Crop Insurance: हरियाणा के बागवानी किसानों के लिए गुडन्‍यूज! सरकार ने बढ़ाई बीमा योजना की आखिरी तारीख 

Crop Insurance: हरियाणा के बागवानी किसानों के लिए गुडन्‍यूज! सरकार ने बढ़ाई बीमा योजना की आखिरी तारीख 

इस योजना के तहत किसानों को नामांकन के लिए कुल बीमा प्रीमियम का केवल 2.5 प्रतिशत भुगतान करना होगा. बाकी लागत राज्य सरकार उठाएगी. प्रीमियम की वजह से यह योजना उन किसानों के लिए एक तरह का सुरक्षा कवच है जो सब्जी, फल और मसालों की खेती करते हैं. एमबीबीवाई का मकसद प्रतिकूल मौसम स्थितियों के कारण किसानों को होने वाले फसल नुकसान की भरपाई करना है.

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हरियाणा के बागवानी किसानों के लिए गुडन्‍यूज! सरकार ने बढ़ाई बीमा योजना की आखिरी तारीख Haryana Agriculture News: हरियाणा के किसानों को बड़ी राहत

हरियाणा सरकार ने बागवानी किसानों को राहत देने वाला एक बड़ा ऐलान किया है. सरकार ने अब मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना (एमबीबीवाई) के तहत फसल बीमा के लिए आवेदन करने की आखिरी तारीख बढ़ा दी है. पहले यह तारीख 31 मई थी लेकिन अब इसे बढ़ाकर 31 जुलाई कर दिया गया है. इससे किसानों को रजिस्‍ट्रेशन कराने में आसानी होगी. साथ ही उन्‍हें अपनी फसलों को खराब मौसम और प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान से बचाने के लिए भी ज्‍यादा समय मिल जाएगा. 

क्‍या है मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना 

इस योजना के तहत किसानों को नामांकन के लिए कुल बीमा प्रीमियम का केवल 2.5 प्रतिशत भुगतान करना होगा. बाकी लागत राज्य सरकार उठाएगी. प्रीमियम की वजह से यह योजना उन किसानों के लिए एक तरह का सुरक्षा कवच है जो सब्जी, फल और मसालों की खेती करते हैं. एमबीबीवाई का मकसद ओलावृष्टि, बहुत ज्‍यादा गर्मी, पाला, बाढ़, तूफान और आग जैसी प्रतिकूल मौसम स्थितियों के कारण किसानों को होने वाले फसल नुकसान की भरपाई करना है. यह कई तरह की बागवानी फसलों को कवर करती है. साथ ही नुकसान की स्थिति में समय पर आर्थिक मदद सुनिश्चित करती है. 

योजना के कुल कितनी फसलें 

इस योजना के तहत कुल 46 फसलें शामिल हैं:

  • सब्जियों में 23 फसलें हैं जिनमें भिंडी, बैंगन, लौकी, शिमला मिर्च, टमाटर, प्याज, खीरा, कद्दू, तरबूज आदि शामिल हैं. 
  • फलों में 21 फसलें जिसमें आम, अमरूद, किन्नू, नींबू, लीची, अनार, अंगूर, स्ट्रॉबेरी, आदि हैं. 
  • मसालों में 2 फसलें हैं जिनमें हल्दी और लहसुन शामिल हैं. 
     

इंश्‍योरेंस प्रीमियम और कवरेज

इस योजना के तहत सब्जियों और मसाले की प्रति एकड़ फसल पर इंश्‍योरेंस की रकम 30 हजार रुपये तय की गई है. किसानों को इसके लिए सिर्फ 750 रुपये बतौर प्रीमियम देने होते हैं. फलों के लिए यह राशि 40 हजार रुपये है जिसमें किसानों को 1000 रुपये देने होते हैं. 

कितना मुआवजा 

  • 25 फीसदी नुकसान पर किसानों को कोई मुआवजा नहीं मिलता है. 
  • अगर फसल 26 फीसदी से 50 फीसदी तक चौपट होती है तो किसान को 50 फीसदी मुआवजा मिलता है यानी उसे 15 हजार से 20 हजार रुपये तक मिलेंगे. 
  • अगर नुकसान 51 से 75 फीसदी है तो 75 फीसदी तक मुआवजा मिलता है यानी किसान को 22500 रुपये से 30 हजार रुपये तक मिलते हैं. 
  • वहीं फसल अगर 75 प्रतिशत से ज्‍यादा चौपट हो गई है तो मुआवजा 100 फीसदी यानी सब्जियों और मसालों पर 30 हजार और फलों पर 40 हजार रुपये मिलता है. 
  • मुआवजे की रकम किसान के खाते में सीधा ट्रांसफर कर दी जाती है. अधिकारी समिति की तरफ से पहले नुकसान का आकलन किया जाता है. 

जल्‍द से जल्‍द करें अप्‍लाई 

योजना की आखिरी तारीख बढ़ाया जाना उन किसानों के लिए एक फायदेमंद कदम है जो पहले निर्धारित समय सीमा से चूक गए थे. अब वो एक छोटा सा प्रीमियम देकर खेती से होने वाली  अपनी आय को नुकसान से बचा सकेंगे. यह योजना न सिर्फ आर्थिक सुरक्षा मुहैया कराती है बल्कि विशेषज्ञ इसे किसानों का आत्मविश्वास बढ़ाने वाला भी करार देते हैं. ऐसे में जो भी किसान हरियाणा के हैं और बागवानी फसलें उगा रहे हैं, वो इस योजना का फायदा उठाने के लिए 31 जुलाई से पहले अपना रजिस्‍ट्रेशन जरूर पूरा कर लें. 

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