लोग अपने घरों में हमेशा पीली हल्दी का ही इस्तेमाल करते हैं, लेकिन इसका मतलब ये बिल्कुल भी नहीं है कि दुनिया में सिर्फ पीली हल्दी ही होती है. एक नीली हल्दी भी होती है, जो अब भारत में भी तेजी से उगाई जा रही है. यह हल्दी पीली हल्दी के मुकाबले ज्यादा गुणकारी होती है और बाजार में इसकी कीमत भी पीली हल्दी से ज्यादा मिलती है. दरअसल नीली हल्दी खाने के लिए नहीं बल्कि दवाओं के लिए इस्तेमाल की जाती है. खासतौर से आयुर्वेद में इसके कई उपयोग बताए गए हैं.
वहीं अगर आप एक किसान हैं और लाभकारी खेती करने की सोच रहे हैं, तो आप नीली हल्दी की खेती कर सकते हैं. इसकी खेती से आप भारी मुनाफा कमा सकते हैं. ऐसे में आइए जानते हैं कि क्या हैं इस हल्दी के फायदे और कैसे की जाती है इसकी खेती.
पीली हल्दी के मुकाबले नीली हल्दी की खेती करना कठिन होता है, क्योंकि इसे हर तरह की मिट्टी में नहीं उगाया जा सकता. इसकी खेती के लिए सबसे उपयुक्त भुरभुरी दोमट मिट्टी होती है. इस हल्दी की खेती करते समय इस बात का सबसे ज्यादा ध्यान रखना होता है कि इसके खेत में पानी ना लगे. क्योंकि अगर इसके खेत में पानी लगा तो यह पीली हल्दी से भी जल्दी सड़ जाती है. इसलिए नीली हल्दी की खेती ज्यादातर लोग ढलान वाले खेतों में करते हैं, जहां पानी रुकने का कोई आशंका ही ना हो. वहीं नीली हल्दी की खेती करने के लिए जून का महीना सबसे अच्छा होता है. वहीं नीली हल्दी की खेती वर्तमान समय में वियतनाम में की जाती है.
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नीली हल्दी का सबसे ज्यादा इस्तेमाल दवा बनाने के लिए किया जाता है. इसके अलावा नीली हल्दी का इस्तेमाल कॉस्मेटिक प्रोडक्ट बनाने में भी खूब होता है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, निमोनिया, खांसी, बुखार, अस्थमा में भी नीली हल्दी का उपयोग किया जाता है. वहीं इसका लेप माथे पर लगाने से माइग्रेन की समस्या से राहत मिलती है. इसके अलावा, दूध के साथ मिलाकर इसका लेप चेहरे पर लगाने से निखार आता है.
किसानों को नीली हल्दी की खेती करने से दो तरह से मुनाफा होता है, पहला, बाजार में इसकी कीमत ज्यादा मिलती है. दूसरा ये कि ये हल्दी पीली हल्दी के मुकाबले कम जमीन में भी अधिक उपज देती है. वहीं बात करें कीमत की तो बाजार में नीली हल्दी डिमांड के हिसाब से 500 रुपये से 3000 रुपये किलो तक बिकती है. साथ ही उपज की बात करें तो एक एकड़ में नीली हल्दी की उपज 12 से 15 कुंटल के करीब होती है, जो पीली हल्दी के मुकाबले काफी अधिक है. इसलिए अगर आप भी हल्दी की खेती करते हैं तो आपको अब से पीली छोड़ कर नीली हल्दी उगानी चाहिए.
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