की बंपर बुआई की गई. इससे देश में रिकॉर्ड तिलहन के उत्पादन की उम्मीद जताई जा रही है. उत्पादन बढ़ने की एक बड़ी वजह ये भी है कि सरसों उत्पादक राज्यों में इस साल मौसम अच्छा है और थोड़ी-बहुत बेमौसम बारिश को छोड़ दें तो मौसम से मदद मिली है.

इस महीने के शुरू में SEA  ने देशव्यापी फसली सर्वे कराया था जिसमें सरसों के बंपर उत्पादन की बात निकल कर सामने आई है. कुल अनुमानित उत्पादन 115.25 लाख टन में सबसे बड़ी मात्रा राजस्थान से आती दिख रही है. अनुमान के मुताबिक, राजस्थान में इस साल 44.95 लाख टन सरसों की पैदावार मिल सकती है. इसके बाद दूसरे स्थान पर मध्य प्रदेश है जहां से 18.03 लाख टन उत्पादन मिल सकता है. इसके बाद उत्तर प्रदेश में 16.69 लाख टन और हरियाणा में 11.47 लाख टन सरसों का उत्पादन मिलने की संभावना है.

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इससे पहले फरवरी में केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने सरसों के उत्पादन का अनुमान जारी किया था. मंत्रालय ने कहा था कि 2022-23 में 128.18 लाख टन सरसों की पैदावार की संभावना जताई गई. साल भर पहले 2021-22 में सरसों का उत्पादन 119.63 लाख टन रहने की बात कही गई थी. SEA ने इस साल सरसों का उत्पादन 115.25 लाख टन रहने का अनुमान जारी किया है.

देश में नौ ऐसे राज्य हैं जहां सरसों का उत्पादन अधिक होता है. इन सभी राज्यों में उत्पादन को लेकर एक प्राइमरी सर्वे कराया गया था. सर्वे बताता है कि देश में इस साल 95.77 लाख हेक्टेयर में सरसों की खेती की गई है. हालांकि कृषि मंत्रालय ने पहले 98.02 लाख हेक्टेयर में खेती होने का अनुमान जताया था जो गिरकर 95.77 लाख हेक्टेयर पर आ गया है.

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इसमें सबसे अधिक राजस्थान में खेती का अनुमान है जहां का रकबा 37.43 लाख हेक्टेयर है. उत्तर प्रदेश में 14 लाख हेक्टेयर और मध्य प्रदेश में 13.23 लाख हेक्टेयर रकबे का अनुमान है. देश में तिलहन का उत्पादन बढ़ाने के लिए सरकार की तरफ से तिलहन प्रोजेक्ट भी चलाया जा रहा है. इसमें एक प्रोजेक्ट 'मॉडल मस्टर्ड फार्म प्रोजेक्ट' है जिसका विजन 2025-26 तक देश में 200 लाख टन सरसों का उत्पादन पहुंचाने का लक्ष्य है.