खेती-किसानी में जुलाई का महीना काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. जुलाई महीने में देश के सभी राज्यों में बारिश यानी मॉनसून की शुरुआत हो जाती है. ऐसे में यह समय खेती से जुड़े कामों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि खरीफ सीजन में किसान खरीफ की मुख्य फसल धान सहित कई अलग-अलग फसलों और फलों की भी खेती करते हैं. अगर आप खेती-किसानी या कृषि व्यवसाय से जुड़े हैं तो इस समय किए जाने वाले कुछ महत्वपूर्ण कृषि कामों की जानकारी होना आवश्यक है. ऐसे में बिहार कृषि विभाग की ओर से इस महीने किन फसलों में क्या करना है, उसकी जानकारी दी गई है. आइए जानते हैं कि किसान जुलाई के महीने में अपने खेतों में क्या करें.
1. फलदार वृक्षों को लगाएं: फलों के नए बाग लगाने के लिए पहले से तैयार गड्डों में इस माह के अंत तक पौधे लगा दें. दरअसल, जुलाई के महीने में किसान बारिश होने के साथ ही आम, लीची, आदि का पौधा लगा सकते हैं.
2. इन फसलों का बीज उपचार करें: जुलाई के महीने में सब्जियों वाली फसलों की खेती करना अच्छा माना जाता है. इस महीने में किसान मिर्च, टमाटर, अगेती गोभी की खेती कर सकते हैं. लेकिन इन सभी सब्जियों को उगाने से पहले उसका बीज उपचार जरूर कर लें.
3. संकर बाजरा की खेती करें: बाजरा की खेती के लिए जुलाई का महीना सबसे उपयुक्त होता है. इस महीने में अगर आप बाजरे में बुवाई कर रहे हैं तो इसके संकर किस्मों का चयन करें. साथ ही बाजरे की बुवाई जुलाई के दूसरे और तीसरे सप्ताह में करें.
जुलाई का महीना खरीफ फसलों की बुवाई और सब्जियों की खेती के लिए महत्वपूर्ण होता है. इस महीने में किसान धान, मक्का, बाजरा, मूंगफली, सोयाबीन जैसी फसलों की बुवाई कर सकते हैं. इसके अलावा इस महीने दलहनी फसलों में उड़द, मूंग, अरहर जैसी फसलों की बुवाई की जाती है. साथ ही सब्जियों में भिंडी, लौकी, करेला, बैंगन, मिर्च, टमाटर, तोरई, फूलगोभी, पत्तागोभी, प्याज आदि सब्जियां उगाई जाती हैं.
जल निकासी: इस महीने अचानक भारी बारिश होने की संभावना होती है. ऐसे में नुकसान से बचने के लिए मक्का, गन्ना, कपास, बाजरा और अन्य फसलों में सिंचाई के लिए बनाई नालियों को जल-निकासी के काम में ला सकते हैं. खेत में पानी जमा होने से फसलों का भारी नुकसान हो सकता है. ऐसे में पानी को तालाब में डाल दें और जरूरत पड़ने पर सिंचाई के काम में लाएं.
जल प्रबंधन: धान में रोपाई के बाद हर हफ्ते पुराना पानी खेत से निकालकर ताजा पानी भरना चाहिए. जो की दो इंच से ज्यादा गहरा न हो. यदि खेतों में कम पानी उपलब्ध है तो हल्की सिंचाई करके खेत को सिर्फ गीला रखना चाहिए.
पोषक तत्वों का बचाव: जुलाई के महीने में नाइट्रोजन डालते समय बारिश का विशेष ध्यान रखना चाहिए. इसके अलावा जमीन में काफी नमी होनी चाहिए ताकि यूरिया पूरी तरह धुल जाए. वहीं, अधिक नमी या तुरंत बारिश होने की स्थिति में यूरिया तब तक न डालें जब तक जमीन में नमी उचित मात्रा में नहीं रह जाती.
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