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पराली प्रबंधन के लिए गांव-गांव में अभियान शुरू, किसानों को नुकसान और फायदे बताने के लिए टीमें बनीं 

पराली प्रबंधन के लिए गांव-गांव में अभियान शुरू, किसानों को नुकसान और फायदे बताने के लिए टीमें बनीं 

सुप्रीमकोर्ट की ओर से पंजाब को पराली जलाने के मामलों से निपटने को लेकर मिली कड़ी नसीहत के बाद राज्य सरकार ने इसे रोकने पर तेजी दिखाते हुए उच्च अधिकारियों को ऐसे मामलों को रोकने के लिए निर्देशित किया है और टीमों को गठन के साथ ही जागरूकता अभियान चलाने को कहा गया है. में होशियारपुर जिले के कई गावों में जागरूकता अभियान चलाया गया.

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पराली जलाने की घटनाएं रोकने के लिए पंजाब में गांव-गांव में जागरूकता अभियान शुरू किया गया है. (सांकेतिक तस्वीर) पराली जलाने की घटनाएं रोकने के लिए पंजाब में गांव-गांव में जागरूकता अभियान शुरू किया गया है. (सांकेतिक तस्वीर)

पंजाब में हर बीतते दिन के साथ खेत में पराली जलाने के मामलों में बढ़ोत्तरी देखी जा रही है. हालांकि, बीते साल की तुलना में खेत में आग लगाने के मामलों में 26 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है. लेकिन, बीते सप्ताह से लगातर बढ़ती घटनाओं को रोकने के लिए राज्य सरकार की ओर से गांव-गांव में जागरूकता अभियान शुरू कर दिया गया है. अभियान के तहत 32 से अधिक टीमें बनाई गई हैं, जो किसानों को पराली जलाने के नुकसान के बारे में बताएंगी और पराली प्रबंधन के सटीक तरीके समझाएंगी. 

गांव और ब्लॉक स्तर पर जागरूकता अभियान 

सुप्रीमकोर्ट की ओर से पंजाब को पराली जलाने के मामलों से निपटने को लेकर मिली कड़ी नसीहत के बाद राज्य सरकार ने इसे रोकने पर तेजी दिखाई है. राज्य भर के कमिश्नर, डिप्टी कमिश्नर समेत उच्च अधिकारियों को ऐसे मामलों को रोकने के लिए निर्देशित किया गया है और टीमों को गठन के साथ ही जागरूकता अभियान चलाने को कहा गया है. इसी कड़ी में होशियारपुर जिले के डिप्टी कमिश्ननर ने पराली जलाने के खिलाफ जागरूकता फैलाने के लिए इलाके के गांवों का दौरा किया है. 

निगरानी के लिए 32 टीमें तैनात की गईं 

एजेंसी के अनुसार होशियारपुर की डिप्टी कमिश्नर कोमल मित्तल ने बीते दिन शनिवार को जिले के भूलपुर गांव का दौरा किया और पराली जलाने के खिलाफ किसानों को जागरूक किया. उन्होंने कहा कि फसल अवशेषों से निपटने के लिए उपलब्ध मशीनों और तकनीकों के इस्तेमाल करने को कहा. जिला प्रशासन की टीमें किसानों को मिट्टी की उर्वरता, पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य पर पराली जलाने के हानिकारक प्रभावों के बारे में शिक्षित करने के लिए विभिन्न ब्लॉकों का दौरा कर रही हैं. पराली जलाने के खिलाफ जागरूकता फैलाने और निगरानी के लिए 32 टीमें बनाई गई हैं, जिनमें से 10 टीमें विशेष रूप से होशियारपुर जिले के टांडा ब्लॉक में सक्रिय हैं.

मिट्टी की उर्वरता पर पड़ रहा बुरा असर 

डिप्टी कमिश्नर ने किसानों से बातचीत की और उन्हें फसल अवशेष प्रबंधन के लिए आवश्यक मशीनरी उपलब्ध कराकर प्रशासन के प्रयासों की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि किसानों को आवश्यक उपकरण आसानी से दिलाने में सहायता के लिए कृषि विभाग के अधिकारियों के संपर्क नंबर साझा किए गए हैं. वहीं, एसएसपी लांबा ने किसानों को बताया कि पराली जलाने से मिट्टी की उर्वरता कम होती है और पर्यावरण को नुकसान पहुंचता है. 

जिलावार पराली जलाने के मामले 

पंजाब रिमोट सेंसिंग सेंटर के आंकड़ों के अनुसार 15 सितंबर से 2 नवंबर तक राज्य में खेतों में आग लगने की 3,916 घटनाएं हुई हैं. शनिवार को पंजाब में खेतों में आग लगने के 379 मामले सामने आए, हालांकि, होशियारपुर जिले से केवल दो मामले सामने आए. शनिवार को फिरोजपुर जिले में खेतों में आग लगने की 50 घटनाएं दर्ज की गईं, तरनतारन में 42, अमृतसर में 27, बठिंडा में 28, मोगा में 26, पटियाला में 21 और कपूरथला और लुधियाना में 15-15 घटनाएं दर्ज की गईं. इसके अलावा फाजिल्का (एक), रूपनगर (दो), होशियारपुर (दो), फरीदकोट (छह), जालंधर (आठ), मलेरकोटला (पांच), बरनाला (छह) और एसबीएस नगर (तीन) मामले सामने आए हैं. 

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